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Uttarakhand Lockdown के दौरान ऑनलाइन पढ़ाई के लिए कंपनी से हुआ करार

पढ़ाई का ज्यादा नुकसान न हो इसके लिए श्री गुरु राम राय पीजी कॉलेज के समस्त छात्रों को अगले दो महीने तक टाटा कंसलटेंसी सर्विस (टीसीएस) ऑनलाइन पढ़ाई का प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराएगी।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Thu, 09 Apr 2020 05:53 PM (IST)Updated: Thu, 09 Apr 2020 05:53 PM (IST)
Uttarakhand Lockdown के दौरान ऑनलाइन पढ़ाई के लिए कंपनी से हुआ करार

देहरादून, जेएनएन। कोरोना संक्रमण को लेकर किए गए लॉकडाउन से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। ऐसे में पढ़ाई का ज्यादा नुकसान न हो इसके लिए श्री गुरु राम राय पीजी कॉलेज के समस्त छात्रों को अगले दो महीने तक टाटा कंसलटेंसी सर्विस (टीसीएस) ऑनलाइन पढ़ाई का प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराएगी।

कोरोना संक्रमण को लेकर किए गए लॉकडाउन से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित न हो इसको लेकर एसजीआरआर कॉलेज प्रशासन व टीसीएस कंपनी के बीच करार हुआ है। कंपनी एक साल तक कॉलेज को ऑनलाइन पढ़ाई की सुविधा उपलब्ध कराएगी। प्राचार्य प्रो. वीए बौड़ाई ने बताया कंपनी के आइटी विशषज्ञों को स्नातक और परास्नातक के छात्रों की संख्या, शिक्षकों केसभी विषयों का रेकॉर्ड उपलब्ध करवा दिया गया है। 

कंपनी एक-दो दिन में कॉलेज को ऑनलाइन पढ़ाई का एप उपलब्ध कराएगी। एप को घर बैठे छात्रों व शिक्षकों को इंटरनेट से डाउनलोड करना होगा। इसके बाद पढ़ाई शुरू होगी, शिक्षक ऑनलाइन ही छात्रों को दिए गए असाइंमेंट की जांच भी कर सकेंगे। कंपनी के साथ एक साल का करार हुआ है, लेकिन इसका महत्व कोरोना संक्रमण को लेकर हुए लॉकडाउन के दौरान अधिक है।

पीजी कक्षाएं पहले से ऑनलाइन

प्राचार्य प्रो. वीए बौड़ाई ने बताया कि कॉलेज की परास्नातक कक्षाएं गूगल से ऑनलाइन संचालित की जा रही हैं। पोस्ट ग्रेजुएशन के शिक्षक छात्रों को दिए असाइंमेंट की ऑनलाइन जांच भी कर रहे हैं।

लॉकडाउन में घर बैठे निखारें अपना हुनर

लॉकडाउन में आप घर से बाहर नहीं जा सकते तो क्या, घर बैठे अपना हुनर तो निखार सकते हैं। राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान आपको ऐसा ही सुनहरा मौका दे रहा है। अब आप घर बैठे ऑनलाइन रोजगारपरक शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं।

कोरोना महामारी की विषम परिस्थितियों को देखते हुए राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान ने ऑनलाइन रोजगारपरक कोर्स शुरू किए हैं। इसके तहत बेसिक कंप्यूटर कोर्स समेत, योग, टेलरिंग, ड्रेस मेकिंग आदि विकल्प हैं। छह माह से एक साल तक कि अवधि वाले इन कोर्स की फीस भी काफी सामान्य है। राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान के क्षेत्रीय निदेशक एसके तंवर ने बताया कि घर पर रहकर रोजगारपरक कोर्स उपलब्ध कराने का उद्देश्य कोरोना महामारी के संकट में छात्रों को सुविधा देना है। इस प्रकार के कोर्स से समाज के हर तबके के व्यक्ति लाभान्वित हो सकता है। रुचि के अनुसार कोर्स में पंजीकरण कराने के लिए संस्थान की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर औपचारिकताएं पूरी करें और ऑनलाइन माध्यम से ही फीस का भुगतान करें।

शोधार्थियों को मिल सकती है छह माह की मोहलत

कोरोना महामारी के चलते विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की ओर से देशभर के शोधकर्ताओं को असाइंमेंट जमा करने के लिए छह माह की मोहलत मिल सकती है। उम्मीद है जल्द ही इस पर अंतिम निर्णय ले लिया जाएगा। दरअसल, कुछ समय पहले यूजीसी के चेयरमैन डॉ. डीपी सिंह की ओर से छह सदस्यीय कमेटी बनाई गई थी। कमेटी का कहना है कि शोध कार्य से जुड़े छात्र, गाइड और शिक्षक सभी के कार्य कोरोना महामारी के चलते प्रभावित हैं। जिससे मार्च-अप्रैल में जमा किए जाने वाले असाइंमेंट को जमा करने के लिए छह महीने की मोहलत दी जानी चाहिए। कमेटी की सिफारिश पर आयोग ने समय बढ़ाने का निर्णय ले लिया है और इसे मानव संसाधन विकास मंत्रलय को प्रेषित कर दिया है। उम्मीद है जल्द ही इसे मंजूरी मिल जाएगी।

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उत्तराखंड में शोधकर्ता प्रभावित

उत्तराखंड में हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विवि के अलावा दून विवि, कमाऊं विवि, गुरुकुल कांगड़ी विवि हरिद्वार, उत्तराखंड तकनीकी विवि, डीएवी कॉलेज के अलावा निजी क्षेत्र के ग्राफिक एरा विवि और उत्तरांचल विवि आदि से शोध के छात्र जुड़े हैं। जिनकी पढ़ाई से लेकर शोध रिपोर्ट अभी तक पूरी नहीं हुई है।

यूजीसी के चेयरमैन डॉ. डीपी सिंह ने बताया कि शोधार्थियों के लिए कमेटी की ओर से दिए समय बढ़ाने के सुझाव को स्वीकार कर लिया गया है। साथ ही इस प्रस्ताव को मानव संसाधन विकास मंत्रलय को प्रेषित कर दिया है। उम्मीद है जल्द ही इस पर निर्णय हो जाएगा।

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