प्रदेश में अग्निवीरों की वर्दीधारी पदों पर भर्ती का रास्ता साफ, उम्र और फिजिकल में मिलेगा आरक्षण
उत्तराखंड सरकार ने अग्निवीरों को सरकारी नौकरियों में 10% क्षैतिज आरक्षण देने का फैसला किया है। यह आरक्षण गृह वन आबकारी परिवहन और सचिवालय प्रशासन जैसे विभागों में समूह-ग की वर्दीधारी सेवाओं में मिलेगा। अग्निवीरों को शारीरिक दक्षता परीक्षा में छूट और आयु सीमा में भी छूट दी जाएगी। मुख्यमंत्री धामी ने इसे पूर्व अग्निवीरों के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक ठोस कदम बताया है।

राज्य ब्यूरो, देहरादून । उत्तराखंड में सेवामुक्त अग्निवीरों को गृह विभाग, वन विभाग, आबकारी विभाग, परिवहन विभाग और सचिवालय प्रशासन विभाग के समूह-ग के सभी वर्दीधारी सेवाओं में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिया जाएगा।
उन्हें सीधी भर्ती की प्रक्रिया में शारीरिक दक्षता परीक्षा से छूट प्रदान की जायेगी। इसके साथ ही उन्हें भारतीय सेना में अग्निवीर के रूप में की गई कुल सेवा अवधि के बराबर अधिकतम आयु सीमा में छूट प्रदान की जाएगी। शासन ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। यह नियमावली तुरंत लागू मानी जाएगी।
सरकारी सेवाओं में आरक्षण देने की धामी ने की थी घोषणा
सेवामुक्त अग्निवीरों को राहत देने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें सरकारी सेवाओं में क्षैतिज आरक्षण देने की घोषणा की थी। इस क्रम में अगस्त में हुई कैबिनेट की बैठक में इस पर मुहर लगाई गई थी। अब इसका आदेश जारी कर दिया गया है। सचिव गृह शैलेश बगौली द्वारा जारी नियमावली में स्पष्ट किया गया है कि यह लाभ राज्य के मूल व स्थायी निवासियों को ही मिलेगा।
इसके दायरे में वही आएंगे, जिन्हें भारतीय सेना से अग्निवीर के रूप में सेवामुक्त होने का प्रमाण पत्र निर्गत हुआ है। जिला सैनिक कल्याण अधिकारी को भी इसकी पुष्टि अभिलेखों में करनी होगी। सरकार के इस निर्णय से प्रदेश में वर्ष 2026 में अग्निपथ योजना के तहत भर्ती होने वाले तकरीबन 850 अग्निवीरों को इसका लाभ मिलेगा।
इन पदों पर में होगी भर्ती
गृह विभाग- नागरिक पुलिस व पीएसी में पुलिस आरक्षी, उप निरीक्षक, नागरिक पुलिस व प्लाटून कमांडर पीएसी, अग्निशामक, अग्निशमन द्वितीय अधिकारी, बंदी रक्षक व उप कारापाल।
वन विभाग- वन आरक्षी व वन दरोगा।
आबकारी विभाग - आबकारी सिपाही, परिवहन विभाग - प्रवर्तन सिपाही
सचिवालय प्रशासन - सचिवालय रक्षक
देश की सेवा कर लौटे पूर्व अग्निवीर राज्य का गौरव हैं। उन्हें सम्मान व रोजगार का अवसर देना हमारी जिम्मेदारी है। यह निर्णय पूर्व अग्निवीरों के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक ठोस कदम है। हमारी सरकारी पूर्व सैनिकों व अग्निवीरों को हर तरह से सेवायोजन करने का प्रयास कर रही है। -पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड
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