Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Uttarakhand Nikay Chunav Result 2025: सभी निकायों में मतगणना जारी, लेकिन इस कारण भाजपा में बढ़ी बेचैनी

    Uttarakhand Nikay Chunav Result 2025 उत्तराखंड निकाय चुनाव 2025 का परिणाम शनिवार को आ जाएगा। मतगणना पर सभी की नजरें हैं लेकिन मतदान प्रतिशत पिछली बार से कम रहने से भाजपा में बेचैनी भी देखी जा रही है। पार्टी सभी निकायों में जीत का दावा कर रही है लेकिन कम मत प्रतिशत के कारणों को लेकर मंथन में भी जुटी है।

    By kedar dutt Edited By: Nirmala Bohra Updated: Sat, 25 Jan 2025 09:17 AM (IST)
    Hero Image
    Uttarakhand Nikay Chunav Result 2025: भाजपा में बेचैनी भी देखी जा रही है। जागरण

    राज्य ब्यूरो, जागरण देहरादून। Uttarakhand Nikay Chunav Result 2025: शनिवार को नगर निकाय चुनाव का परिणाम आ जाएगा। सभी की नजरें मतगणना पर हैं, लेकिन मतदान प्रतिशत पिछली बार से कम रहने से भाजपा में बेचैनी भी देखी जा रही है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यद्यपि, पार्टी सभी निकायों में जीत का दावा अवश्य कर रही है, लेकिन कम मत प्रतिशत के कारणों को लेकर मंथन में भी जुटी है। विशेषकर उन निकायों को लेकर पार्टी चिंतित दिखती है, जहां उसके बागी कार्यकर्ताओं ने मैदान नहीं छोड़ा था। ऐसे में पार्टी नेतृत्व की नजर अब चुनाव परिणाम पर टिक गई है।

    अलग से टोलियां भी बनाई गई थीं

    भाजपा ने निकाय चुनाव प्रचार अभियान के दौरान प्रत्येक मतदाता से संपर्क कर उसे मतदान के लिए प्रेरित करने का दावा किया था। इसके लिए पार्टी पदाधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपने के साथ ही इस कार्य के लिए अलग से टोलियां भी बनाई गई थीं। पार्टी ने यह भी साफ किया था कि उसका लक्ष्य है कि निकायों में इस बार मतदान प्रतिशत पिछली बार से कहीं आगे निकलकर 75 प्रतिशत तक पहुंचे। अब मतदान के 65.41 प्रतिशत तक ही पहुंचने से पार्टी में बेचैनी है।

    यह भी पढ़ें- Uttarakhand Nikay Chunav Result 2025 Live: मतगणना जारी, बाड़ाहाट में पोस्टल बैलेट में अध्यक्ष पद पर निर्दलीय आगे

    मतदान प्रतिशत कम रहने को लेकर शुक्रवार को दिनभर ही पार्टी के भीतर मंथन होता रहा। यह बात मुख्य रूप से सामने आई कि मतदाता सूचियों से बड़ी संख्या में नाम गायब होना इसका बड़ा कारण रहा है। तमाम लोग ऐसे थे, जिन्होंने लोकसभा व विधानसभा चुनाव में वोट डाला, लेकिन निकाय की मतदाता सूची में उनके नाम नहीं थे। इसके लिए अधिकारियों और बीएलएओ को जिम्मेदार ठहराया गया। यह भी कहा गया कि मतदान दिवस के दिन शादी-विवाह भी अधिक थे, जिस कारण काफी संख्या में मतदाता इनमें व्यस्त रहे।

    कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर मतदाता पर्ची पहुंचाने में अधिक दिलचस्पी नहीं दिखाई

    पार्टी सूत्रों के अनुसार मंथन में यह बात भी सामने आई कि तमाम निकायों में पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर मतदाता पर्ची पहुंचाने में अधिक दिलचस्पी नहीं दिखाई गई। पार्टी को उन नगर निकायों की भी चिंता साल रही है, जिनमें पार्टी के बागी चुनाव लड़ रहे हैं। लगभग 30 निकायों में निकाय प्रमुख समेत पार्षद-सभासद पदों पर बागियों ने मैदान नहीं छोड़ा था। यही नहीं, कुछ निकायों में पार्टी में भितरघात की संभावना भी व्यक्त की जा रही है। सूत्रों का कहना है कि निकाय चुनाव के नतीजे आने के बाद इन सभी पहलुओं पर गौर कर पार्टी नेतृत्व कदम उठाएगा।

    मताधिकार का प्रयाेग नहीं कर सके छह पूर्व मुख्यमंत्री

    प्रदेश में नगर निकाय चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत समेत छह पूर्व मुख्यमंत्री मताधिकार का प्रयोग करने से वंचित रहे। गत गुरुवार को नगर निकाय चुनाव के लिए मतदान में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का नाम मतदाता सूची में नहीं होने का मामला तूल पकड़ गया था। यद्यपि, निकाय चुनाव निपटने के बाद जिला निर्वाचन अधिकारी की ओर से वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत का नाम मतदाता सूची में होने की जानकारी दी गई।

    पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी भी मतदाता सूची में नाम में त्रुटि के चलते पिथौरागढ़ क्षेत्र में मतदान से वंचित रहे। पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी बीमारी के चलते अस्पताल में भर्ती हैं। वह मतदान में भाग नहीं ले सके। पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के दिल्ली में होने के कारण मतदान नहीं करने की जानकारी सामने आई है।

    पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार में व्यस्त होने के कारण प्रदेश में निकाय चुनाव के लिए मतदान नहीं कर सके। इसी प्रकार पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत निकाय चुनाव में मतदाता नहीं हैं। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ही निकाय चुनाव में मतदान कर पाए।