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    Uttarakhand News: विश्व बैंक ने स्वीकृत की 1000 करोड़ की बारानी कृषि परियोजना

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Thu, 23 Jun 2022 12:59 PM (IST)

    Uttarakhand News विश्व बैंक ने 1000 करोड़ रुपये की बारानी कृषि परियोजना स्वीकृत की है। इसके धरातल पर उतरने से पर्वतीय क्षेत्र में बारानी खेती को नई ऊंचाईयों पर ले जाने में मदद मिलेगी। जलागम विभाग इस परियोजना का क्रियान्वयन करेगा।

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    Uttarakhand News: विश्व बैंक ने स्वीकृत की 1000 करोड़ की बारानी कृषि परियोजना।

    राज्य ब्यूरो, देहरादून: उत्तराखंड के 95 में से 71 विकासखंडों में खेती पूरी तरह से वर्षा पर निर्भर है। समय पर वर्षा हो गई तो ठीक, अन्यथा बिन पानी सब सून। पर्वतीय क्षेत्र में कृषि के सामने खड़ी इस चुनौती से पार पाने के लिए प्रदेश सरकार के प्रयास अब रंग लाए हैं। इस कड़ी में राज्य की ओर से केंद्र सरकार को विश्व बैंक से वित्त पोषण के लिए 'उत्तराखंड जलवायु अनुकूल बारानी कृषि परियोजना' का प्रस्ताव भेजा गया था। एक हजार करोड़ की इस परियोजना को विश्व बैंक ने स्वीकृति दे दी है। इसके धरातल पर उतरने से पर्वतीय क्षेत्र में बारानी खेती को नई ऊंचाईयों पर ले जाने में मदद मिलेगी।

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    प्रदेश में इस परियोजना का क्रियान्वयन जलागम विभाग करेगा। जलागम से मिली जानकारी के अनुसार परियोजना के अंतर्गत वर्षा आधारित कृषि उत्पादन प्रणाली में संभावना के विस्तार को आधारभूत प्रणाली के तौर पर स्प्रिंग शेड प्रबंधन की अवधारणा से कार्य किया जाएगा। प्रभावी वर्षा जल भंडारण और कुशल जल उपयोग की गतिविधियों के माध्यम से सूक्ष्म में स्थित स्प्रिंग शेड प्रवाह क्षेत्रों में जल उत्पादकता को बढ़ावा दिया जाएगा। साथ ही जलवायु अनुकूल कृषि पद्धतियां अपनाकर बारानी कृषि भूमि की मृदा में जैविक कार्बन की मात्रा में सुधार करते हुए ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी लाने के प्रयास किए जाएंगे।

    बताया गया कि विविध कृषि प्रणाली के अंतर्गत हाइड्रोपोनिक्स (बिना मिट्टी के पेड़-पौधे उगाने की तकनीक) समेत अन्य तकनीकों का अंगीकरण करने के साथ ही कृषि विज्ञान को प्रोत्साहित किया जाएगा। परंपरागत स्थानीय फसलों के प्रमाणित बीज उत्पादन, एकीकृत फसल प्रबंधन रणनीति, किसानों में दक्षता विकास, पारंपरिक फसलों के जैविक प्रमाणीकरण, कृषि उत्पादों के लिए लाभकारी बाजार की उपलब्धता जैसे कदम भी उठाए जाएंगे।

    मानसखंड कारीडोर में सम्मिलित होगा चित्रशिला

    नैनीताल जिले में स्थित चित्रशिला धाम भी कुमाऊं क्षेत्र के मंदिरों के लिए प्रस्तावित मानसखंड कारीडोर में सम्मिलित होगा। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने भाजपा के प्रदेश कार्यालय प्रभारी कौस्तुभानंद जोशी के अनुरोध पर इस संबंध में कार्रवाई के लिए सचिव पर्यटन को निर्देश दिए हैं।

    भाजपा नेता जोशी ने कैबिनेट मंत्री महाराज को पत्र भेजकर चित्रशिला धाम के पौराणिक एवं धार्मिक महत्व से अवगत कराया था। मान्यता है कि भगवान विश्वकर्मा ने इस धाम का निर्माण किया था।

    सदियों से मकर संक्रांति पर्व पर यहां गंगा स्नान मेला आयोजित होता आ रहा है। पत्र में जोशी ने बताया कि वर्तमान में यह स्थान केवल श्मशान घाट बनकर रह गया है। क्षेत्रीय जनता चाहती है कि इस क्षेत्र के सौंदर्यीकरण, स्नान घाट, शौचालय, धर्मशाला जैसी सुविधाओं के दृष्टिगत इसे मानसखंड कारीडोर में शामिल किया जाए। जोशी ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि अब यह धाम शीघ्र ही तीर्थाटन मानचित्र पर जगह बनाने में सफल होगा।