इको सेंसिटिव जोन पर सुप्रीम कोर्ट जाएगी उत्तराखंड सरकार
मंत्रिमंडल ने यह फैसला किया कि केंद्र सरकार और एनजीटी के राज्य के हितों के विपरीत निर्णयों के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में अपील की जाएगी।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: उत्तराखंड की कांग्रेस सरकार भागीरथी इको सेंसिटिव जोन के मुद्दे को सियासी रूप देने की तैयारी में है। मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस कमेटी इस मसले पर पांच जनवरी को दिल्ली में जंतर-मंतर पर धरना देने का ऐलान कर चुके हैं तो मंत्रिमंडल ने भी इको सेंसिटिव जोन को लेकर केंद्र सरकार पर हिमालयी राज्यों के बीच दोहरे मापदंड अपनाने पर खेद जताया।
मंत्रिमंडल ने केंद्र सरकार को पहले भेजे गए इको सेंसिटिव जोन के जोनल मास्टर प्लान को यथावत रखने की पैरवी की है, साथ में यह फैसला किया कि केंद्र सरकार और एनजीटी के राज्य के हितों के विपरीत निर्णयों के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में अपील की जाएगी।
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मंत्रिमंडल की बैठक में भागीरथी इको सेंसिटिव जोन पर केंद्र सरकार और एनजीटी के हालिया फैसलों के मद्देनजर गहन मंथन किया गया। मंत्रिमंडल ने इस पर आपत्ति जताई कि हिमालयी राज्यों में जलविद्युत परियोजनाओं को स्थापित किए जाने के लिए दी गई व्यवस्था को उत्तराखंड में लागू नहीं किया जा रहा है।
राज्य में 25 मेगावाट तक परियोजनाओं को मंजूरी दी जाए या केंद्र सरकार प्रतिपूर्ति के रूप में राज्य को विद्युत आपूर्ति करे। इस बारे में केंद्र सरकार से अनुरोध किया जाएगा। केंद्रीय योजना आयोग की बीके चतुर्वेदी समिति ने उत्तराखंड की पर्यावरणीय सेवा में योगदान को देखते हुए दो फीसद बजटरी सपोर्ट की सिफारिश की गई थी। मंत्रिमंडल ने इसके एवज में ग्रीन बोनस की मांग उठाने का निर्णय लिया है।
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अन्य हिमालयी राज्यों के इको सेंसिटिव जोन में भू उपयोग परिवर्तन राज्य स्तर पर किए जाने की व्यवस्था दी गई है। स्टीप स्लोप के संबंध में देशभर में इंडियन रोड कांग्रेस स्टैंडर्ड आइआरसी-73 लागू है। राज्य सरकार को इस पर भी आपत्ति है कि उक्त मानक भागीरथी इको सेंसिटिव जोन पर लागू नहीं किए गए हैं। महाराष्ट्र में वैस्टर्न घाट इको सेंसिटिव जोन एवं अन्य हिमालयी राज्यों में पर्यावरण मानकों में प्राप्त छूट को समान तरीके से उत्तराखंड में भी लागू होना चाहिए।
साथ ही ट्रांजिशनल क्लॉज के तहत भागीरथी इको सेंसिटिव जोन नोटिफिकेशन की तिथि से पहले से चल रही जलविद्युत परियोजनाओं को स्थापित करने की अनुमति राज्य को देने की मांग केंद्र से करने का निर्णय लिया गया।
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