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    Electricity Tariff: उत्‍तराखंड के BPL और स्नोबाउंड उपभोक्‍ताओं पर महंगाई का करंट, प्रति यूनिट 10 पैसे बढ़ाया

    Uttarakhand Electricity Rate वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए घोषित टैरिफ में गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) व हिमाच्छादित क्षेत्र (स्नोबाउंड) उपभोक्ताओं पर भी भार बढ़ा दिया गया है। वर्तमान दर 1.65 रुपये प्रति यूनिट को 10 पैसे बढ़ाकर 1.75 रुपये प्रति यूनिट कर दिया गया है।

    By Vijay joshiEdited By: Nirmala BohraUpdated: Fri, 31 Mar 2023 10:54 AM (IST)
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    Uttarakhand Electricity Rate: उक्त श्रेणी के चार लाख, 30 हजार उपभोक्ताओं को अब 10 पैसे प्रति यूनिट अधिक चुकाने होंगे।

    जागरण संवाददाता, देहरादून: Uttarakhand Electricity Rate: वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए घोषित टैरिफ में गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) व हिमाच्छादित क्षेत्र (स्नोबाउंड) उपभोक्ताओं पर भी भार बढ़ा दिया गया है। उक्त श्रेणी के चार लाख, 30 हजार उपभोक्ताओं को अब 10 पैसे प्रति यूनिट अधिक चुकाने होंगे।

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    वहीं, टैरिफ में घरेलू श्रेणी के तमाम उपभोक्ताओं पर भी खासा भार डाला गया है। हालांकि, आयोग ने राष्ट्रीय टैरिफ नीति के अनुरूप प्लस, माइनस 20 प्रतिशत क्रास सब्सिडी के प्रविधान के तहत घरेलू श्रेणी में दर बढ़ोतरी को आवश्यक बताया है।

    बीपीएल और स्नोबाउंड के लिए 10 पैसे प्रति यूनिट बढ़ोतरी

    नए विद्युत टैरिफ में बीपीएल और स्नोबाउंड उपभोक्ताओं के लिए वर्तमान दर 1.65 रुपये प्रति यूनिट को 10 पैसे बढ़ाकर 1.75 रुपये प्रति यूनिट कर दिया गया है। जबकि, ऊर्जा निगम की ओर से यह दर 1.70 रुपये प्रति यूनिट किए जाने का प्रस्ताव दिया गया था।

    इसके अलावा घरेलू श्रेणी के अन्य उपभोक्ताओं के लिए भी टैरिफ में 3.44 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। जिसमें 10 पैसे से 40 पैसे प्रति यूनिट वृद्धि की गई है। मत्स्य पालकों की मांग पूरी नियामक आयोग ने मत्स्य पालकों की लंबे समय से चल रही मांग को टैरिफ में शामिल किया।

    पूर्व में इन उपभोक्ताओं से वाणिज्यिक श्रेणी के तहत टैरिफ लिया जा रहा था, जिसे अब कृषि संबद्ध गतिविधि श्रेणी में परिवर्तित कर दिया गया है। प्रदेश के 2000 से अधिक पंजीकृत मत्स्य पालकों को राहत मिलेगी।

    सोलर वाटर हीटर में छूट बढ़ाई

    आयोग की ओर से सोलर वाटर हीटर में छूट में डेढ़ गुना वृद्धि की गई है। पहले उपभोक्ताओं को 100 लीटर क्षमता पर 100 रुपये की छूट प्रदान की जा रही थी। जिसे परिवर्तित करते हुए 50 लीटर क्षमता पर 75 रुपये और 100 लीटर क्षमता पर 150 रुपये कर दिया गया है।

    समय पर भुगतान करने वालों को अतिरिक्त छूट

    समय पर भुगतान के लिए उपभोक्ताओं को प्रेरित करने के लिए आयोग ने भुगतान में रिबेट बढ़ा दी है। अब डिजिटल माध्यम से निर्धारित समय से पूर्व भुगतान की छूट को 1.25 प्रतिशत से बढ़ाकर 1.50 प्रतिशत और अन्य माध्यम से बिलों के भुगतान के लिए 0.75 प्रतिशत से बढ़ा कर छूट एक प्रतिशत कर दी गई है, जो कि अगले बिल में मूल धनराशि से घटा दी जाएगी।

    किसानों को नलकूप के बिल में पांच प्रतिशत छूट

    निजी नलकूप श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए बिलिंग तिथि से 30 दिनों के भीतर भुगतान पर बिल राशि में पांच प्रतिशत छूट के साथ द्विमासिक बिलिंग प्रणाली की व्यवस्था की गई है। साथ ही बिल की तिथि से चाह माह अधिकतम अवधि तक बिल भुगतान की सुविधा दी गई है।

    घरेलू उपभोक्ताओं के लिए टैरिफ

    • श्रेणी, वर्तमान दर, नई दर
    • बीपीएल, 1.65, 1.75
    • 0-100   यूनिट, 2.95, 3.15
    • 101-200   यूनिट, 4.40, 4.60
    • 201-400   यूनिट, 6.10, 6.30
    • 600 यूनिट से अधिक, 6.90, 6.95
    • थोक आपूर्ति, 5.85, 6.25

    अघरेलू उपभोक्ताओं के लिए टैरिफ

    • श्रेणी, वर्तमान दर, नई दर
    • सरकारी संस्थान, 5.37, 5.40
    • अन्य 4 किलोवाट तक, 5.10, 5.10
    • 25 किलोवाट से ऊपर, 6.67, 6.70
    • 75 किलोवाट से ऊपर, 6.78, 6.80
    • विज्ञापन होर्डिंग, 7.51, 7.50
    • गवर्नमेंट पब्लिक यूटिलिटी, 6.84, 6.90
    • मिश्रित लोड, 6.33, 6.50
    • रेलवे ट्रैक्शन, 5.54, 6.10
    • ईवी चार्जिंग स्टेशन, 5.95, 6.25
    • ( विद्युत दरें रुपये प्रति यूनिट में हैं।)

    प्रदेश में बिजली उपभोक्ता

    • श्रेणी, उपभोक्ता
    • बीपीएल, 430235
    • घरेलू, 1964540
    • व्यावसायिक, 289897
    • एलटी इंडस्ट्री, 14078
    • एचटी इंडस्ट्री, 2412
    • निजी ट्यूबवेल, 42738
    • मिक्स लोड, 82
    • इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन, 03
    • स्ट्रीट लाइट, 2978
    • राजकीय सिंचाई, 1924
    • वाटर वर्क्स, 2196
    • रेलवे ट्रैक्शन, 02
    • कुल, 2751090

    उद्योगों पर भार कम, आपूर्ति न होने पर भी मरहम

    उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने नए विद्युत टैरिफ में उद्योगों पर अधिक भार नहीं डाला है। एलटी और एचटी उद्योगों पर तीन पैसे लेकर आठ पैसे तक अतिरिक्त बोझ डाला गया है। साथ ही निर्बाध आपूर्ति न होने पर उन्हें डिमांड चार्ज में भी 20 प्रतिशत की छूट प्रदान की गई है। वहीं, पीक आवर में 130 प्रतिशत की दर और आफ पीक आवर्स में 20 प्रतिशत कम की दर की व्यवस्था पूर्ववत रखी गई है।

    आयोग ने टैरिफ में ऊर्जा निगम को निरंतर उत्पाद आपूर्ति वाले उद्योगों को 24 घंटे विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। जिसका अनुपालन न किए जाने पर ऊर्जा निगम के विरुद्ध कार्रवाई की जा सकती है। इसके अलावा माह में प्रतिदिन 18 घंटे की न्यूनतम औसत आपूर्ति न किए जाने की दशा में एचटी औद्योगिक उपभोक्ताओं का डिमांड चार्ज उस माह में अनुमोदित चार्ज का 80 प्रतिशत ही वसूल किया जा सकेगा।

    आयोग की ओर से एचटी उपभोक्ताओं जिनका भार 75 किलोवाट-88 किलोवाट से ऊपर है और जो केवल नवीनीकरण ऊर्जा स्रोतों के माध्यम से विद्युत खपत चाहते हैं, उनके लिए हरित टैरिफ न्यूनतम प्रीमियम 26 पैसे प्रति किलोवाट कर दिया गया है। यह प्रीमियम अभी तक 45 पैसे प्रति किलोवाट था।

    उत्तराखंड में उद्योग आकर्षित होने का सबसे बड़ा कारण सस्ती बिजली रहा है। इसी के चलते देश के बड़े औद्योगिक घरानों ने देहरादून, हरिद्वार, काशीपुर व सितारगंज में इकाइयों की स्थापना की। लेकिन, साल दर साल सरकार बिजली के दामों में बढ़ोतरी कर रही है, जो उद्योगों के लिए भारी बोझ साबित हो रहा है। बिजली विभाग लाइन लास व फिजूलखर्ची रोकने में विफल रहा है और विद्युत दरों में बढ़ोतरी कर आमजन से लेकर उद्योगपतियों पर बोझ डाला जा रहा है।

    - पंकज गुप्ता, अध्यक्ष, इंडस्ट्रीज एसोसिएशन आफ उत्तराखंड

    इंडस्ट्री के लिए टैरिफ

    • श्रेणी, वर्तमान दर, नई दर
    • एलटी इंडस्ट्री 25 किलोवाट तक, 5.42, 5.45
    • एलटी इंडस्ट्री 25 किलोवाट से अधिक, 5.12, 5.15
    • एचटी इंडस्ट्री 40 प्रतिशत लोड, 5.42, 5.50
    • एचटी इंडस्ट्री 40 प्रतिशत से अधिक लोड, 5.82, 5.90
    • (दर रुपये प्रति यूनिट में है।)