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उत्तराखंड: पुरानी पेंशन बहाली को कर्मचारियों ने भरी हुंकार, बड़ी संख्या में किया सीएम आवास कूच; पुलिस ने रोका

पुरानी पेंशन व्यवस्था को फिर से बहाल करने की मांग को लेकर प्रदेशभर के कार्मिक मुखर हो गए हैैं। नई पेंशन योजना का विरोध करते हुए रविवार को बड़ी संख्या में कार्मिकों ने परेड मैदान से मुख्यमंत्री आवास कूच किया। हालांकि पुलिस ने उन्हें हाथीबड़कला में रोक लिया।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Sun, 07 Nov 2021 11:06 AM (IST)Updated: Sun, 07 Nov 2021 08:51 PM (IST)
दून पहुंचे कर्मचारी, आज मुख्यमंत्री आवास तक निकालेंगे चेतना रैली।

जागरण संवाददाता, देहरादून: पुरानी पेंशन व्यवस्था को फिर से बहाल करने की मांग को लेकर प्रदेशभर के कार्मिक मुखर हो गए हैैं। नई पेंशन योजना का विरोध करते हुए रविवार को बड़ी संख्या में कार्मिकों ने परेड मैदान से मुख्यमंत्री आवास कूच किया। हालांकि, पुलिस ने उन्हें हाथीबड़कला में रोक लिया। ऐसे में कार्मिकों ने वहीं पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सांकेतिक धरना दिया। साथ ही अपनी मांग को लेकर आंदोलन जारी रखने का एलान किया।

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पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत बड़ी संख्या में प्रदेशभर से कार्मिक देहरादून पहुंचे। यहां परेड ग्राउंड में एकत्रित होने के बाद वह रैली की शक्ल में मुख्यमंत्री आवास रवाना हुए।

हाथ में पुरानी पेंशन बहाली के समर्थन में पोस्टर-बैनर लिए कार्मिक सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते चल रहे थे। हाथीबड़कला पहुंचने पर वहां पहले से मौजूद पुलिस बल ने प्रदर्शनकारियों को बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया।

वहां सभा को संबोधित करते हुए संयुक्त मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीपी सिंह रावत ने कहा कि यह सरकार के लिए निर्णायक समय है, इसलिए कार्मिकों की पुरानी पेंशन बहाली को लेकर वह एक नजीर पेश करते हुए मांग पर कार्रवाई करे। ऐसा नहीं होता है तो कार्मिक आरपार की लड़ाई के लिए तैयार हैैं। उन्होंने कहा कि चेतावनी रैली के रूप में कार्मिकों ने मुख्यमंत्री तक आवाज पहुंचाई है। उम्मीद है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस बाबत शीघ्र कोई सकारात्मक कदम उठाएंगे।

मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अनिल बडोनी ने कहा कि पुरानी पेंशन को लेकर लंबे समय से आंदोलन किया जा रहा है, लेकिन सरकार आंखें मूंदे बैठी है। प्रदेश महासचिव सीताराम पोखरियाल ने कहा कि वर्ष 2005 में पुरानी पेंशन व्यवस्था समाप्त कर नई पेंशन योजना शुरू कर दी गई, जिससे सेवानिवृत्ति के बाद कार्मिक आर्थिक संकट से जूझ रहे हैैं। मंत्री-विधायक से लेकर शासन और मुख्यमंत्री को भी कई बार मांग से अवगत कराया जा चुका है। अब तक कार्रवाई न होना बेहद निराशाजनक है।

कई संगठनों ने दिया समर्थन

उत्तराखंड अधिकारी-कर्मचारी-शिक्षक महासंघ के कार्यकारी अध्यक्ष दीपक जोशी ने पुरानी पेंशन बहाली की मांग को पूर्ण समर्थन देते हुए रैली में शिरकत की। उन्होंने कहा, सरकार को समझना होगा कि पुरानी पेंशन का मुद्दा कितना अहम है और इसे लागू करना ही होगा। राजकीय शिक्षक संघ के निवर्तमान अध्यक्ष कमल किशोर डिमरी ने कहा कि अभी कार्मिक एकता की केवल एक झलक सरकार ने देखी है। अगर सरकार ने पुरानी पेंशन बहाल नहीं की तो आगामी चुनाव में गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।

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