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    Uttarakhand Foundation Day: बिखरेगी लोकरंगों की छटा, हिमालयी राज्यों की संस्‍कृति का होगा संगम

    Updated: Thu, 30 Oct 2025 04:58 PM (IST)

    उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के रजत जयंती समारोह में देहरादून के हिमालयन सांस्कृतिक केंद्र में 1 नवंबर से विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। 'निनाद' नामक इस उत्सव में हिमालयी राज्यों की संस्कृति, संगीत और कला का प्रदर्शन किया जाएगा। पद्मभूषण पंडित विश्व मोहन भट्ट और पद्मविभूषण सोनल मान सिंह जैसे कलाकार प्रस्तुतियां देंगे।

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     एक नवंबर से देहरादून के हिमालयन सांस्कृतिक केंद्र में होंगे सांस्कृतिक कार्यक्रम। आर्काइव

    राज्य ब्यूरो, जागरण देहरादून।उत्तराखंड राज्य स्थापना के रजत जयंती समारोह के तहत राजधानी देहरादून के हिमालयन सांस्कृतिक केंद्र में उत्तराखंड समेत हिमाचल, जम्मू-कश्मीर, मणिपुर, नागालैंड, असोम जैसे हिमालयी राज्यों के लोकरंगों की छटा बिखरेगी। साथ ही हिमालयी क्षेत्र के खान-पान, विरासत, रंगमंच, लोकभाषा व संस्कृति, श्रीनंदा राजजात विषयों पर विमर्श भी होगा। यही नहीं, पद्मभूषण एवं ग्रैमी अवार्ड विजेता पंडित विश्व मोहन भट्ट, पद्मविभूषण डा सोनल मान सिंह, पद्मश्री मालिनी अवस्थी, सुरेश वाडेकर, रानू मजूमदार व प्रीतम भरतवाण, उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी समेत अन्य नामी कलाकार भी इस दौरान प्रस्तुतियां देंगे।

    संस्कृति विभाग ने रजत जयंती समारोह के तहत होने वाले कार्यक्रमों को नाम दिया है ''''निनाद : हिमालयी कला, संगीत व संस्कृति उत्सव''''। इसे यादगार बनाने के लिए संस्कृति विभाग ने कमर कस ली है। मंगलवार को सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में पत्रकारों से बातचीत में धर्मस्व एवं संस्कृति सचिव युगल किशोर पंत ने रजतोत्सव के तहत नौ नवंबर तक होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि प्रत्येक दिन तीन सत्रों में कार्यक्रम होंगे।

    सचिव पंत के अनुसार रजतोत्सव की शुरुआत एक नवंबर को लोकनृत्य की प्रस्तुति से होगी। इसी दिन भातखंडे हिंदुस्तानी संगीत महाविद्यालय पौड़ी के छात्र सांस्कृतिक प्रस्तुति देंगे। तीसरे सत्र में रामेश्वरी भट्ट का जागर गायन, नागालैंड की प्रस्तुति यूलिखेरी और आखिर में पद्मश्री गायक सुरेश वाडेकर गीतों की प्रस्तुति देंगे। दो नवंबर को लोकनृत्य, हिमांचल के सांस्कृतिक दलों की ओर से नाटी, नृत्यांगन संस्था द्वारा गंगा अवतरण की प्रस्तुतियां होंगी। द्वितीय सत्र में ''''उत्तराखंड में सिनेमा'''' पर परिचर्चा के बाद आर्य नंदा की ओडिसी नृत्य की प्रस्तुति होगी। तृतीय सत्र में कमला देवी का लोक गायन, विपुल राय की सिंफनी आफ हिमालयाज की प्रस्तुति के बाद प्रसिद्ध लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी प्रस्तुति देंगे।

    तीन नवंबर को जनजातीय लोकनृत्य के बाद तिब्बतियन इंस्टीट्यूट आफ परफार्मिंग आर्ट धर्मशाला की टीम प्रस्तुति देगी। फिर हिमाचल के सांस्कृतिक दलों की प्रस्तुतियां होंगी। द्वितीय सत्र में उत्तराखंड की लोकभाषा एवं संस्कृति विषय पर पैनल डिस्कशन होगा। तृतीय सत्र में शास्त्रीय गायक रित्विज पंत व चित्रांक पंत की प्रस्तुति के बाद पंडित विश्व मोहन भट्ट द्वारा मोहन वीणा के तार झंकृत किए जाएंगे। चार नवंबर को प्रथम सत्र में जनजातीय लोक नृत्य के बाद असम व हिमाचल के लोकनृत्य व गायन के कार्यक्रम होंगे। द्वितीय सत्र में हिमालय में रंगमच विषय पर विमर्श होगा। तृतीय सत्र में रोनू मजूमदार, मैसूर मंजूनाथ की बांसुरी व वायलिन और पंडित हरीश गंगानी व नयनिका खंडूड़ी की कथक जुगलबंदी से दर्शक रूबरू होंगे। इसके अलावा योगेश खेतवाल शास्त्रीय गायन प्रस्तुत करेंगे।

    पांच नवंबर को पौराणिक लोकवाद्यों की गूंज रहेगी तो तिब्बतियन होम फाउंडेशन राजपुर की ओर से तिब्बती लोकनृत्यों की प्रस्तुतियां दी जाएंगी। मणिपुरी बसंत रासलीला भी आकर्षण का केंद्र रहेगी। इसी दिन एनएसडी के डा एहसान बख्श नाट्य मंचन की प्रस्तुति देंगे। इसके अलावा पंडित राहुल शर्मा का संतूर वादन और मालिनी अवस्थी की लोक संगीत की प्रस्तुतियां भी होंगी। छह नवंबर को जनजाति लोकनृत्यों की प्रस्तुति के बाद गंधर्व महाविद्यालय व सुभारती इंस्टीट्यूट देहरादून के छात्र सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देंगे। द्वितीय सत्र में श्रीनंदा राजजात को लेकर विमर्श होगा, जबकि तृतीय सत्र में मोहन रावत व चित्रांक पंत का संतूर व तबला वादन, निशित गंगानी व हिमांशु दरमोड़ा (लैंडेड रिद्मस्थान बैंड) की प्रस्तुति के बाद पद्मश्री प्रीतम भरतवाण की गीत संध्या होगी।

    सात नवंबर को उत्तराखंडी व जम्मू कश्मीर के लोक नृत्यों के बाद हिमालय में खानपान, विरासत और उत्तराधिकार विषय पर चर्चा होगी। तृतीय सत्र में डा सोनल मान सिंह की नृत्य नाटिका पांडवाज बैंड की प्रस्तुतियां होंगी। आठ नवंबर को उत्तराखंड व जम्मू-कश्मीर के लोक नृत्य, भातखंडे हिन्दुस्तानी संगीत महाविद्यालय देहरादून व अल्मोडा की प्रस्तुतियां होंगी, जबकि डा विजय भट्ट रोगों के उपचार में संगीत की भूमिका पर व्याख्यान देंगे। एमकेपी पीजी कालेज की छात्राओं भी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देंगी।

    आठ नवंबर को तृतीय सत्र में पंडित रितेश एवं रजनीश मिश्रा का शास्त्रीय गायन होगा। इसके पश्चात कवि सम्मेलन होगा, जिसमें डा हरिओम पंवार, विष्णु सक्सेना, शंभू शिखर, तेज नारायण बेचैन, श्वेता सिंह समेत अन्य कवि अपनी रचनाओं का पाठ करेंगे। नौ नवंबर को उत्तराखंडी लोकरंग, सुनहरे घुंघरू डांस स्कूल व अर्धांग इंस्टीट्यूट देहरादून की सांस्कृतिक प्रस्तुति होगी। द्वितीय सत्र में उत्तराखंड के गढ़वाली, कुमाऊं, जौनसारी व थारू लोक नृत्यों की प्रस्तुतियां होंगी, जबकि तृतीय सत्र में भूटान बैंड की प्रस्तुति मिस्टी टेरिस होगी।

    //Bलांच होगी निनाद वेबसाइट//B

    संस्कृति सचिव ने बताया कि रजतोत्सव के कार्यक्रमों के प्रचार-प्रसार के दृष्टिगत वेबसाइट निनाद शीघ्र ही लांच की जाएगी। इसके अलावा हिमालयन सांस्कृतिक केंद्र में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद उठाने के लिए सीट बुक करने के लिए स्पेस बाक्स के साथ हाथ मिलाया गया है।

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