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Uttarakhand Glacier Burst: ऋषिगंगा में बनी झील से तीन धाराएं और निकलीं

Uttarakhand Glacier Burst जलप्रलय के बाद ऋषिगंगा नदी में मलबे की वजह से जो झील बनी थी उसके टूटने का खतरा धीरे-धीरे कम होने लगा है। झील में तीन धाराएं और बन गई है। जिसके बाद अब झील का पानी चार धाराओं से नदी में प्रवाहित हो रहा है। ।

By Sumit KumarEdited By: Published: Wed, 17 Feb 2021 07:05 AM (IST)Updated: Wed, 17 Feb 2021 07:05 AM (IST)
Uttarakhand Glacier Burst: ऋषिगंगा में बनी झील से तीन धाराएं और निकलीं
झील में तीन धाराएं और बन गई है।

जागरण संवाददाता, देहरादून: Uttarakhand Glacier Burst जलप्रलय के बाद ऋषिगंगा नदी में मलबे की वजह से जो झील बनी थी, उसके टूटने का खतरा धीरे-धीरे कम होने लगा है। झील में तीन धाराएं और बन गई है। जिसके बाद अब झील का पानी चार धाराओं से नदी में प्रवाहित हो रहा है। पहली धारा झील के अस्तित्व में आने के बाद ही बन गई थी। सभी धाराएं स्वत: बनी हैं। इनसे झील में जमा पानी धीरे-धीरे बाहर आ रहा है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के हाई रेजोल्यूशन सेटेलाइट चित्र में ये धाराएं नजर आई हैं। उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (यूसैक) के निदेशक डॉ. एमपीएस बिष्ट ने सेटेलाइट चित्र के विश्लेषण के बाद नई धाराएं बनने की पुष्टि की।

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यूसैक निदेशक डॉ. एमपीएस बिष्ट के मुताबिक, नासा के सेटेलाइट चित्र में जमीन पर करीब 26 सेंटीमीटर आकार की वस्तु को स्पष्ट देखा जा सकता है। इसमें स्पष्ट दिख रहा है कि झील में तीन धाराएं और बन चुकी हैं। डॉ. बिष्ट के मुताबिक मंगलवार को मुख्य सचिव ओम प्रकाश की अध्यक्षता में आयोजित आपदा प्रबंधन संबंधी बैठक में उन्होंने नासा के सेटेलाइट चित्र की जानकारी साझा की। इसके बाद मुख्य सचिव ने तत्काल केंद्र सरकार को झील की मौजूदा स्थिति से अवगत कराया।

ऋषिगंगा में रौंथी गदेरा के मिलन स्थल की तरफ बनी धाराएं

यूसैक निदेशक डॉ. बिष्ट ने बताया कि नई धाराएं उस तरफ बनी हैं, जहां रौंथी गदेरा ऋषिगंगा नदी में मिलता है। यह नदी का बायां छोर है। इस तरफ नदी के बहाव का प्राकृतिक ढाल भी है। इससे पहले झील के पानी की निकासी के लिए यूसैक ने इसी तरफ धारा बनाने की बात कही थी। हालांकि, यह कार्य स्वत: ही हो गया। डॉ. बिष्ट के मुताबिक जिस मलबे के चलते झील बनी है, उसके नीचे बर्फ जमा है। यह धीरे-धीरे पिघल रही है। इससे जहां मलबा खिसक रहा है, वहां धारा बन रही है।

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झील का दोबारा होगा निरीक्षण

झील में बनी नई धाराओं की स्थिति स्पष्ट करने के लिए सरकार के निर्देश पर बुधवार  हेलीकॉप्टर से चार सदस्यीय दल रवाना किया जाएगा। इसमें यूसैक निदेशक के अलावा आइटीबीपी, एसडीआरएफ व एनआइएम के सदस्य शामिल रहेंगे। स्थलीय निरीक्षण के दौरान धाराओं की चौड़ाई बढ़ाने का निर्णय भी किया जा सकता है।   

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