उत्तराखंड : एफआरआइ पहुंचे चार राज्यों के 70 वन अधिकारी, सीखे वन संरक्षण के गुर
एफआरआइ में उत्तराखंड उत्तर प्रदेश हरियाणा और पंजाब के 70 वन अधिकारियों ने वन संरक्षण के गुर सीखे। वन अधिकारियों ने एफआरआइ के विज्ञानियों के साथ वनों के संरक्षण पर मंथन किया। इस दौरान वन आनुवांशिक संसाधनों के आकलन पर जानकारी साझा की।

जागरण संवाददाता, देहरादून। वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआइ) में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के वन अधिकारियों ने वन संरक्षण के गुर सीखे। इसके लिए संस्थान में वन आनुवांशिक संसाधन प्रलेखन, विशेषता और संरक्षण विषय पर कार्यशाला आयोजित की गई। इसमें 70 वन अधिकारियों ने एफआरआइ के विज्ञानियों के साथ वनों के संरक्षण पर मंथन किया।
कार्यशाला का आयोजन एफआरआइ ने पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के राष्ट्रीय कैंपा प्राधिकरण के साथ मिलकर किया। इस दौरान एफआरआइ के विज्ञानियों ने दस्तावेजीकरण, पर्यावरण-वितरण मानचित्रण, आनुवांशिक विविधता, जैव रासायनिक लक्षण की पहचान, प्रसार तकनीकों के विकास के माध्यम से उत्तराखंड के वन आनुवांशिक संसाधनों के आकलन पर जानकारी साझा की। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य वानिकी प्रजातियों के लिए अल्पकालिक और दीर्घकालिक संरक्षण योजनाओं को विकसित करने के लिए ज्ञान साझा करना था।
कार्यशाला में हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र में जर्मप्लाज्म विकसित करने के लिए नई तकनीकों पर चर्चा की गई। कार्यशाला में महानिदेशक वन एवं केंद्र सरकार के विशेष सचिव चंद्र प्रकाश गोयल, आइसीएफआरई के निदेशक अरुण सिंह रावत, राष्ट्रीय कैंपा प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुभाष चंद्रा, पर्यावरण एवं वन मंत्रालय से डा. एचएस जिनवाल, एफआरआइ के विज्ञानी डा. एनके उप्रेती, डा. अजय ठाकुर, डा. मनीषा थपलियाल, डा. अनूप चंद्र, डा. अमित पांडे आदि मौजूद रहे।
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