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    उत्तराखंड में बारिश से नकदी फसलों को पहुंचेगा लाभ, धान को होगा नुकसान

    By Raksha PanthriEdited By:
    Updated: Tue, 19 Oct 2021 04:25 PM (IST)

    अक्टूबर की बारिश और बर्फबारी जहां नकदी फसलों के लिए आगे लाभकारी साबित होगी। वहीं जिन क्षेत्रों में धान की कटाई चल रही है वहां बारिश के कारण धान की खड़ ...और पढ़ें

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    उत्तराखंड में बारिश से नकदी फसलों को पहुंचेगा लाभ, धान को होगा नुकसान। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, देहरादून। मौसम का बदला मिजाज उत्तराखंड के काश्तकारों को मिलाजुला संकेत दे रहा है। अक्टूबर की बारिश और बर्फबारी जहां नकदी फसलों के लिए आगे लाभकारी साबित होगी। वहीं, जिन क्षेत्रों में धान की कटाई चल रही है, वहां बारिश के कारण धान की खड़ी फसल को नुकसान पहुंचने का अंदेशा है।

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    सात अक्टूबर को मानसून के विदा होने के बाद करीब एक सप्ताह प्रदेश में चटख धूप खिली रही, जिससे तापमान सामान्य से चार डिग्री सेल्सियस ऊपर तक रिकार्ड किया गया। अचानक मौसम का मिजाज बदला और दो दिन से प्रदेशभर में बारिश का दौर जारी है। सोमवार तड़के पूरे प्रदेश में बारिश व पहाड़ों पर हिमपात भी हुआ है। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र ने अगले एक से दो दिन बारिश व बर्फबारी की संभावना जताई है। सब्जियां, दलहन व नकदी फसलों के लिए यह बारिश लाभकारी साबित होगी। इस बार उत्तराखंड में मानसून सीजन में सामान्य से करीब दस फीसद कम बारिश हुई। हालांकि, कुछ जिलों में यह सामान्य से अधिक रिकार्ड की गई।

    आज की बारिश से आगे मिलेगा लाभ

    कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि अक्टूबर के दूसरे पखवाड़े में हुई बारिश से खेतों में नमी लंबे समय तक बनी रहेगी, जो गेहूं की बुआई को लाभकारी साबित होगी। कृषि निदेशक गौरीशंकर ने बताया कि इस समय नकदी फसलों के लिए बारिश नुकसान दायक नहीं है, लेकिन धान की पकी हुई फसल के लिए बारिश से नुकसान हो सकता है। राज्य में धान की कटाई का दौर एक महीने चलता है। पहाड़ व भाबर-तराई क्षेत्रों में अलग-अलग समय कटाई होती है।

    सेब उत्पादन के लिए बर्फबारी जरूरी

    प्रगतिशील किसान द्वारिका प्रसाद उनियाल कहते हैं कि अक्टूबर में होने वाली बर्फबारी से सेब उत्पादन में बढ़ोतरी होगी। सेब के बगीचों में कटाई-छंटाई के बाद नई टहनियां तेजी से विकसित होंगी। साथ ही सेब के बगीचों में अधिक नमी बनी रहेगी।

    गढ़वाल क्षेत्र में धान का रकबा

    जिला, क्षेत्रफल

    चमोली,11432

    पौड़ी, 14890

    टिहरी, 13018

    उत्तरकाशी, 10580

    रुद्रप्रयाग, 850

    देहरादून (पर्वतीय), 1410

    (खेती का क्षेत्रफल हेक्टेयर में है)

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