Coronavirus: उत्तराखंड में कोरोना वायरस महामारी घोषित, आइसोलेशन वार्ड के लिए 50 करोड़ मंजूर
राज्य मंत्रिमंडल की शनिवार देर शाम हुई बैठक में उत्तराखंड में कोरोना वायरस को महामारी घोषित करने का फैसला लिया गया।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश में कोरोना को महामारी घोषित कर दिया है। सरकार ने मेडिकल कॉलेजों को छोड़ सभी स्कूल, कॉलेज व सिनेमाघरों को 31 मार्च तक के लिए बंद कर दिया है। सरकारी समारोह, आयोजन, वर्कशॉप, प्रशिक्षण, सेमिनार आदि सरकार की अनुमति के बाद ही किए जा सकेंगे। इसके साथ ही प्रदेश सरकार ने कोरोना की रोकथाम के लिए उत्तराखंड महामारी रोग कोविड-19 (कोरोना वायरस विनियम-2020) नियमावली बनाकर इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी है। इसके अंतर्गत सरकार किसी भी व्यक्ति को उसकी इच्छा के विपरीत जांच करने अथवा उसे अस्पताल में रख सकती है। जरूरत पड़ने पर निजी अस्पतालों व निजी भवनों का इस्तेमाल भी राज्य सरकार अपने अनुसार अस्पताल अथवा आइसोलेशन वार्ड के रूप में कर सकेगी। अधिसूचना के अनुसार सचिव स्वास्थ्य को सभी शक्तियां प्रदान की गई हैं। जिलाधिकारी अथवा मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को भी उनके जरिये यह अधिकार मिल सकेंगे। नियमों का अनुपालन न करने पर एक माह से लेकर छह माह तक की सजा का प्रविधान किया गया है। सरकार ने आपात स्थिति में खरीद अथवा अस्पताल बनाने के लिए 50 करोड़ रुपये का भी प्रविधान किया है।
शनिवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंत्री परिषद और मंत्रिमंडल की बैठक में कोरोना वायरस पर रोकथाम को लेकर चर्चा की गई। सरकार के प्रवक्ता व कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि कोरोना से भारत से भी अछूता नहीं है। इसके लिए केंद्रीय परिवार एवं स्वास्थ्य कल्याण मंत्रालय ने कई अहम कदम उठाए गए हैं। प्रदेश के समीपवर्ती राज्यों में भी इसका प्रभाव देखने को मिला है। इस संक्रमण को प्रदेश में फैलने से रोकने पर सरकार ने फोकस किया है। इसके लिए सरकार ने केंद्रीय अधिनियम यानी द एपिडेमिक एक्ट 1897 के अंतर्गत राज्य सरकार को महामारी फैलने की दशा में इसके रोकथाम एवं प्रभावी नियंत्रण करने के लिए नियम बनाने को अधिकृत किया गया है।
इसी कड़ी में सरकार ने उत्तराखंड महामारी रोग-कोविड-19 विनियम 2020 लागू कर दिया है। इसके अंतर्गत अब भ्रामक सूचनाओं पर भी रोक लगाने की व्यवस्था की गई है। कोई भी कोविड-19 के संबंध में प्रिंट अथवा इलेक्ट्रानिक मीडिया के संबंध में बिना सरकार की अनुमति के सूचना प्रसारित नहीं कर सकते हैं। किसी भी व्यक्ति अथवा संस्था द्वारा ऐसा किए जाने को दंड की श्रेणी में माना जाएगा। कोई भी निजी लैब कोविड-19 के सैंपल को एकत्र अथवा टेस्ट नहीं कर सकती।
इसके सारे सैंपल भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार लिए जाएंगे। ये सैंपल स्वास्थ्य विभाग द्वारा नामित नोडल अधिकारी अधिकृत लैब को भेजेंगे। प्रदेश के सभी सरकारी, निजी अस्पताल और आयुष चिकित्सकों को किसी व्यक्ति में कोरोना के लक्षण पाए जाने पर जिला सतर्कता यूनिट अथवा मुख्य चिकित्साधिकारी को इसकी सूचना देनी अनिवार्य होगी। कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि प्रदेश में अभी कोरोना का कोई मामला सामने नहीं आया है। बावजूद इसके सरकार इससे निपटने के लिए पूरी तैयारी कर रही है।
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