Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    देश में बिजली किल्लत ने बढ़ाई उद्योगपतियों की चिंता, त्योहारी सीजन में लड़खड़ा सकता है उत्पादन

    By Raksha PanthriEdited By:
    Updated: Tue, 12 Oct 2021 01:42 PM (IST)

    बिजली की किल्लत का असर अभी उत्तराखंड के औद्योगिक क्षेत्रों में तो नहीं दिखा लेकिन इस समस्या को लेकर प्रदेश के उद्योगपति चिंतित हैं। अगर त्योहारी सीजन में बिजली का संकट रहता है तो उत्पादन लड़खड़ा सकता है।

    Hero Image
    देश में बिजली किल्लत ने बढ़ाई उद्योगपतियों की चिंता।

    जागरण संवाददाता, देहरादून। देशभर में हो रही बिजली की किल्लत का असर अभी उत्तराखंड के औद्योगिक क्षेत्रों में तो नहीं दिखा, लेकिन इस समस्या को लेकर प्रदेश के उद्योगपति चिंतित हैं। अगर त्योहारी सीजन में बिजली का संकट रहता है तो उत्पादन लड़खड़ा सकता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    तापीय बिजलीघरों में उत्पादन की आई कमी के कारण उद्यमी इस बात को लेकर आशंकित हैं कि यदि प्रदेश में आने वाले समय में बिजली संकट गहराता है तो सबसे पहले औद्योगिक क्षेत्रों को मिलने वाली बिजली में कटौती होगी। त्योहारी सीजन होने के कारण राज्य के इलेक्ट्रानिक, इलेक्ट्रीकल समेत कई उद्योगों का उत्पादन लड़खड़ा सकता है। इससे उद्योगपतियों की चिंता बढ़ गई है।

    इंडस्ट्रीज एसोसिएशन आफ उत्तराखंड के अध्यक्ष पंकज गुप्ता का कहना है कि सेलाकुई, पटेलनगर, हरिद्वार, सितारगंज व काशीपुर प्रदेश के बड़े औद्योगिक क्षेत्र हैं। यहां अभी बिजली संकट नहीं है। राज्य में 65 हजार से अधिक एमएसएमई व तीन हजार के आसपास बड़े व मध्यम उद्योग हैं। आने वाले दिनों में बिजली संकट के आसार बन रहे हैं, जो चिंता का विषय है।

    प्रांत महामंत्री लघु उद्योग भारती उत्तराखंड के विजय सिंह तोमर ने कहा, अभी सेलाकुई औद्योगिक क्षेत्र में बिजली संकट नहीं है, लेकिन देश में बिजली संकट बढ़ने और उत्तराखंड पावर कारपोरेशन की ओर से बिजली खरीद रोके जाने से उद्यमी चिंतित हैं। 14 से 17 रुपये प्रति यूनिट बिजली का बिल देने में 90 फीसद उद्यमी असमर्थ हैं।

    वहीं, इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन उत्तराखंड एसोसिएशन के चेयरमैन राकेश भाटिया कहते हैं, कोरोना संक्रमण की पहली व दूसरी लहर के कारण राज्य के लघु उद्योग पहले ही घाटे में हैं। पिछले दो से तीन माह में उद्योगों ने उत्पादन की कुछ रफ्तार पकड़ी है, लेकिन त्योहारी सीजन में यदि छोटे उद्यमियों को बिजली सकंट झेलना पड़ा तो उनका घाटा और बढ़ जाएगा।

    यह भी पढें- उत्तराखंड में रोजाना कम पड़ रही 45 लाख यूनिट बिजली, त्‍योहारी सीजन में निरंतर बढ़ रही है मांग