Uttarakhand News: उत्तराखंड कर्मचारियों को बड़ी राहत, एलटीसी में अब हवाई यात्रा का भी मिलेगा लाभ
उत्तराखंड के कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। अब वे एलटीसी यानी अवकाश यात्रा रियायत सुविधा का लाभ रेल सेवा के अलावा वायुयान सेवा के माध्यम से भी उठा सकेंगे। 5400 ग्रेड वेतन और इससे अधिक ग्रेड वेतन वाले कर्मचारी हवाईयात्रा कर सकेंगे। 1800-2800 ग्रेड वेतन वाले कर्मचारियों को वातानुकूलित रेल यात्रा की सुविधा मिलेगी। 15 दिन के उपार्जित अवकाश के समायोजन की बाध्यता भी खत्म कर दी गई है।

राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। पुष्कर सिंह धामी मंत्रिमंडल ने प्रदेश के लगभग दो लाख कार्मिकों को बड़ी राहत दी है। एलटीसी यानी अवकाश यात्रा रियायत सुविधा का उपभोग अब रेल सेवा के अतिरिक्त वायुयान सेवा के माध्यम से भी किया जा सकेगा। यद्यपि, वायुयान से यात्रा की सुविधा 5400 ग्रेड वेतन और इससे अधिक ग्रेड वेतन के कार्मिकों के लिए अनुमन्य होगी। वहीं 1800 ग्रेड वेतन से लेकर 2800 ग्रेड वेतन में कार्यरत कर्मचारी वातानुकूलित रेल यात्रा का आनंद उठा सकेंगे।
इस सुविधा में अब 15 दिन के उपार्जित अवकाश के समायोजन की बाध्यता समाप्त की गई है। इसके स्थान पर मात्र पांच दिन अथवा वास्तविक यात्रा अवधि तक ही उपार्जित अवकाश का उपभोग मान्य होगा। उधर, मंत्रिमंडल ने पूर्व विधायकों की पेंशन राशि 40 हजार रुपये से बढ़ाकर 60 हजार रुपये की है। साथ ही इस राशि में प्रति वर्ष 3000 रुपये की वृद्धि करने पर भी मंत्रिमंडल ने सहमति दी है। वहीं वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए लगभग 1.15 लाख करोड़ के बजट को स्वीकृति दी गई है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार को सचिवालय में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में कर्मचारियों, किसानों, मौनपालकों, वन पंचायतों, उद्यमियों के हित में महत्वपूर्ण निर्णय किए गए। विधानसभा सत्र आहूत होने के कारण मंत्रिमंडल के निर्णयों की जानकारी नहीं दी गई। सूत्रों के अनुसार मंत्रिमंडल ने कर्मचारियों के लिए एलटीसी योजना में संशोधन को हरी झंडी दिखाते हुए कर्मचारी संगठनों की बहुप्रतीक्षित मांग पूरी कर दी।
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अभी तक राज्य के सरकारी सेवकों को एलटीसी सुविधा के अंतर्गत रेलगाड़ी से उस श्रेणी में यात्रा सुविधा मिलती है, जिसके लिए यात्रा भत्ता नियमों के अधीन दौरे के लिए वे अधिकृत हैं। यह यात्रा रेलगाड़ी के अतिरिक्त वायुयान या अन्य साधनों से भी की जा सकती है, लेकिन सरकारी सेवक की अनुमन्यता की श्रेणी की धनराशि ही यात्रा भत्ता दावों में देय होती है। साथ ही इस सुविधा का उपभोग करने के लिए कर्मचारी के लिए न्यूनतम 15 दिन का उपार्जित अवकाश का उपभोग करना अनिवार्य है। एलटीसी सुविधा हर दस वर्ष की सेवा में एक बार मिलती है।
उत्तराखंड के पुष्कर सिंह धामी। -जागरण (फाइल फोटो)
संशोधित व्यवस्था के अनुसार अब वेतन स्तर-10 या उससे उच्च वेतन श्रेणी के अधिकारियों को वायुयान से यात्रा की सुविधा उनकी श्रेणी के अनुसार मिलेगी। यानी 5400 ग्रेड वेतन से लेकर 10,000 ग्रेड वेतन में कार्यरत कार्मिकों एलटीसी में वायुसेवा का लाभ ले सकेंगे। इससे पहले मूल वेतन के आधार पर रेल यात्रा की अनुमन्यता का वर्गीकरण था, जिसे सातवें वेतन आयोग के दृष्टिगत धारित पद के वेतन स्तर के आधार पर वर्गीकृत किया गया है।
वेतन स्तर-एक से पांच यानी 1800 ग्रेड वेतन से 2800 ग्रेड वेतन में कार्यरत कर्मचारियों को वातानुकूलित तृतीय श्रेणी रेल यात्रा, वेतन स्तर-छह से नौ यानी ग्रेड वेतन 4200 से 4800 तक कर्मचारियों को वातानुकूलित द्वितीय श्रेणी रेल यात्रा की सुविधा प्रदान की जाएगी।
इसी प्रकार, वेतन स्तर-10 से वातानुकूलित प्रथम श्रेणी रेल यात्रा की सुविधा प्रदान की जाएगी। यात्रा अवकाश सुविधा का उपभोग करने के लिए न्यूनतम 15 उपार्जित अवकाश के उपभोग की अनिवार्यता समाप्त करने पर मुहर लगाई गई है। इसके स्थान पर न्यूनतम पांच दिन अथवा वास्तविक यात्रा अवधि, जो अधिक हो, काे उपार्जित अवकाश के उपभोग के रूप में मान्य किया गया है।
मंत्रिमंडल के प्रमुख निर्णय
- 1800 से 2800 ग्रेड वेतन में कार्यरत कर्मचारियों को अब रेलगाड़ी में वातानुकूलित यात्रा का मिलेगा लाभ
- पूर्व विधायकों की पेंशन 40 हजार से बढ़ाकर की गई 60 हजार रुपये, प्रति वर्ष बढ़ाए जाएंगे 3000 रुपये
- उत्तराखंड राज्य सड़क सुरक्षा नीति स्वीकृत, दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने को विभागों की जिम्मेदारी तय
- जंगल में लगने वाली आग रोकने के लिए वनाग्नि सुरक्षा प्रबंधन समितियों के गठन पर लगाई गई मुहर
- सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) के 10 नए पदों को स्वीकृति, सड़क सुरक्षा पर नजर
- शीतकालीन पर्यटन के अंतर्गत पिथौरागढ़ में आदि कैलास एवं ओम पर्वत दर्शन हेली सेवा को हरी झंडी
- वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए लगभग 1.15 लाख करोड़ के बजट को मंजूरी
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राज्य सड़क सुरक्षा नीति, 2025 स्वीकृत
मंत्रिमंडल ने प्रदेश में लगातार बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए उत्तराखंड राज्य सड़क सुरक्षा नीति, 2025 को स्वीकृति दी। इस नीति में सभी अहम विभागों की जिम्मेदारी तय की गई है। परिवहन, पुलिस, लोक निर्माण, शहरी विकास, वन व स्वास्थ्य के साथ ही आबकारी, ऊर्जा, पर्यटन, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभागों के साथ ही जिला प्रशासन के कार्यों का उल्लेख किया गया है। इसका लक्ष्य वर्ष 2030 तक दुर्घटनाओं में 50 प्रतिशत कमी लाना है।
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