Uttarakhand News: बजट का उपयोग बढ़ा, पूंजीगत कार्यों में लगातार दूसरे वर्ष 10 हजार करोड़ से अधिक हुए खर्च
उत्तराखंड में वित्तीय वर्ष 2024-25 में विकास और निर्माण कार्यों पर 11 हजार करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए गए हैं। यह लगातार दूसरा वर्ष है जब प्रदेश में पूंजीगत कार्यों पर 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक खर्च किया गया है। कुल बजट खर्च 66 हजार करोड़ रुपये संभावित है जिसमें राजस्व मद में 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक है।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। आखिरकार वित्तीय वर्ष 2024-25 की अंतिम तिमाही और फिर अंतिम माह मार्च में झोंकी गई शक्ति काम कर गई। प्रदेश ने लगातार दूसरे वित्तीय वर्ष में विकास और निर्माण कार्यों से संबंधित पूंजीगत कार्यों में 10 हजार करोड़ से अधिक धनराशि खर्च की।
इस वर्ष खर्च की गई राशि 11 हजार करोड़ को पार कर गई। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता से शुरुआती तीन महीने और फिर वर्षाकाल के कारण अगले तीन महीने यानी कुछ छह महीने बजट खर्च की गति धीमी रहने के बाद पूंजीगत कार्यों में बजट का उपयोग बढ़ गया।
वित्तीय वर्ष 2024-25 के अंतिम माह के अंतिम दिन यानी सोमवार को विभिन्न स्रोतों से प्राप्त सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष कुल बजट खर्च 66 हजार करोड़ संभावित है।
इसमें राजस्व मद में 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक और पूंजीगत मद में लगभग 15 हजार करोड़ से अधिक खर्च हुआ है। पिछले वित्तीय वर्ष में यह राशि 62,490 करोड़ रुपये थी। गत वर्ष की तुलना में बजट खर्च में छह प्रतिशत से अधिक खर्च होने की संभावना है।
राजस्व मद में 50 हजार करोड़ खर्च
पूंजीगत मद के अंतर्गत पूंजीगत परिव्यय में 11 हजार करोड़ के साथ ऋणों के भुगतान की लगभग 4360 करोड़ की राशि भी सम्मिलित है। पूंजीगत परिव्यय वर्ष 2019-20 में यह 5414 करोड़ रुपये था, जो वर्ष 2023-24 में 10982 करोड़ रुपये हो गया था। वर्ष 2024-25 में यह 11 हजार करोड़ से अधिक हो गया।
लगातार दो वर्षों में यह राशि अधिक खर्च करने में सरकार को सफलता मिल ही गई। इंटीग्रेटेड फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम (आइएफएमएस) से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2024-25 में राजस्व व्यय 45,500 करोड़ तक पहुंच गया। इसमें ब्याज की अदायगी को जोड़ने पर यह राशि 50 हजार करोड़ रुपये हो रही है।
राजस्व प्राप्ति 20680 करोड़
बजट खर्च बढ़ने के साथ राज्य के आय संसाधन भी बढ़े हैं। वर्ष 2024-25 में राजस्व प्राप्ति बढ़कर 20,680 करोड़ रुपये हो गई है। गत वर्ष से यह सात प्रतिशत बढ़ गई है। एसजीएसटी में अभी तक 9256 करोड़ रुपये, स्टांप एवं पंजीकरण शुल्क में 2635 करोड़, आबकारी से 4310 करोड़ रुपये, खनन से 1035 करोड़ और वन से 574 करोड़ रुपये राजस्व मिला है। गत वर्ष की तुलना में इन सभी मदों से होने वाली आय में बड़ी वृद्धि हुई है। केंद्रीयकरों में राज्य का अंश गत वर्ष से 14 प्रतिशत बढ़कर 14386 करोड़ रुपये हो गया।
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