Uttarakhand News: अगले दो दिनों में सभी विभाग बताएंगे आवारा कुत्तों पर कैसे हो नियंत्रण, शासन में हुई संयुक्त बैठक
उत्तराखंड में आवारा कुत्तों की बढ़ती समस्या से निपटने के लिए शासन ने पहल की है। अगले दो दिनों में सभी विभागों को नियंत्रण के उपायों पर रिपोर्ट देनी होगी। इस विषय पर शासन में एक संयुक्त बैठक हुई, जिसमें समस्या के समाधान के लिए रणनीति बनाने पर जोर दिया गया।

तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण
राज्य ब्यूराे, जागरण, देहरादून। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद उत्तराखंड सरकार ने आवारा कुत्तों के प्रबंधन व उनके पुनर्वास के लिए एसओपी तैयार करने का काम तेज कर दिया है। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने एसओपी बनाने का जिम्मा पशुपालन बोर्ड को सौंपा है। बुधवार को शासन में प्रदेश के सभी विभागों की संयुक्त बैठक में सभी विभागाध्यक्षों से सुझाव मांगे। विभाग ऊर्जा, स्वास्थ्य, शिक्षा हो या नगर विकास, सभी विभाग एसओपी को बनाने में अपनी राय देंगे। प्रत्येक विभाग अगले दो दिनों के अंदर अपनी राय पशुपालन बोर्ड को सौंप देगा।
बैठक में जिन सुझावों को मौखिक रूप से बताया गया, उनमें पकड़े गए कुत्तों की पहचान और टैगिंग, कुत्तों का टीकाकरण व नसबंदी कार्यक्रम, शेल्टर और अस्थायी पुनर्वास केंद्रों का निर्माण, जनजागरूकता और फीडिंग प्वाइंट की व्यवस्था, जनहित में कुत्तों का सुरक्षित स्थानांतरण और छोड़ना, डाग एडाप्शन प्रोग्राम, एनजीओ से सहयोग, अनुपालन निगरानी और मासिक रिपोर्टिंग प्रणाली जैसे बिंदु शामिल थे।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सभी राज्य अपनी पृथक एसओपी बनाने में लगे हैं। राजस्थान, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना ने एसओपी तैयार कर ली है। राजस्थान ने भी कुत्तों की नसबंदी, टीकाकरण और पुनर्वास की विस्तृत गाइडलाइन जारी की है। उत्तराखंड में भी इसी तर्ज पर राज्यव्यापी एसओपी तैयार करने का काम चल रहा है।
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शहरी विकास निदेशक विनोद गिरी गोस्वामी ने बताया कि एसओपी बनाने का काम पशुपालन बोर्ड को सौंपा गया है। नगर विकास भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इससे न केवल आवारा कुत्तों के आतंक से निपटा जा सकेगा, बल्कि उनके सुरक्षित पुनर्वास की भी व्यवस्था सुनिश्चित होगी।

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