उत्तराखंड में आपदा में बहे यूपीसीएल के 35 करोड़, हाईवोल्टेज लाइन-विद्युत पोल को बड़ा नुकसान
उत्तराखंड में आपदा से ऊर्जा विभाग को भारी नुकसान हुआ है जिसमें यूपीसीएल को 35 करोड़ का नुकसान शामिल है। बारिश ने कई गांवों को अंधेरे में डुबो दिया पर ज्यादातर क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई है। आपदा संभावित क्षेत्रों में अस्थायी भंडारण केंद्र बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है ताकि बिजली की आपूर्ति जल्दी से बहाल की जा सके।

राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। आपदा में हुए नुकसान का विभागवार आकलन शुरू हो गया है। राज्य में ऊर्जा विभाग को कुल 448 करोड़ का नुकसान होने की रिपोर्ट है, लेकिन अकेले यूपीसीएल को 35 करोड़ का नुकसान होने का आंकलन किया गया है। सबसे अधिक नुकसान हाईवोल्टेज लाइनों के बहने, विद्युत पोल के ध्वस्त होने व ट्रांसफार्मरों को हुई क्षति से पहुंचा है।
वर्षा से आई आपदा ने राज्य के सैकड़ों गांवों में अंधेरा कर दिया। थराली क्षेत्र में बादल फटने से 300 से अधिक विद्युत पोल ध्वस्त हो गए। इसमें 16 से अधिक ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त हुए। क्षेत्र के 29 गांवों में बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई।
इससे यूपीसीएल को चार से पांच करोड़ का नुकसान हुआ। हर्षिल और धराली क्षेत्र में आपदा से विद्युत आपूर्ति का पूरा तंत्र चरमरा गया। उत्तराखंड नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी का पावर हाउस चालू कर आपूर्ति बहाल की गई। यूपीसीएल की क्षतिग्रस्त लाइनों की मरम्मत की जा रही है। इसके अलावा भी अतिवृष्टि ने ट्रांसफार्मरों व लाइनों को बड़ा नुकसान पहुंचाया।
उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड के अनुसार आपदा से प्रभावित ज्यादातर गांवों में बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई है। रुद्रप्रयाग जिले के 258 गांवों में बिजली आपूर्ति बाधित हुई थी। उसे भी सुचारू कर दिया गया है। बागेश्वर जिले के कपकोट ब्लॉक में 11 केवी लाइन बाधित होने से 50 गांवों में अंधेरा छा गया था। इन गांवों की आपूर्ति भी बहाल हो गई है।
एमडी अनिल यादव ने बताया कि राज्य में आपदा से हुए नुकसान का आकलन कर लिया गया है। करीब 35 करोड़ का नुकसान सिर्फ यूपीसीएल को हुआ है। आपदा संभावित क्षेत्रों में अस्थायी भंडारण केंद्र स्थापित करने पर जोर दिया जा रहा है, ताकि विद्युत आपूर्ति बहाली को न्यूनतम समय में सुनिश्चित किया जा सके।
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