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    Uttarakhand Disaster: आपदा ने बढ़ा दी छात्रों के स्कूल-कालेज की दूरी, अभिभावक परेशान

    Updated: Sat, 20 Sep 2025 02:25 PM (IST)

    देहरादून में आपदा के चलते स्कूल-कॉलेज जाने वाले छात्र मुश्किलों में हैं। सड़कें टूटने से लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है जिससे अभिभावक चिंतित हैं क्योंकि निजी स्कूलों में परीक्षाएं चल रही हैं। कारलीगाड़ मजाड़ा और मालदेवता के बच्चे भी स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। अभिभावकों को बच्चों को पैदल स्कूल छोड़ना पड़ रहा है। सामाजिक संगठन प्रभावितों को राहत सामग्री पहुंचा रहे हैं।

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    अभिभावकों को सता रहा बच्चों का भविष्य, कहा बच्चों की पढ़ाई नहीं होनी चाहिए प्रभावित. File

    जागरण संवाददाता, देहरादून। देहरादून में आपदाग्रस्त क्षेत्रों में स्कूल कालेज जाने वाले छात्र-छात्राओं के सामने पढ़ाई और परीक्षा को लेकर परेशानी बढ़ रही है।

    जिन जगहों पर सड़क मार्ग बह गया वहां लंबी दूरी तय कर किसी तरह स्कूल व कालेज पहुंच रहे हैं। जबकि कई क्षेत्रों में अभिभावक और छात्र मार्ग दुरुस्त होने के इंतजार में हैं। अधिकांश निजी स्कूलों में पेपर चल रहे हैं जिससे छात्रों के साथ ही उनके अभिभावकों की भी चिंता बढ़ने लगी है।

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    नंदा की चौक क्षेत्र और आगे सेलाकुई तक यूपीईएस, महिला पालीटेक्निक, डब्यूआइटी, ग्राफिक एरा मेडिकल कालेज, तुलाज इंटीट्यूट, दून इंटरनेशनल रिवरसाइड कैंपस, द टोंसब्रिज स्कूल समेत तकरीबन 20 से अधिक स्कूल और कालेज हैं। लेकिन प्रेमनगर से आगे मुख्य पुल टूटने के कारण यहां से आगे छात्र-छात्राएं नहीं जा पा रहे हैं।

    उन्हें अन्य मार्गोँ से होते हुए स्कूल कालेज पहुंचना पड़ रहा है। इसके अलावा झाझरा में काफी संख्या में छात्र-छात्राएं पीजी में रहते हैं उन्हें भी आने जाने में काफी परेशानी हो रही है।

    इस क्षेत्र से स्कूल कालेज जाने के लिए जिन छात्रों को पहले पांच किलोमीटर दूरी तय करनी पड़ती थी अब पुल टूटने से उन्हें विभिन्न मार्ग होते हुए दो से तीन गुना अधिक दूरी तय कर पहुंच रहे हैं। इसके अलावा फुलेथ गांव में संपर्क मार्ग कट जाने से वहां के बच्चे न तो स्कूल जा पा रहे हैं और ना ही देहरादून से हर दिन जाने वाले शिक्षकों से उनका संपर्क हो पा रहा है।

    कार्लीगाड़ व मजाड़ा गांव के प्रभावित बच्चों के भविष्य को चिंतित

    देहरादून: कार्लीगाड़ व मजाड़ा गांव में 40-40 परिवार रहते हैं। लेकिन यहां आपदा से सबकुछ बह गया। जिसके चलते परिवारों को सहस्रधारा व आसपास के होटलों में शिफ्ट किया गया है। क्षेत्र में आपदा से हुए नुकसान से बच्चे भी स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। मजाड़ा गांव निवासी रतन सिंह नेगी बताते हैं कि बच्चों के साथ ही अभिभावक भी उनके भविष्य को लेकर चिंतित हैं।

    सभी लोग खुद जैसे भी रहें वह गुजरा कर लेंगे लेकिन बच्चों के पढ़ाई प्रभावित होगी तो उनके सामने और भी संकट पैदा हो जाएगा। इसी तरह मसंदावाला निवासी बरखा गुरुंग के घर में भी ऊफनाई तमसा नदी का मलबा और पानी घुस गया था। इससे बच्चों की किताबें व अन्य सामान भी खराब पड़ गया। क्षेत्र में रास्ता भी जगह जगह खराब है तो बच्ची टिया को छोड़ने के लिए उन्हें भी परेशानी हो रही है।

    बच्चों को पैदल लेकर तीन किलोमीटर दूर पहुंच रहे अभिभावक

    देहरादून: गलज्वाड़ी इंदिरानगर को जोड़ने वाला मार्ग घट्टीखोला के पास सड़क मार्ग बहने से यहां के अभिभावकों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। सुबह बच्चों को छोड़ने के लिए तकरीबन दो से तीन किलोमीटर पैदल दूरी तय करनी पड़ रही है।

    अभिभावक देवका शर्मा ने बताया कि उनका बेटा सहज शर्मा गढ़ी कैंट स्थित सेवन आक्स स्कूल में पढ़ता है। लेकिन यहां बीच में मार्ग न होने से उन्हें बीच में पैदल लेकर जाना और फिर छुट्टी के वक्त आना पड़ता है। जो काम पहले 20 मिनट में होता था अब उसमें पौने घंटे से अधिक समय लग रहा है। वहीं, दीक्षा शर्मा ने बताया कि उनकी बेटी ओनिर शर्मा सप्लाई में गोल्डन फिश प्री प्राइमरी स्कूल में पढ़ती है। लेकिन पिछले कुछ दिनों से हम सभी परेशान हैं। उम्मीद करते हैं कि मार्ग खुले ताकि हम जैसे अन्य अभिभावकों की यह समस्या शीघ्र हल हो।

    मालदेवता के बाहर स्कूल नहीं जा पा रहे बच्चे

    देहरादून: देहरादून से मालदेवता के बीच मार्ग क्षतिग्रस्त होने के कारण मालदेवता से ऊपर बसे सेरकी, सरखेत, पीपीसीएल, छमरौली, फुलेत, भैंसवाड़-सैंण आदि गांव के बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। हालांकि जो बच्चे मालदेवता स्थित स्कूल में पढ़ते हैं, वह तो जा रहे हैं। लेकिन रायपुर और देहरादून में पढ़ने वाले बच्चे मार्ग के अभाव नहीं जा रहे हैं। हालांकि केसरवाला-मालदेवता मार्ग का निर्माण लगभग पूर्ण हो गया है। उम्मीद है कि शनिवार से बच्चे स्कूलों को जा सकेंगे।

    जगह जगह खाना वितरित कर रहे सेवा

    आपदा प्रभावितों के लिए सामाजिक व धार्मिक संगठन विभिन्न जगह शिविर लगाकर खाना, पानी व दवा वितरित कर रहे हैं। संयुक्त नागरिक संगठन के सहयोगी संगठन श्री राम सेना के संरक्षक ठाकुर शेर सिंह, अध्यक्ष दिनेश मल्होत्रा, मंडल अध्यक्ष संजीव के साथ कार्यकर्ताओं ने विजयनगर क्षेत्र अधोईवाला, चुनाभट्टा क्षेत्र के लिए अधोईवाला धर्मशाला में 16 सितंबर से शिविर लगाया है। सहस्त्रधारा आपदा प्रभावित क्षेत्र में हंस कल्चरल फाउंडेशन की ओर से जरुरतमंदो को दिन का भोजन वितरित करने में शिक्षकों के द्वारा सहयोग किया गया।