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    Uttarakhand Land Law: भू-कानून उल्लंघन पर बड़ी संख्‍या में मुकदमें दर्ज, छह मामलों में सरकार ने जब्‍त की जमीन

    Updated: Thu, 09 Jan 2025 12:42 PM (IST)

    Uttarakhand Land Law प्रदेश में भू- कानून के उल्लंघन की शिकायतें मिलने के बाद गत सितंबर माह में मुख्यमंत्री धामी ने कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए थे। जिसके बाद गत दिसंबर के पहले पखवाड़े तक भू-कानून के 279 मामले पकड़े गए। इनमें से 243 पर मुकदमें दर्ज किए जा चुके हैं। अभी जिलों के स्तर से कार्यवाही जारी है।

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    Uttarakhand Land Law: सीएम पुष्‍कर सिंह धामी ने दिए थे कड़ी कार्रवाई के निर्देश। Jgaran

    राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। Uttarakhand Land Law: प्रदेश में भू-कानून के उल्लंघन पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सख्ती का प्रभाव दिखने लगा है। गत दिसंबर के पहले पखवाड़े तक भू-कानून के 279 मामले पकड़े गए। इनमें से 243 पर मुकदमें दर्ज किए जा चुके हैं।

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    विशेष यह है कि तीन माह की अवधि में बागेश्वर, ऊधम सिंह नगर, नैनीताल और अल्मोड़ा में कुल छह प्रकरणों में तीन हेक्टेयर से अधिक भूमि सरकार में निहित की जा चुकी है। विभिन्न जिलों में यह कार्यवाही अभी चल रही है।

    सीएम धामी ने दिए थे कड़ी कार्रवाई के निर्देश

    प्रदेश में भू-कानून के उल्लंघन की शिकायतें मिलने के बाद गत सितंबर माह में मुख्यमंत्री धामी ने कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए थे। नगर निकाय क्षेत्रों में बगैर अनुमति के 250 वर्गमीटर भूमि की खरीद, 12.5 एकड़ से अधिक भूमि की अनुमति लेकर खरीद, कृषि, व्यावसायिक एवं औद्योगिक उपयोग के लिए भूमि की खरीद में भी अनियमितता सामने आईं।

    इसके बाद शासन ने सभी जिलाधिकारियों को ऐसे प्रकरणों पर विस्तृत रिपोर्ट भेजने और भूमि की खरीद-फरोख्त में धांधली पर कार्रवाई करने को कहा। जिलाधिकारियों ने राजस्व परिषद के माध्यम से शासन को रिपोर्ट भेजी। इसमें यह सामने आया कि भू-कानून के उल्लंघन के 550 से अधिक प्रकरणों में नोटिस भेजे गए।

    जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम की धारा 154 (4) (3) के अंतर्गत भूमि क्रय की अनुमति के उल्लंघन को लेकर 11 दिसंबर, 2024 तक जिलों से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार सभी 13 जिलों में भूमि खरीद के 1495 प्रकरणों में अनुमति दी गई। इनमें से 279 ने भू-कानून का उल्लंघन किया। इनमें से 243 पर राजस्व वाद दर्ज हो चुका है।

    चमोली जिले में तीन, बागेश्वर में पांच, उत्तरकाशी में आठ, टिहरी में छह, पौड़ी में 14, ऊधम सिंह नगर में 37, अल्मोड़ा में 24, नैनीताल में 79, हरिद्वार में 25, देहरादून में 78 प्रकरणों में भू-कानून को ताक पर रखा गया। पौड़ी में मात्र पांच, अल्मोड़ा में आठ, हरिद्वार में 22, देहरादून में 70 प्रकरणों में मुकदमें दर्ज हुए। इन जिलों में उल्लंघन के सभी प्रकरणों पर मुकदमें दर्ज नहीं किए जा सके हैं।

    वहीं अल्मोड़ा में तीन प्रकरणों, बागेश्वर, ऊधम सिंह नगर और नैनीताल में एक-एक प्रकरण में भूमि सरकार में निहित की जा चुकी है। यह भूमि 3.006 हेक्टेयर है। अभी जिलों के स्तर से कार्यवाही जारी है। राजस्व वादाें के निस्तारण के साथ सरकार में अभी बड़े पैमाने पर भूमि निहित हो सकती है।

    ‘प्रदेश में भू-कानून का दुरुपयोग नहीं होने दिया जाएगा। अब तक जिन प्रकरणों में ऐसा हुआ है, उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जा रही है। इससे भविष्य में कोई इस प्रकार का दुस्साहस नहीं कर सकेगा। सरकार शीघ्र कड़ा भू-कानून भी क्रियान्वित करेगी।’ -पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

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