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    शराब में मिलावट की जांच को होगी लैब टेस्टिंग, आय संसाधन बढ़ाने को उत्‍तराखंड सरकार ने उठाए कदम

    Updated: Wed, 01 Oct 2025 03:29 PM (IST)

    उत्तराखंड सरकार राजस्व सरप्लस की स्थिति बरकरार रखने के लिए आय संसाधन बढ़ाने पर ध्यान दे रही है। शराब में मिलावट रोकने के लिए लैब टेस्टिंग होगी। जीएसटी संग्रह के लिए सेक्टर-वार लक्ष्य तय होंगे। वन क्षेत्रों में खनन और जड़ी-बूटियों से आय बढ़ाने पर ध्यान दिया जाएगा। परिवहन और ऊर्जा विभाग को भी राजस्व वसूली बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।

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    मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार राजस्व वृद्धि के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। फाइल

    रविंद्र बड़थ्वाल, जागरण, देहरादून। प्रदेश में बन रही शराब में मिलावट की शिकायतों की जांच के लिए शराब की लैब टेस्टिंग होगी। इससे ऐसी शिकायतों का प्रभावी समाधान हो सकेगा और राजस्व भी बढ़ेगा। राजस्व सरप्लस राज्य का अपना दर्जा वित्तीय वर्ष 2025-26 में बरकरार रखने को उत्तराखंड आय संसाधन बढ़ाने के लिए इसी प्रकार पूरी ताकत झोंकेगा।

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    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विशेष निर्देशों के क्रम में राजस्व प्राप्ति से संबंधित विभागों को आय बढ़ाने की कार्ययोजना थमाई गई है। राजस्व बढ़ाने अथवा वसूल करने में ढीला प्रदर्शन कर रहे विभागों को खामियां दुरुस्त कर नये स्रोत ढूंढ़ने और सुधारात्मक कदम उठाने को कहा गया है।

    जीएसटी के बाद आबकारी राज्य की आय का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत है। आबकारी विभाग ने 5060 करोड़ के लक्ष्य को पाने से ही हाथ खड़े कर दिए हैं। शुरुआती चार महीनों में विभाग लक्ष्य का 31 प्रतिशत ही वसूल कर पाया। विभागीय अधिकारियों के अनुसार मात्र 4800 करोड़ ही अर्जित कर पाएंगे।

    बताया गया कि प्रदेश में निर्मित मदिरा में मिलावट की शिकायतें मिल रही हैं। इससे उपभोक्ता बाहर की शराब को प्राथमिकता दे रहे हैं। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने बताया कि इन शिकायतों पर रोकने लगाने को इसकी लैब टैस्टिंग की जाएगी। इसी प्रकार जीएसटी से इस वर्ष 11,221 करोड़ की वसूली की जानी है, लेकिन जीएसटी की दरें घटने के बाद अब चुनौतियां बढ़ गई हैं। इसे देखते हुए जीएसटी प्राप्ति को हर सेक्टरवार लक्ष्य आवंटित करने को कहा गया है।

    वन क्षेत्रों में निजी सहयोगियों को मिलेंगे पट्टे

    खनन से इस वित्तीय वर्ष में भी अच्छी आमदनी का अनुमान है। विभाग ने कहा है कि निर्धारित 950 करोड़ के लक्ष्य की तुलना में 1150 करोड़ पाने को प्रयास तेज किए गए हैं। शुरुआती चार महीनों में ही वार्षिक लक्ष्य का 40 प्रतिशत प्राप्त हो चुका है। अब वन क्षेत्रों में कितना खनन हो सकता है, इसकी संभावना का पता लगाते हुए खनन लाट चिह्नित किए जाएंगे। वन क्षेत्रों में निजी सहभागियों को भी पट्टे देने पर विचार करने को कहा गया है।

    जड़ी-बूटियों से आय का आकलन करेगी एजेंसी

    वन विभाग का राजस्व प्राप्ति में प्रदर्शन अच्छा नहीं है। वन क्षेत्रों में जड़ी-बूटियां आय का मुख्य स्रोत हो सकती हैं और इससे आय का आकलन करने को विशेषज्ञ एजेंसी की सहायता ली जाएगी। विभाग को इसके साथ ही कार्बन क्रेडिट, नये इको टूरिज्म स्थलों के विकास और लीसा दोहन पर हो रहे आय से अधिक खर्च को देखते हुए इसमें सुधारात्मक कदमों को बढ़ावा दिया जाएगा।

    वाहन बिक्री बढ़ने से परिवहन विभाग की बढ़ी उम्मीद

    राजस्व प्राप्ति में परिवहन विभाग की प्रगति भी अपेक्षा से पीछे है। 1504 करोड़ के वार्षिक लक्ष्य में शुरुआती महीनों में वसूली 28 प्रतिशत रही। वाहन बिक्री अधिक होने से अब राजस्व प्राप्ति में सुधार होने की उम्मीद है। विभाग में इससे खुशी की लहर है। उधर, ऊर्जा विभाग को कर और करेत्तर राजस्व के रूप में 1100 करोड़ की वसूली का लक्ष्य पूरा करने के लिए तेजी से उपाय करने को कहा गया है। शुरुआती महीनों में मात्र 15 प्रतिशत राजस्व वसूली हो पाई है।

    ‘आय संसाधन बढ़ाने के लिए सरकार पूरा प्रयास किया जा रहा है। इससे राज्य के खर्चों को पूरा करने विशेष रूप से विकास कार्यों के लिए धन की उपलब्धता रहेगी। सरकार के निरंतर किए जा रहे नियोजित प्रयास रंग ला रहे हैं। राजस्व वृद्धि के लिए नए स्रोतों की तलाश करने के निर्देश विभागों को दिए गए हैं।’ - पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड