Uttarakhand News: भारत को आत्मनिर्भर बनाने के सपने को साकार कर रही नौसेना, शौर्य गाथा से रूबरू हुए लोग
नौसेना दिवस पर आज सिंध दुर्ग से प्रधानमंत्री ने छत्रपति शिवाजी महाराज के समुद्री क्षेत्र की जानकारी व कौशल महत्ता का वर्णन कर हमें नौसेना व हमारी विराट विरासत से आत्मसात करवाया। नौसेना दिवस पर राष्ट्रीय जल सर्वेक्षण कार्यालय देहरादून की ओर से एट होम कार्यक्रम में नौसेना के आधुनिक व प्राचीन उपकरणों की प्रदर्शनी लगाई गई। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने इस कार्यक्रम में शिरकत की।

जागरण संवाददाता, देहरादून। नौसेना दिवस पर राष्ट्रीय जल सर्वेक्षण कार्यालय देहरादून की ओर से एट होम कार्यक्रम में नौसेना के आधुनिक व प्राचीन उपकरणों की प्रदर्शनी लगाई गई। इसके माध्यम से लोग जल सर्वेक्षण कार्यों और नौसेना की शौर्य गाथा से भी रूबरू हुए।
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने प्रदर्शनी का अवलोकन कर प्रस्तुतीकरण को सराहा। कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारत को आत्मनिर्भर बनाने के सपने को भारतीय नौसेना कौशल से साकार कर रही है। सोमवार को एट होम कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) के साथ उनकी पत्नी गुरमीत कौर ने भी शिरकत की।
राज्यपाल ने नौसेना दिवस पर लोगो को किया संबोधित
राज्यपाल ने नौसेना दिवस की शुभकामना देते हुए कहा कि आज का दिन 1971 के भारत पाक युद्ध के दौरान भारतीय नौसेना के आपरेशन ट्राइडेंट की उपलब्धियों को भी याद करने का दिन है। ट्रांसफार्मेशन, डिजिटलिटी के साथ भारतीय नौसेना का कार्य हम सभी के लिए गर्व की बात है। समुद्री क्षेत्र में भारतीय नौसेना राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने के साथ ही क्षेत्रीय स्थिरता व अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देती है।
कार्यक्रम में ये लोग रहे मौजूद
नौसेना दिवस पर आज सिंध दुर्ग से प्रधानमंत्री ने छत्रपति शिवाजी महाराज के समुद्री क्षेत्र की जानकारी व कौशल महत्ता का वर्णन कर हमें नौसेना व हमारी विराट विरासत से आत्मसात करवाया। इस मौके पर चीफ हाइड्रोग्राफर वाइस एडमिरल अधीर अरोड़ा, ज्वाइंट चीफ हाइड्रोग्राफर रियल एडमिरल लोचन सिंह पठानिया, उत्तराखंड सब एरिया के जीओसी मेजर जनरल आर प्रेमराज, ब्रिगेडियर अर्निबन दत्ता, ब्रिगेडियर उपेंद्र पाल सिंह, ब्रिगेडियर उपेंद्र पाल सिंह समेत नौसेना व भारतीस सेना के अधिकारी व उनके स्वजन शामिल रहे।
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प्रथम द्विभाषीय नौसंचालन मानचित्र का लोकार्पण
कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगान के साथ हुई। इसके बाद सूर्यास्त समारोह के समय राष्ट्रीय व नौसेना के ध्वज का विशेष विधिवत सेना धुन के साथ आरोहण किया गया। राज्यपाल ने प्रथम द्विभाषीय नौसंचालन मानचित्र का लोकार्पण किया। परिसर में लगी नौसेना के आधुनिक व प्राचीन उपकरणों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया। प्रदर्शनी में अधिकारियों ने नौसेना के उपकरणों के कार्य व पूर्व से अब तक आए बदलाव, मानचित्रों के बारे में बताया।
प्रदर्शनी में सर्वे शिप, 122 आइएनएस सर्वेक्षक, आयरन पैडल शिप, थ्री डी चार्ट आदि के बारे में विस्तार से बताया। राज्यपाल ने कहा कि मानचित्र में हिंदी में लिखे शब्द व समझाने का तरीका बेहतर है। सेना की बैंड टीम ने विभिन्न धुनों का प्रदर्शन कर माहौल को संगीतमय बना दिया। नौ सेना दिवस को लेकर इससे पूर्व रक्तदान शिविर, छात्रों के लिए प्रदर्शनी, वेटनर्स के साथ संवाद, हाफ मैराथन आदि कार्यक्रम हुए।

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