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Lockdown के बीच Uttarakhand से राहत भरी खबर, 55 निर्माण कार्य पकड़ेंगे रफ्तार, 46 मंजूर नहीं

कोरोना संक्रमण के बीच लागू किए गए लॉकडाउन से ठप पड़े निर्माण कार्य भी अब छूट वाले क्षेत्रों में रफ्तार पकड़ पाएंगे।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Wed, 22 Apr 2020 06:22 PM (IST)Updated: Wed, 22 Apr 2020 06:22 PM (IST)
Lockdown के बीच Uttarakhand से राहत भरी खबर, 55 निर्माण कार्य पकड़ेंगे रफ्तार, 46 मंजूर नहीं

देहरादून, जेएनएन। कोरोना संक्रमण के बीच लागू किए गए लॉकडाउन से ठप पड़े निर्माण कार्य भी अब छूट वाले क्षेत्रों में रफ्तार पकड़ पाएंगे। इनमें बहुप्रतीक्षित मसूरी की मल्टीलेवल पार्किंग, हरिद्वार-देहरादून राजमार्ग चौड़ीकरण और ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन के निर्माण को जिला प्रशासन ने हरी झंडी दे दी है। इसके अलावा नगर निगम क्षेत्र से बाहर विभिन्न गतिविधियों/कार्यक्रमों के लिए सिटी मजिस्ट्रेट के पास 101 आवेदन आए। इसमें से 55 की अनुमति जारी कर दी गई है। इस अनुमति में मुख्य रूप से एसडीआरएफ, एयरपोर्ट अथॉरिटी और यूजेवीएनएल भी शामिल हैं।

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मसूरी में बाहर से आने वाले पर्यटकों को सबसे अधिक परेशानी पार्किंग को लेकर उठानी पड़ती है। राज्य गठन से लेकर अब तक पर्यटकों की संख्या में करीब साढ़े तीन गुना का इजाफा हो गया है और अब तक हम एक अदद कार पार्किंग भी मुहैया नहीं करा पाए हैं। वर्ष 2015 में किंक्रेग में पांच मंजिला मल्टीलेवल पार्किंग का निर्माण शुरू किया गया था, जिसके इस पर्यटक सीजन में पूरे होने के दावे किए जा रहे थे। लॉकडाउन के चलते यह उम्मीद पहले ही टूट चुकी है। अब राहत की बात यह जरूर है कि कार्यदाई संस्था लोनिवि प्रांतीय खंड को निर्माण की अनुमति जारी कर दी गई है।

फिर रफ्तार पकड़ेगा राजमार्ग चौड़ीकरण

नवंबर 2010 में शुरू किया गया हरिद्वार-देहरादून राजमार्ग (39.025 किमी) का चौड़ीकरण कार्य अब तक अधूरा है। इस वर्ष के शुरुआत में दो नई कंपनियों को 594 करोड़ रुपये के अवशेष काम को पूरा करने की जिम्मेदारी दी थी। काम ने रफ्तार ही पकड़ी थी कि लॉकडाउन की मार इस पर पड़ गई। अब जिला प्रशासन ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) को काम शुरू करने की अनुमति दे दी है। इसके तहत अभी व्यवस्थित ढंग से चौड़ीकरण व तमाम बड़े ढांचों का निर्माण होना बाकी है। चौड़ीकरण के बाद यह दूरी भी 36.52 किमी रह जाएगी।

17 लोगों को मिली शादी करने की अनुमति

नगर निगम क्षेत्र और डोईवाला की दो बस्तियों को छोड़कर सोमवार से विभिन्न कार्यों के लिए अनुमति दी जा रही है। विवाह कार्यक्रम भी इसमें शामिल हैं। यही कारण है कि सशर्त छूट मिलने से अब लोग विवाह कार्यक्रमों के लिए भी अनुमति प्राप्त करने लगे हैं। मंगलवार को सिटी मजिस्ट्रेट और एसडीएम सदर कार्यालय ने 17 लोगों को विवाह की अनुमति दी। हालांकि, विवाह कार्यक्रम में अधिकतम पांच लोग ही शरीक हो सकेंगे। उपजिलाधिकारी कार्यालय में कुल 207 गतिविधियों के लिए पास जारी किए गए।

इन बड़े ढांचों का होगा निर्माण पूरा

एलीफैंट अंडरपास: मोतीचूर, तीनपानी, लालतप्पड़।

बड़े पुल: नेपाली फार्म के पास सुसवा नदी, सौंग नदी, डोईवाला बाईपास और मियांवाला अंडरपास।

ई-कॉमर्स कंपनियों के वाहन नहीं होंगे संचालित

प्रदेश में अब ई-कॉमर्स संचालन करने वाली कंपनियों के व्यावसायिक और निजी वाहनों को चलाने के लिए दी गई छूट केंद्र ने समाप्त कर दी है। इस कड़ी में शासन ने सभी जिलाधिकारियों को आदेश जारी कर दिए हैं। प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार के निर्देशों पर आवश्यक सेवाओं से जुड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों को अपने उत्पाद ऑनलाइन बेचने को मंजूरी दी थी। इसके साथ ही 20 अप्रैल को जारी गाइडलाइन में जरूरी उत्पादों की डिलीवरी के लिए वाहनों को छूट देने का जिक्र किया गया था। कोरोना संक्रमण को देखते हुए केंद्र ने इस छूट के संबंध में दी गई व्यवस्था को गाइडलाइन से हटा दिया है। इसके साथ ही सभी राज्य सरकारों को इसकी सूचना देते हुए नई व्यवस्था के अनुसार ही कार्रवाई करने को कहा गया है।

फूड डिलीवरी प्रतिष्ठानों को 195 पास जारी

सोमवार से जारी सशर्त छूट के तहत जिला प्रशासन ने ई-कॉमर्स/फूड डिलीवरी प्रतिष्ठानों की श्रेणी में 195 पास जारी किए। अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) रामजी शरण शर्मा ने बताया कि ये पास संबंधित प्रतिष्ठानों के कार्मिकों को फूड डिलीवरी के लिए जारी किए गए हैं। हालांकि, सभी को शारीरिक दूरी का सख्ती से पालन कराने की हिदायत दी गई है। साथ ही सभी प्रतिष्ठान अपने यहां थर्मल स्क्रीनिंग सुनिश्चित कराएंगे। सर्वाधिक 87 पास स्वीगी, 42 पास डोमिनोज पिज्जा, 40 पास जोमैटो, 15 पास संगम फूड व 11 पास चिलीज को जारी किए गए हैं। वहीं, छूट के अनुरूप पहले दिन किसी भी राज्य व केंद्र सरकार के प्रतिष्ठानों ने पास के लिए आवेदन नहीं किया। अपर जिलाधिकारी शर्मा के मुताबिक यह छूट नगर निगम सीमा में नहीं है, जबकि सर्वाधिक संस्थान यहीं स्थित हैं।

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यह भी कारण है कि इस श्रेणी में किसी प्रतिष्ठान की तरफ से अनुमति नहीं मांगी गई है। कुछ संस्थान बेशक सीमा से बाहर हैं, मगर वहां से भी किसी तरह का आवेदन अब तक नहीं मिला। उधर, आपातकलीन और अन्य जरूरी सेवाओं से संबंधित अब तक 971 पास जारी किए गए और 3277 आवेदन निरस्त किए गए हैं।

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