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    Uttarakhand News : जंगलों को आग से बचाने में जुटेंगी 11367 वन पंचायतें, तैयार हो रही गाइडलाइन

    By Jagran NewsEdited By: Nirmala Bohra
    Updated: Wed, 14 Dec 2022 11:33 AM (IST)

    Uttarakhand News हर साल जंगलों में लगने वाली आग से परेशान वन विभाग ने इस पर नियंत्रण के लिए अब वन पंचायतों का सक्रिय सहयोग लेने की ठानी है। वन पंचायतों को प्रोत्साहन राशि के साथ ही अन्य सुविधाएं देने के लिए गाइडलाइन तैयार की जा रही है।

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    Uttarakhand News : जंगलों को आग से बचाने में जुटेंगी 11367 वन पंचायतें

    राज्य ब्यूरो, देहरादून: Uttarakhand News : उत्तराखंड में हर साल जंगलों में लगने वाली आग से परेशान वन विभाग ने इस पर नियंत्रण के लिए अब वन पंचायतों का सक्रिय सहयोग लेने की ठानी है।

    राज्य में वर्तमान में गठित 11367 वन पंचायतों की सदस्य संख्या एक लाख से अधिक है। इस मानव संसाधन का उपयोग वनों में आग की रोकथाम में लिया जाएगा। इसके एवज में वन पंचायतों को प्रोत्साहन राशि के साथ ही अन्य सुविधाएं देने के लिए गाइडलाइन तैयार की जा रही है।

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    इसके अलावा ग्राम पंचायत स्तर पर भी अग्नि सुरक्षा समितियां गठित की जाएंगी, जिन्हें प्रोत्साहन राशि, उपकरण आदि उपलब्ध कराए जाएंगे, ताकि वे गांवों के आसपास जंगल में कहीं भी आग की सूचना मिलने पर इसे तुरंत बुझाने में जुट सकें।

    हर साल औसतन दो हजार हेक्टेयर वन क्षेत्र को पहुंचता है नुकसान

    71.05 प्रतिशत वन भूभाग वाले उत्तराखंड में हर साल औसतन दो हजार हेक्टेयर के लगभग वन क्षेत्र को आग से नुकसान पहुंचता है। अब तो स्थिति ये हो चली है कि न केवल अग्निकाल (15 फरवरी से मानसून आने तक की अवधि), बल्कि किसी भी मौसम में जंगल सुलग जा रहे हैं।

    इसे देखते हुए विभाग ने अब आग की रोकथाम में ग्रामीणों का सक्रिय सहयोग लेने का निश्चय किया है। इसमें भी वन पंचायतों पर विशेष जोर रहेगा। असल में देश में वन पंचायत व्यवस्था वाला उत्तराखंड एकमात्र राज्य है। इनके अधीन सात हजार हेक्टेयर से अधिक वन क्षेत्र है, जिसका संरक्षण-संवद्र्धन वे स्वयं करती हैं। अब उनके इस दायित्व का दायरा बढ़ाने की तैयारी है।

    इस सिलसिले में वन विभाग द्वारा तैयार की जा रही गाइडलाइन में वन पंचायतों पर अधिक ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। वनों को आग से बचाने के लिए उन्हें क्या-क्या संसाधन उपलब्ध कराए जाएं, प्रोत्साहन राशि किस प्रकार से दी जाए, स्वरोजगारपरक गतिविधियां कौन-कौन सी संचालित की जाएं, इन समेत अन्य विषयों पर मंथन कर इन्हें गाइडलाइन का हिस्सा बनाया जाएगा।

    संबंधित गांव के लोग शामिल किए जाएंगे

    राज्य के नोडल अधिकारी (वनाग्नि) निशांत वर्मा के अनुसार वन पंचायतों के अलावा वन सीमा से सटी प्रत्येक ग्राम पंचायत में अग्नि सुरक्षा समितियां गठित की जाएंगी, जिनमें संबंधित गांव के लोग शामिल किए जाएंगे। इन्हें भी वन पंचायतों की भांति उपकरण, प्रोत्साहन राशि व सुविधाएं दी जाएंगी। उन्होंने बताया कि इन विषयों को लेकर धन की उपलब्धता के लिए बजट में प्रविधान किए जाएंगे।