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    Uttarakhand News: अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति योजनाओं में गड़बड़ी, जांच के दायरे में 1353 मामले, समिति गठित करने के निर्देश

    Updated: Sat, 24 May 2025 11:40 AM (IST)

    उत्तराखंड में अल्पसंख्यक छात्रों के लिए छात्रवृत्ति योजनाओं में अनियमितताओं की जांच के आदेश दिए गए हैं। 91 संस्थानों के 1353 मामलों की जांच की जाएगी। सरकार ने जिलाधिकारियों को जांच समिति गठित कर एक महीने में रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। यह निर्णय केंद्र सरकार द्वारा संदिग्ध संस्थानों की सूची भेजने के बाद लिया गया है। पूर्व में भी छात्रवृत्ति योजनाओं में घोटाले सामने आ चुके हैं।

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    अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति योजनाओं में गड़बड़ी, जांच के दायरे में 1353 मामले

    राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड में अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं के लिए संचालित केंद्र पोषित छात्रवृत्ति योजनाओं में अनियमितता व धोखाधड़ी की शिकायतों को देखते हुए शासन ने इसकी जांच के आदेश दिए हैं। 91 संस्थानों, स्कूलों व मदरसों के 1353 मामलों को जांच के दायरे में लाया गया है। 

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    सचिव अल्पसंख्यक कल्याण धीराज सिंह गब्र्याल ने सभी जिलाधिकारियों को उपजिलाधिकारी की अध्यक्षता में जांच समिति गठित कर एक माह में शासन को आख्या उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।

    केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने बीती 21 मार्च और फिर सात मई को हुई बैठक के क्रम में अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति योजना के क्रियान्वयन में संदिग्ध संस्थानों, स्कूलां व मदरसों की सूची राज्य सरकार को प्रेषित की। 

    इन संस्थानों में अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं के लिए संचालित केंद्र पोषित छात्रवृत्ति योजनाओं में अनियमितता व धोखाधड़ी की आशंका जताई गई है। इसी क्रम में शासन ने अब पूरे प्रकरण की विस्तृत जांच कराने का निर्णय लिया है।

    अल्पसंख्यक कल्याण सचिव की ओर से इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों को जांच कराने के संबंध में पत्र भेजा गया है। जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल पर केंद्र सरकार द्वारा किए गए विश्लेषण के आधार पर वर्ष 2021-22 और 2022-23 के लिए संदिग्ध पाए गए संस्थानों, स्कूलों की विस्तृत जांच कराई जाए। 

    जिला स्तर पर उपजिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित होने वाली जांच समिति में संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी, सहायक अल्पसंख्यक व सहायक समाज कल्याण अधिकारी को नामित किया जाएगा। जांच में दोषी पाए जाने वाले कार्मिकों व संस्थानों के विरूद्ध विधिक कार्रवाई की जाएगी।

    दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाला रहा है चर्चा में

    समाज कल्याण विभाग की दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना में भी राज्य में पूर्व में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी सामने आई थी। तब तमाम संस्थानों ने राज्य के बाहर के संस्थानों के नाम पर भी छात्रवृत्ति बांट दी थी। कुछेक संस्थान ऐसे भी थे, जिनका अस्तित्व ही नहीं था। इस घोटाले की जांच में सौ से अधिक गिरफ्तारियां हुई थीं, जिनमें समाज कल्याण विभाग के कई अधिकारी भी शामिल थे।