Uttarakhand News: स्वरोजगार योजनाओं पर अधिक खर्च हाेगा जिला योजना का बजट, वित्तीय वर्ष 2025-26 में भी 1000 करोड़
उत्तराखंड सरकार वित्तीय वर्ष 2025-26 में जिला योजना की लगभग 1000 करोड़ रुपये की राशि स्वरोजगार योजनाओं के लिए उपयोग करने की योजना बना रही है जिसमें कृषि पशुपालन और बागवानी जैसे क्षेत्रों में रोजगार और स्वरोजगार को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा ताकि स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जा सके और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा किए जा सकें।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए जिला योजना की लगभग 1000 करोड़ की राशि में स्वरोजगार योजनाओं में अधिक उपयोग किया जाएगा। विशेष रूप से रोजगार एवं स्वरोजगार से जुड़े कृषि, पशुपालन, बागवानी क्षेत्रों में इस राशि के उपयोग को बढ़ावा देने की तैयारी है।
प्रदेश सरकार स्वरोजगार योजनाओं के साथ ही छोटे निर्माण कार्यों को प्राथमिकता दे रही है। जिला योजना की राशि का बड़ा हिस्सा इन्हीं में खर्च किया जा रहा है। शहर हो या ग्रामीण क्षेत्र, जिला योजना की राशि का उपयोग बजट के अन्य मदों की तुलना में अधिक होता रहा है।
यही कारण है कि बीते दो वर्षों से जिला योजना में खर्च के लिए सरकार ने अधिक धनराशि दी है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में जिला योजना में 1000.02 करोड़ की राशि रखी गई थी।
वित्तीय वर्ष 2025-26 में जिला योजना के आकार में वृद्धि शायद ही की जाए। इसका कारण जिला योजना के लिए तय फॉर्मूले के अनुसार बजट राशि पहले ही बढ़ाई जा चुकी है। ऐसे में गत वित्तीय वर्ष की भांति चालू वित्तीय वर्ष में भी जिला योजना का आकार लगभग समान रखा जा सकता है।
उत्तरकाशी जिले के लिए बनाना होगा प्रभारी मंत्री
यद्यपि, जिलों में इस मद में बजट के उपयोग के लिए जिला नियोजन समितियां गठित हैं। प्रदेश सरकार जिलों में प्रभारी मंत्रियों की पहले ही तैनाती कर चुकी है। फिलहाल, उत्तरकाशी जिले में ही प्रभारी मंत्री नहीं हैं।
जिले के प्रभारी मंत्री रहे कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल अपने पद से त्यागपत्र दे चुके हैं। माना जा रहा है कि उत्तरकाशी जिले के प्रभारी मंत्री की जिम्मेदारी को लेकर सरकार निकट भविष्य में निर्णय ले सकती है।
प्रदेश सरकार स्वरोजगार को प्राथमिकता दे रही है। ऐसे में जिला योजना में भी स्वरोजगार और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने वाली योजनाओं और निर्माण कार्यों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
इसी कारण कृषि, पशुपालन, उद्यान, मत्स्य पालन, दुग्ध विकास जैसे विभागों और आजीविका से संबंधित कार्यों के प्रस्तावों को जिला योजना में अधिक वरीयता दी जाएगी। गत वित्तीय वर्ष में स्वरोजगार योजनाओं पर न्यूनतम 15 प्रतिशत धनराशि खर्च करने का लक्ष्य दिया गया था। नियोजन विभाग की ओर से इस संबंध में शीघ्र दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे।

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