उत्तराखंड में ITI का आधुनिकीकरण, युवाओं के लिए कौशल विकास का नया मॉडल
उत्तराखंड के पांच औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) को हब एंड स्पोक मॉडल के तहत उन्नत किया जाएगा। केंद्र सरकार की योजना के तहत, एक आईटीआई हब बनेगा, जबकि चार स्पोक के रूप में कार्य करेंगे। इसका उद्देश्य युवाओं को उद्योगों की वर्तमान आवश्यकताओं के अनुसार प्रशिक्षित करना है। इस योजना में केंद्र, राज्य सरकार और उद्योग जगत की भागीदारी होगी, जिससे युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर मिलेंगे।

केंद्र की नेशनल स्कीम फार इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट अपग्रेडेशन योजना का लाभ लेगा उत्तराखंड
अशोक केडियाल, जागरण, देहरादून। उत्तराखंड के पांच औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आइटीआइ) को अपग्रेड किया जाएगा। इनमें से एक आइटीआइ को हब और चार अन्य को स्पोक के रूप में विकसित किया जाएगा। इसका उद्देश्य युवाओं को उद्योगों की वर्तमान आवश्यकताओं के अनुसार प्रशिक्षित कर उन्हें रोजगार के लिए सक्षम बनाना है।
केंद्र सरकार की नेशनल स्कीम फार इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट अपग्रेडेशन योजना से राज्य के युवाओं को कौशल विकास में बहुत अधिक लाभ मिलने वाला है। यह योजना न केवल रोजगार के अवसर बढ़ाएगी, बल्कि उत्तराखंड को एक उभरते औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र के रूप में भी स्थापित करेगी।
यह है हब एंड स्पोक माॅडल
हब एंड स्पोक माॅडल एक ऐसा प्रणालीगत ढांचा है जिसमें एक केंद्रीय इकाई (हब) मुख्य संसाधनों, अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं, विशेषज्ञ प्रशिक्षकों और उन्नत सुविधाओं से सुसज्जित होती है। इसके साथ जुड़ी अन्य इकाइयां (स्पोक्स) क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्रों के रूप में कार्य करती हैं। हब में विशेष प्रशिक्षण और तकनीकी अपडेट होते हैं, जिन्हें स्पोक्स तक पहुंचाया जाता है, ताकि सभी प्रशिक्षण केंद्रों में एक समान गुणवत्ता बनी रहे।
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देशभर में 1000 आइटीआइ को होगा चयन
यह योजना देशभर की 1000 सरकारी आइटीआइ को उन्नत करने के लिए शुरू की गई है, जिसका कुल वित्तीय आकार 60 हजार करोड़ रुपये रखा गया है। इसमें केंद्र सरकार की 30 हजार करोड़, राज्य सरकारों की 20 हजार करोड़ और देशभर के उद्योग जगत की 10 हजार करोड़ की भागीदारी होगी। उत्तराखंड में जल्द ही बैठक कर उन पांच आइटीआइ का चयन किया जाएगा, जो इस योजना के तहत आएंगी।
स्वामित्व सरकार का प्रबंधन उद्योग का रहेगा
कौशल विकास विभाग के अनुसार, इस योजना को शीघ्र ही धरातल पर उतारा जाएगा और इसके ज़रिए युवाओं को व्यावसायिक कौशल प्रदान कर उन्हें नौकरी के योग्य बनाया जाएगा। चुनी गई आइटीआइ संस्थानों का स्वामित्व तो सरकार के पास रहेगा, लेकिन इनका प्रबंधन उद्योगों के हाथों में होगा। इससे प्रशिक्षण की गुणवत्ता बढ़ेगी और पाठ्यक्रम को उद्योगों की आवश्यकताओं के अनुरूप बनाया जा सकेगा।
‘इस तकनीकी ढांचे का लाभ यह है कि उच्च स्तर की तकनीकी जानकारी और संसाधन एक ही स्थान पर केंद्रित रहते हैं, जिससे समग्र दक्षता और प्रशिक्षण का स्तर बेहतर होता है। उत्तराखंड में भी एक हब और चार स्पोक संस्थानों के जरिए इसी माडल को अपनाया जाएगा, जिससे राज्य के युवाओं को उच्च स्तरीय तकनीकी शिक्षा मिल सकेगी।’
- सौरभ बहुगुणा, कौशल विकास मंत्री, उत्तराखंड।

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