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    उत्तराखंड में साइबर कमांडो की फौज तैयार, इन 10 जांबाजों का हुआ चयन; लेंगे विशेष प्रशिक्षण

    उत्तराखंड में बढ़ते साइबर हमलों से निपटने के लिए साइबर कमांडो की एक टीम बनाई गई है। पहले चरण में 10 साइबर कमांडो का चयन किया गया है जिन्हें देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इन साइबर कमांडो का उद्देश्य साइबर अपराधों पर अंकुश लगाना और साइबर सुरक्षा को मजबूत करना है। बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से साइबर कमांडो बनाने की योजना बनाई गई है।

    By Soban singh Edited By: Vivek Shukla Updated: Thu, 12 Sep 2024 08:27 AM (IST)
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    10 साइबर कमांड़ो को चयनित किया गया है।

    सोबन सिंह गुसांई, देहरादून। देश में बढ़े रहे साइबर हमलाें को देखते हुए प्रदेश में भी साइबर कमांड़ों की फौज तैयार की जा रही है। पहले चरण में 10 साइबर कमांड़ो को चयनित किया गया है। यह साइबर कमांडो साइबर क्राइम थाना देहरादून व हल्द्वानी से चयनित किए गए हैं।

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    फरवरी माह में इंडियन साइबर क्राइम कोआर्डिनेशन सेंटर (आइ4सी) की ओर से ली गई आनलाइन परीक्षा में इन पुलिसकर्मियों ने परीक्षा पास की है। इसके बाद इनका चयन साइबर कमांडों के लिए किया गया है।

    बढ़ती साइबर धोखाधड़ी को देखते हुए केंद्र सरकार की ओर से साइबर कमांडो बनाने की योजना बनाई गई है। गृह मंत्री अमित शाह ने भी साफ किया है कि साइबर सुरक्षा सिर्फ डिजिटल दुनिया तक सीमित नहीं है, बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा का अभी अहम पहलू है।

    साइबर सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में पूर्व से ही साइबर कमांडो बनाने की योजना चल रही थी। यह योजना अब धरातल पर उतरी है। जल्द ही इन चयनित पुलिसकर्मियों को साइबर कमांडों के प्रशिक्षण के लिए रवाना किया जाएगा।

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    इन संस्थानों में होगा प्रशिक्षण

    • - राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय गांधीनगर गुजरात
    • - राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय गांधीनगर गुजरात
    • - राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय दिल्ली
    • - आइआइटी कानपुर
    • - आइआइटी चेन्नई
    • - आइआइटी कोटाय्यम, केरला
    • - आइआइटी नया रायपुर, छत्तीसगढ़
    • - डिफेंस इंस्टीट्यूट आफ एडवांस टेक्नालाजी पुणे
    • - नेशनल फारेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी गोवा

    इन पुलिसकर्मियों का हुआ है चयन

    • - सब इंस्पेक्टर आशीष गुसांई
    • - सब इंस्पेक्टर राजीव सेमवाल
    • - सब इंस्पेक्टर राहुल कापड़ी
    • - सब इंस्पेक्टर राजेश ध्यानी
    • - महिला सब इंस्पेक्टर वंदना
    • - सहायक सब इंस्पेक्टर विनोद बिष्ट
    • - हेड कांस्टेबल पवन
    • - कांस्टेबल सुभाष खत्री
    • - कांस्टेबल उष्मान
    • - कांस्टेबल अरविंद बिष्ट

    हर वर्ष करोड़ों रुपये की हो रही है साइबर ठगी

    जिस तरह से साइबर ठग नए-नए तरीकों से ठगी की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं, वह पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है। ठग क्रिफ्टो करेंसी के माध्यम से यह धनराशि दुबई, कंबोडिया, पाकिस्तान, वियतनाम भेज रहे हैं।

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    देश में छोटे-मोटे साइबर ठग तो पुलिस के पकड़ में आ जा रहे हैं, लेकिन विदेशों में बैठे मास्टरमाइंडों तक पुलिस के हाथ नहीं पहुंच पा रहे हैं। इसी चेन को तोड़ने के लिए साइबर कमांडों तैयार किए जा रहे हैं, ताकि समय रहते पुलिस अपनी कार्रवाई शुरू करते हुए धनराशि विदेश जाने से ही होल्ड की जा सके।

    एसटीएफ पुलिस अधीक्षक चंद्रमोहन सिंह नेगी ने कहा कि साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से प्रदेश में 10 सदस्यीय साइबर कमांडों टीम गठित की गई है। साइबर क्राइम थाना देहरादून व हल्द्वानी में तैनात पुलिसकर्मियों को टीम में शामिल किया गया है। चयनित साइबर कमांडों का प्रशिक्षण देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में शुरू होने जा रहा है।