Updated: Fri, 11 Jul 2025 01:40 PM (IST)
मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने उत्तराखंड में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए एक नई नीति बनाने के निर्देश दिए हैं। इस नीति में उपभोक्ता निर्माता और संचालकों के लिए बेहतर प्रोत्साहन योजनाएं शामिल होंगी। सचिव विनय शंकर पांडेय ने बताया कि इस नीति में कार्बन क्रेडिट बेनिफिट के लिए भी प्रावधान किया जा रहा है। वर्तमान में उत्तराखंड में 84614 इलेक्ट्रिक वाहन हैं।
राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने राज्य में इलेक्ट्रिक वाहन के अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के दृष्टिगत तैयार की जा रही इलेक्ट्रिक वाहन नीति में उपभोक्ता, निर्माता व संचालकों के लिए बेहतर प्रोत्साहन योजना बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि हरित परिवहन की अवधारणा को साकार करने के लिए उचित कदम उठाए जाएं।
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गुरूवार को मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में हुई बैठक में उद्योग और परिवहन विभाग द्वारा तैयार की गई इलेक्ट्रिक वाहन (मैन्युफेक्चरिंग एवं परचेजिंग) नीति का प्रारूप प्रस्तुत किया गया। मुख्य सचिव ने कहा कि इसमें सभी के लिए बेहतर प्रोत्साहन की व्यवस्था के साथ ही इसमें आ रही बाधाओं को दूर किया जाए।
उन्होंने नीति में प्रभावी व त्वरित निगरानी तंत्र का प्रविधान भी करने को कहा। सचिव विनय शंकर पांडेय ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बताया कि उत्तराखंड में इलेक्ट्रिक वाहन के अनुकूल वातावरण तैयार करने के लिए इस नीति में उपभोक्ता से लेकर निर्माता तक सभी के लिए प्रोत्साहन का प्रविधान किया जा रहा है। कहा कि इस नीति में कार्बन क्रेडिट बेनिफिट के लिए सभी प्रकार के प्रोत्साहन देने प्रस्तावित किए गए हैं।
इसमें वाहन की अलग-अलग श्रेणी, टू व्हीलर, थ्री व्हीलर, फोर व्हीलर, ई बस के क्रम में प्रोत्साहन के प्रविधान शामिल किए गए हैं। उन्होंने बताया कि भारत में कुल वाहन संख्या 34 करोड़ है। जिसमें 61.65 इलेक्ट्रिक वाहन शामिल हैं। उत्तराखंड में कुल 42,15,496 वाहन हैं, जिसमें कुल 84,614 इलेक्ट्रिक वाहन हैं।
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