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Uttarakhand lockdown: उत्तराखंड सरकार ने किसानों को दी बड़ी राहत, बैठक कर लिए ये फैसले

सरकार ने प्रदेश के 8.81 लाख किसानों को बड़ी राहत प्रदान की है। इस कड़ी में किसानों को मिलने वाले बीज पर सब्सिडी 50 से बढ़ाकर 75 फीसद कर दी गई है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Thu, 16 Apr 2020 10:15 PM (IST)Updated: Thu, 16 Apr 2020 10:15 PM (IST)
Uttarakhand lockdown: उत्तराखंड सरकार ने किसानों को दी बड़ी राहत, बैठक कर लिए ये फैसले
Uttarakhand lockdown: उत्तराखंड सरकार ने किसानों को दी बड़ी राहत, बैठक कर लिए ये फैसले

देहरादून, राज्य ब्यूरो। लॉकडाउन को देखते हुए सरकार ने प्रदेश के 8.81 लाख किसानों को बड़ी राहत प्रदान की है। इस कड़ी में किसानों को मिलने वाले बीज पर सब्सिडी 50 से बढ़ाकर 75 फीसद कर दी गई है। गैर प्रमाणित पारंपरिक बीजों को भी इस श्रेणी में शामिल कर लिए जाने से इन पर भी सब्सिडी मिल सकेगी। इसके अलावा तराई बीज विकास निगम (टीडीसी) द्वारा बीज की कीमतों में की गई बढ़ोतरी वापस ले ली गई है। अब किसानों को पिछले वर्ष की दर पर ही बीज उपलब्ध हो सकेगा।

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लॉकडाउन के कारण किसानों के सामने आ रही फसल कटाई, बुआई, भंडारण, खाद-बीज व उर्वरकों के साथ ही श्रमिकों की उपलब्धता से संबंधित दिक्कतों के समाधान के लिए केंद्र सरकार मुस्तैदी से जुटी है। किसानों को होने वाले नुकसान को देखते हुए उन्हें राहत देने के प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश सरकार ने भी अपने किसानों को कृषि-बागवानी से संबंधित कार्यों में छूट के साथ ही कई रियायतें दी हैं। किसानों को और राहत देने के मकसद से बुधवार को कृषि मंत्री सुबोध उनियाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए।

कृषि मंत्री उनियाल के अनुसार बीज पर सब्सिडी 25 फीसद बढ़ाने का निश्चय किया गया है। इस संबंध में मुख्यमंत्री ने भी सहमति दे दी है। अब बीज पर सब्सिडी 50 की बजाए 75 फीसद मिलेगी। उन्होंने बताया कि बैठक में पर्वतीय क्षेत्रों में किसानों द्वारा उपयोग में लाए जा रहे परंपरागत बीजों के संबंध में भी चर्चा हुई। यह बीज प्रमाणित नहीं है, लेकिन ट्रुथफूल है। राज्य सरकार की ओर से परंपरागत बीजों को प्रमाणित बीज मान लिए जाने की मांग को केंद्र सरकार ने स्वीकार कर लिया है। अब पहाड़ के किसानों को परंपरागत बीजों पर भी सब्सिडी मिलेगी। साथ ही वे आसानी से इनका प्रयोग कर सकेंगे, जिससे उन्हें लाभ होगा।

कृषि मंत्री के अनुसार बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि टीडीसी की ओर से इस वर्ष बीजों के दाम में जो बढ़ोतरी की गई थी, उसे वापस लिया जाएगा। इससे किसानों को प्रति कुंतल होने वाली बीज खरीद में 400 से 4000 रुपये तक की बचत होगी।

एसएचजी चलाएंगे किसान बाजार

किसानों को फसलों और नकदी फसलों के लिए बाजार मुहैया कराने को अपणु बाजार (अपना बाजार) को किसान बाजार में तब्दील कर इन्हें स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के जरिये संचालित करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए एसएचजी को बीज प्रमाणीकरण बोर्ड से दो-दो लाख की राशि मुहैया कराई जाएगी।

कृषि मंत्री उनियाल के अनुसार बैठक में किसान बाजारों की संपूर्ण गतिविधियों को क्रियान्वित करने के लिए अपर सचिव रामविलास यादव की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है। इसमें जैविक बोर्ड, मंडी समिति, कृषि और उद्यान के अधिकारियों को बतौर सदस्य शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि किसान बाजारों को विकसित करने में यदि और धन की जरूरत पड़ेगी तो मंडी परिषद इसे पूरा करेगी।

ये भी हुए फैसले

  • कृषि निवेश केंद्र, सहकारी समितियां और उद्यान सचल सुनिश्चित करेंगे कि किसानों तक पहुंचे कृषि निवेश
  • सहकारी समितियां अब रासायनिक उर्वरकों के साथ ही जैविक बीज और उर्वरक भी उपलब्ध कराएंगी
  • कृषि ऋणों का प्रवाह बढ़ाने के साथ ही कृषि ऋण सीमा बढ़ाने को राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति में रखेंगे प्रस्ताव
  • पुष्प और मशरूम उत्पादकों को पहुंचे नुकसान के मद्देनजर क्षतिपूर्ति के लिए केंद्र को भेजा जाएगा पत्र

 लॉकडाउन में पास के रूप में किसान बही व केसीसी मान्य

लॉकडाउन अवधि में किसानों को कृषि कार्यों के लिए आने-जाने और कृषि उत्पादों के परिवहन में आ रही दिक्कतों को देखते हुए सरकार इसका सरलीकरण करने जा रही है। कृषि मंत्री सुबोध उनियाल की अध्यक्षता में बुधवार को हुई बैठक में तय किया गया कि लॉकडाउन के दौरान किसानों के जरूरी कार्यों को चलायमान रखने के मद्देनजर किसान बही, किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी), उद्यान कार्ड जैसे दस्तावेजों को पास के रूप में मान्यता दी जाएगी।

कृषि मंत्री उनियाल के अनुसार इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए जा रहे हैं। किसानों की समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित करने के लिए जिलाधिकारियों और कृषि व उद्यान विभागों के अधिकारियों को समन्वय के साथ काम करने को कहा गया है। सभी जिलों में फार्मर्स मशीनरी बैंकों की संख्या बढ़ाने, किसानों के उत्पादों पर मंडी शुल्क न लेने संबंधी निर्देश भी दिए गए हैं।

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यमुना कॉलोनी स्थित कृषि मंत्री के कैंप कार्यालय में हुई बैठक में अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश, सचिव कृषि आर. मीनाक्षी सुंदरम, अपर सचिव रामविलास यादव, कृषि निदेशक गौरीशंकर, मंडी सचिव देहरादून विजय थपलियाल समेत कृषि, उद्यान, जैविक बोर्ड, बीज प्रमाणीकरण, जड़ी-बूटी समेत अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

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