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    Uttarakhand News: सब स्टेशन निर्माण लटकाने पर कंपनी ब्लैक लिस्ट, ऊर्जा निगम ने काम छीनकर दूसरी कंपनी को दिया

    करीब सात करोड़ रुपये की लागत के सब स्टेशन निर्माण में हीलाहवाली पर ऊर्जा निगम ने निर्माण संस्था से काम छीनकर उसे ब्लैक लिस्ट कर दिया। कई बार चेतावनी देने के बावजूद अब निर्माण कार्य दूसरी कंपनी को सौंपा जा रहा है।

    By Vijay joshiEdited By: Nirmala BohraUpdated: Fri, 09 Jun 2023 07:45 AM (IST)
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    ऊर्जा निगम ने निर्माण संस्था से काम छीनकर उसे ब्लैक लिस्ट कर दिया।

    विजय जोशी, देहरादून: करीब सात करोड़ रुपये की लागत के सब स्टेशन निर्माण में हीलाहवाली पर ऊर्जा निगम ने निर्माण संस्था से काम छीनकर उसे ब्लैक लिस्ट कर दिया। उक्त कंपनी ने चार साल पहले कार्य आवंटित होने के बाद 30 प्रतिशत निर्माण भी नहीं किया था। कई बार चेतावनी देने के बावजूद कार्य न करने पर कंपनी के विरुद्ध कार्रवाई की गई और अब निर्माण कार्य दूसरी कंपनी को सौंपा जा रहा है।

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    ऊर्जा निगम की ओर से वर्ष 2018 में ऊधमसिंह नगर के कुरैया क्षेत्र को गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए 2X8 एमवीए 33/11 केवी सब स्टेशन के निर्माण के लिए टेंडर निकाले गए। जिसमें प्राप्त आवेदनों में रायल इंफ्रा पावर कंपनी ने न्यूनतम दरों पर कार्य करने का दावा किया। जिसके आधार पर ऊर्जा निगम ने कंपनी के साथ निर्माण कार्य का अनुबंध कर लिया।

    रायल इंफ्रा पावर ने निर्माण कार्य शुरू तो किया, लेकिन करीब 30 प्रतिशत कार्य कर हाथ खड़े कर दिए। ऊर्जा निगम के निदेशक परियोजना अजय अग्रवाल ने बताया कि कंपनी को कई बार निर्माण पूरा करने को कहा गया, साथ ही कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई, लेकिन बीते चार साल से कार्य पूरी तरह ठप था। जिस पर ऊर्जा निगम ने कंपनी से काम छीनकर उसे ब्लैक लिस्ट कर दिया। शेष कार्य को पूर्ण करने के लिए दोबारा निविदा डालकर दूसरी कंपनी को कार्य दिया गया है। सब स्टेशन का निर्माण नौ माह के भीतर पूर्ण करने का दावा किया जा रहा है।

    रुड़की में 33 केवी लाइन होगी भूमिगत

    ऊर्जा निगम ने रुड़की क्षेत्र में नवनिर्मित 2X8X10 एमवीए 33/11 केवी सिकंदरपुर सब स्टेशन से 33 केवी लाइन निर्माण की बाधा भी दूर होती दिख रही है। पूर्व में लाइन निर्माण में बाधा उत्पन्न होने के कारण वैकल्पिक व्यवस्था के तहत अन्य लाइन को ऊर्जीकृत किया गया था, लेकिन सब स्टेशन पूर्ण क्षमता से कार्य नहीं कर पा रहा था। मामले में ऊर्जा निगम निदेशक मंडल से अनुमोदन के बाद बाधा वाले क्षेत्र में ओवरहेड के स्थान पर भूमिगत लाइन का निर्माण का निर्णय लिया गया। आगामी दो माह में कार्य पूर्ण होने की उम्मीद है।