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    Uttarakhand News: जीएसटी दरों में कटौती से उत्तराखंड में कृषि, पर्यटन व उद्योगों को मजबूती

    Updated: Wed, 22 Oct 2025 05:45 AM (IST)

    उत्तराखंड में जीएसटी दरों में कटौती से कृषि, पर्यटन और उद्योगों को मजबूती मिलने की उम्मीद है। इस फैसले से कृषि उपकरणों की लागत कम होगी, पर्यटन सेवाओं की मांग बढ़ेगी और उद्योगों की उत्पादन लागत में कमी आएगी, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।

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    राज्य ब्यूरो, देहरादून। केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी की दरों में बदलाव का उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था पर व्यापक प्रभाव देखने को मिला है। इससे न केवल कृषि, पर्यटन, शिल्प व विनिर्माण के क्षेत्र के करों में आई कमी ने पहाड़ की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिया, वहीं मैदानी क्षेत्रों में उद्यमिता को भी गति मिल रही है। इससे राज्य के पर्यावरण अनुकूल तथा उच्च मूल्य वाले क्षेत्रों में निवेशकों को आकर्षित करने में भी मदद मिल रही है।

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    केंद्र सरकार ने हाल ही में जीएसटी की दरों में जो बदलाव किया है, उसका सीधा असर यहां के कृषि क्षेत्रों में देखने को मिला है। इसके तहत पहाड़ी तोर दाल, उत्तरकाशी के लाल चावल और अल्मोड़ा की जीआइ टैग वाली लाल मिर्च की जीएसटी की दर 12 से घटाकर पांच प्रतिशत की गई है।

    तोर दाल उत्तराखंड के पारंपरिक व्यंजनों का अहम हिस्सा है। राज्य के सभी 13 जिलों में इसकी खेती होती है। जीएसटी की दर में कटौती से इसकी मांग बढऩे की संभावना है। लाल चावल पुरोला और मोरी की पहचान है। इसकी खेती से चार हजार व्यक्ति जुड़े हैं। अल्मोड़ा की जीआइ टैग वाली लखोरी मिर्च अपनी खास सुगंध व स्वाद के लिए जानी जाती है।

    इन सभी उत्पादों में करों की कमी से इनके बाजार में प्रतिस्पर्धी होने की उम्मीद है। इससे किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। पर्यटन व होम स्टे को भी मिलेगा बढ़ावा पर्यटन उत्तराखंड के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में 13.57 प्रतिशत का योगदान देता है।

    इससे करीब 80 हजार व्यक्तियों को प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रोजगार मिलता है। केंद्र ने 7500 रुपये तक होटल शुल्क पर जीएसटी की दर पांच प्रतिशत की है। इस सुधार से यात्रा और सस्ती होगी। इससे नैनीताल, मसूरी, औली, चोपता, मुनस्यारी, हरिद्वार और ऋषिकेश के छोटे होटलों, रेस्टोरेंट और होमस्टे को अधिक लाभ प्राप्त होगा।

    हस्तशिल्प के बाजारों का होगा विस्तार प्रदेश में ऐपण कला, हाथ से बुने उनी वस्त्र, रिंगाल शिल्प व पारंपरिक ऊनी उत्पाद यहां के हस्तशिल्प की पहचान है। इन सभी वस्तुओं पर जीएसटी की दर 12 से घटाकर पांच प्रतिशत की गई है। इससे इनको बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

    दीवार व फर्श पर की जाने वाली पारंपरिक ऐपण कला से तकरीबन 4000 व्यक्ति, ऊनी वस्त्र से तकरीबन 10 हजार व्यक्ति, स्थानीय बांस से टोरी व ट्रे आदि बनाने से जुड़े से जुड़े 47.65 प्रतिशत परिवार और ऊनी उत्पाद से जुड़े चमोली, उत्तरकाशी व बागेश्वर के ग्रामीणों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।

    मेडिकल डिवाइस पार्क में बढ़ेंगी गतिविधियां केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य उपकरणों में भी जीएसटी की दर 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत की गई है। प्रदेश में इसका सबसे बढ़ा लाभ उत्तराखंड राज्य अवसंरचना एवं औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड में स्थित मेडिकल डिवाइस पार्क को मिलेगा। यहां विनिर्माण गतिविधियों से जुड़े 4000 व्यक्ति जुड़े हुए हैं। साथ ही निवेश की संभावना भी बढ़ेगी।