उत्तराखंड को कोरोना काल में मिली 4000 करोड़ की बूस्टर डोज
उत्तराखंड में कोरोना महामारी से ढीली पड़ी आर्थिक सेहत को 4000 करोड़ से ज्यादा की बूस्टर डोज मिल गई। इसके बूते ही बीते वित्तीय वर्ष में अनुपूरक बजट लाकर नई योजनाओं पर आगे बढ़ने की हिम्मत बांधी जा सकी।

रविंद्र बड़थ्वाल, देहरादून। उत्तराखंड देश के उन राज्यों में शामिल है, जो केंद्र की ओर से निर्धारित सुधारों की राह पर कदम बढ़ाते हुए सस्ता कर्ज पाने में कामयाब रहा। दो फीसद ज्यादा कर्ज हासिल करने के लिए सुधारों की कठिन डगर पर हौसले के साथ कदम बढ़ाने पड़े। नतीजा ये हुआ कि कोरोना महामारी से ढीली पड़ी आर्थिक सेहत को 4000 करोड़ से ज्यादा की बूस्टर डोज मिल गई। इसके बूते ही बीते वित्तीय वर्ष में अनुपूरक बजट लाकर नई योजनाओं पर आगे बढ़ने की हिम्मत बांधी जा सकी।
राज्य को 4000 करोड़ का नुकसान
कोरोना संकट ने सीमित आमदनी की हैसियत रखने वाले उत्तराखंड को आर्थिक मोर्चे पर बुरी तरह झिंझोड़ा है। तकरीबन चार महीने के लाकडाउन के दौरान राज्य को हर महीने एक हजार करोड़ राजस्व का नुकसान हुआ। खराब माली हालत से जूझते हुए राज्य ने इसी वजह से केंद्र सरकार के सस्ते कर्ज के आफर को लपककर सुधारों की डगर पर कई डग भर डाले। केंद्र ने बीते वित्तीय वर्ष 2020-21 में कर्ज लेने की सीमा सकल राज्य घरेलू उत्पाद के तीन फीसद से बढ़ाकर पांच फीसद कर दी थी। इसके साथ ये शर्त जोड़ी गई कि अतिरिक्त दो फीसद कर्ज पाने के लिए राज्य को चार सुधार करने होंगे। इनमें से तीन सुधार अनिवार्य कर दिए गए।
सुधार के रास्ते सस्ता कर्ज
ऊर्जा क्षेत्र में लाइन लास में कमी लाने व सुधार करने पर 0.25 फीसद, वन नेशन वन राशनकार्ड प्रणाली लागू करने पर 0.25 फीसद, ईज आफ डूइंग बिजनेस सुधार पर 0.25 फीसद और शहरी निकायों में संपत्ति कर की व्यवस्था पर 0.25 फीसद वृद्धि का लाभ अतिरिक्त कर्ज लेने के लिए नियत किया गया था। खास बात ये है कि कोरोना संकट के चलते पस्त पड़े माहौल और सरकारी कामकाज प्रभावित रहने के बावजूद प्रदेश सरकार ने इन सुधारों की दिशा में कदम भी बढ़ाए और सस्ता कर्ज पाने की मंजिल भी हासिल की।
कर्ज के बूते अनुपूरक बजट
बीते दिसंबर माह में तय सुधारों के बूते राज्य को करीब 4000 करोड़ से ज्यादा कर्ज मिलने का रास्ता साफ हुआ। इसकी वजह से ही कोरोना से कराहती अर्थव्यवस्था के बीच बीते जनवरी माह में सरकार वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए 4063 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट ला सकी। इसमें सड़कों व पुलों को बनाने समेत सरकार की विभिन्न योजनाओं के लिए धन जुटाया गया। साथ में नए मेडिकल कालेजों के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ने के लिए भी 40 करोड़ बजट में रखे गए। कर्ज के बूते ही राज्य में कार्मिकों के वेतन-भत्तों पर संकट नहीं मंडराया।
-अमित नेगी (वित्त सचिव उत्तराखंड) का कहना है कि केंद्र की ओर से निर्धारित सुधारों की दिशा में उत्तराखंड ने गंभीरता से कदम बढ़ाए हैं। लक्ष्यों की पूर्ति से कोरोना काल में अतिरिक्त कर्ज के रूप में मदद मिली। इनसे भविष्य में भी राज्य को लाभ मिलना तय है। सुधारों के लिए कदम उठाने का सिलसिला जारी रहेगा।
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