Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उत्‍तराखंड में मदरसों पर शिकंजा, 15 दिनों में 52 सील; धर्म की आड़ में चल रहा था कोई और ही खेल

    Updated: Wed, 12 Mar 2025 12:41 PM (IST)

    Illegal Madrasas उत्तराखंड में अवैध मदरसों पर शिकंजा कसते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर 15 दिनों में 52 से अधिक मदरसों को सील कर दिया गया है। धर्म की आड़ में चल रहे इन मदरसों में जनसंख्या असंतुलन की कोशिशें भी सामने आई थीं। अब सरकार ने साफ कर दिया है कि प्रदेश के मूल स्वरूप से किसी भी कीमत पर खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

    Hero Image
    Illegal Madrasas: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी। जागरण आर्काइव

    राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। Illegal Madrasas: उत्तराखंड में धर्म की आड़ में अवैध मदरसे चलाने वालों के खिलाफ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सख्त रुख अपना लिया है। 15 दिनों के भीतर ही 52 से अधिक अवैध रूप से संचालित मदरसों को सील किया जा चुका है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हाल में मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर देहरादून के विकासनगर में 12 और ऊधम सिंह नगर जिले के खटीमा में नौ अवैध मदरसों को सील कर दिया गया। इससे पहले विभिन्न जिलों में 31 मदरसों पर कार्रवाई हो चुकी है। लंबे समय से उत्तराखंड के पछवादून और अन्य इलाकों में अवैध मदरसों का जाल फैलाए जाने की शिकायतें मिल रही थीं। यहां धर्म की आड़ में जनसंख्या असंतुलन की कोशिशें भी सामने आई थीं।

    प्रदेश के मूल स्वरूप से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं

    अब मुख्यमंत्री धामी ने साफ संदेश दे दिया है कि प्रदेश के मूल स्वरूप से किसी भी कीमत पर खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जो भी कानून तोड़ेगा या अवैध गतिविधियों में शामिल होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

    यह भी पढ़ें- Delhi-Dehradun Expressway पर बड़ा अपडेट, एलिवेटेड रोड खुलने के लिए अब और करना होगा इंतजार

    इस बड़ी कार्रवाई से साफ है कि उत्तराखंड में अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने और कानून का राज स्थापित करने के लिए मुख्यमंत्री धामी का एक्शन लगातार जारी रहेगा। आने वाले समय में भी अवैध मदरसों और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई देखने को मिल सकती है।

    जागरण ग्राफ‍िक्‍स।

    भूमि रजिस्ट्री में फर्जीवाड़ा के प्रकरणों की समीक्षा के निर्देश

    देहरादून : प्रदेश में भूमि की रजिस्ट्री में फर्जीवाड़ा करने एवं स्टांप की चोरी पर सख्ती से अंकुश लगाने को गठित स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआइटी) को कुल 378 शिकायतें मिलीं। इनमें 72 प्रकरणों में प्राथमिकी दर्ज कर विवेचना चल रही है।

    वित्त सचिव दिलीप जावलकर ने शेष 38 प्रकरणों की तत्काल समीक्षा करने के निर्देश अपर सचिव गृह एवं देहरादून के पुलिस अधीक्षक देहात को दिए। उन्होंने त्वरित एवं निष्पक्ष जांच के निर्देश भी दिए, ताकि फर्जीवाड़ा की घटनाओं की भविष्य में पुनरावृत्ति न हो।

    वित्त सचिव दिलीप जावलकर ने सचिवालय में एसआइटी की प्रथम समयावधि 25 जुलाई, 2023 से 30 सितंबर, 2023 एवं द्वितीय समयावधि 24 अक्टूबर, 2024 से 28 फरवरी, 2025 के पश्चात शासन को भेजी गई रिपोर्ट की समीक्षा की।

    उन्होंने बताया कि एसआइटी को इस अवधि में विभिन्न प्रकरणों में कुल 378 शिकायतें प्राप्त हुईं थीं। प्रथम कार्यकाल में 97 व द्वितीय कार्यकाल में 13 प्रकरण में प्राथमिकी दर्ज कर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को उन्हें भेजा गया।

    यह भी पढ़ें- सख्त भू-कानून विधेयक पर विधानसभा की मुहर, अब उत्तराखंड के 11 जिलों में खेती के लिए नहीं खरीद सकेंगे जमीन

    विधि विज्ञान प्रयोगशाला में तेजी से नहीं हो रही जांच

    सचिव ने प्राथमिकी दर्ज से जुड़े 110 प्रकरणों में प्रत्येक 15 दिन पर शासन स्तर पर समीक्षा बैठक करने के निर्देश दिए। साथ ही जिन 72 प्रकरणों में प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है, उनकी विवेचना तीव्रता से करने को कहा गया। उन्होंने बताया कि विधि विज्ञान प्रयोगशाला में तेजी से जांच नहीं होने की जानकारी मिली है।

    स्टांप एवं निबंधन विभाग ने प्रदेश में तैनात फोरेंसिक विशेषज्ञों ने दस्तावेजों में हेराफेरी के 18 प्रकरणों की जांच प्रयोगशाला में नहीं होने को गंभीरता से लिया। निबंधन महानिरीक्षक को इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए गए।

    सीएम के समक्ष रखेंगे एसआइटी रिपोर्ट के प्रकरण

    उन्होंने कहा कि एसआइटी की रिपोर्ट में उजागर की गईं विसंगतियों एवं उनसे संबंधित संस्तुतियों को डिजिटल फार्म में संकलित करने को कहा, ताकि इन्हें मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया जा सके। बैठक में निबंधन महानिरीक्षक डा अहमद इकबाल, अपर सचिव गृह निवेदिता कुकरेती, अपर सचिव वित्त गंगा प्रसाद व पुलिस अधीक्षक देहात जया बलूनी उपस्थित रहीं।