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    Uttarakhand: जाखन गांव के आपदा प्रभावितों को नहीं मिला मकान, भूधंसाव के चलते खो चुके हैं अपना घर; जैसे तैसे गुजर रही जिंदगी

    By rajesh panwarEdited By: Prince Sharma
    Updated: Sat, 16 Dec 2023 06:30 AM (IST)

    Uttarakhand आपदा प्रभावितों को चार महीने से किराया भी नहीं मिला जबकि प्रशासन के आश्वासन पर राहत कैंप छोड़कर 12 परिवारों ने किराये पर कमरे लिए थे। 16 अगस्त को भूधंसाव से जाखन गांव में दो मिनट के अंदर ही दस लोगों के मकान मलबे के ढेर में तब्दील हो गए थे। जबकि कई ग्रामीणों के मकान में चौड़ी दरारें आ गई थी। जिससे मकान रहने लायक नहीं रहे।

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    प्रशासन के आश्वासन पर राहत कैंप छोड़कर 12 परिवारों ने किराये पर कमरे लिए थे।

    जागरण संवाददाता, विकासनगर। भूधंसाव के चलते पछवादून क्षेत्र की बिन्हार की मदरसू ग्राम पंचायत के जाखन गांव में 16 अगस्त को बेघर हुए 26 परिवारों को प्रशासन अभी तक विस्थापित नहीं कर पाया। हालत यह है कि आपदा प्रभावितों को चार महीने से किराया भी नहीं मिला, जबकि प्रशासन के आश्वासन पर राहत कैंप छोड़कर 12 परिवारों ने किराये पर कमरे लिए थे।

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    दस लोगों के मकान मलबे में तब्दील

    16 अगस्त को भूधंसाव से जाखन गांव में दो मिनट के अंदर ही दस लोगों के मकान मलबे के ढेर में तब्दील हो गए थे। जबकि कई ग्रामीणों के मकान में चौड़ी दरारें आ गई थी। जिससे मकान रहने लायक नहीं रहे। इस कारण प्रशासन ने पूरा गांव खाली करा दिया था। तभी से प्रभावित परिवार राहत कैंप में रहने को मजबूर हैं। मकानों के धराशायी होने से बेघर हुए प्रभावितों के पास इतना पैसा भी नहीं है कि वे किराया दे सकें।

    इन सबके बावजूद तहसील प्रशासन विस्थापन व प्रभावितों की समस्याएं हल करने के लिए जल्दी नहीं कर रहा है। आपदा प्रभावितों के मवेशियों के चारे के लिए भी पैसा नहीं मिला, न ही प्रभावितों के बच्चों की स्कूल फीस माफ की गई है। प्रशासन की ढिलाई के चलते 16 अगस्त से अब तक ठंड के मौसम में कई परिवार अभी भी पष्टा के सरकारी स्कूल में बने राहत कैंप में ही रह रहे हैं।

    चारे का बजट जारी हो गया

    वहीं, एसडीएम विनोद कुमार के अनुसार, जाखन के आपदा प्रभावितों के पशुधन के लिए चारे का बजट जारी हो गया है। आपदा प्रभावितों के बच्चों की स्कूल फीस माफ करने के लिए शिक्षा विभाग को पत्र भेजा गया है। किराये पर रह रहे प्रभावितों के किराये के लिए बजट शीघ्र जारी करने को संबंधित उच्चाधिकारी को अवगत कराया गया है। जाखन के आपदा प्रभावितों के लिए चिह्नित दो जमीनों का भूगर्भीय विज्ञानी डा. कामिनी बिष्ट सर्वे कर चुकी हैं। जल्द ही प्रभावित परिवारों को विस्थापित कर दिया जाएगा।

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