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    Uttarakhand News: बांध परियोजनाओं को बताना होगा- पानी छोड़ने का प्रभाव, रियल टाइम डाटा साझा करने के निर्देश

    Updated: Fri, 25 Jul 2025 10:10 PM (IST)

    सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन ने उत्तराखण्ड की बांध परियोजनाओं को जल छोड़ने से पहले राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र और संबंधित जिला प्रशासन को सूचित करने का निर्देश दिया है। उन्हें यह जानकारी देने को कहा गया है कि पानी कब और कहाँ पहुँचेगा ताकि लोगों को सतर्क किया जा सके।

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    Uttarakhand News: बांध परियोजनाओं को बताना होगा पानी छोड़ने का प्रभाव

    जागरण संवाददाता, देहरादून। सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने उत्तराखण्ड में संचालित समस्त बांध परियोजनाओं को निर्देशित किया है कि वे जब भी जल छोड़ें, तो उसकी पूर्व सूचना राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के साथ-साथ संबंधित जनपद प्रशासन को अनिवार्य रूप से साझा करें। 

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    इसके साथ ही यह भी स्पष्ट करें कि छोड़ा गया पानी कितने समय में किन क्षेत्रों तक पहुंचेगा और वहां क्या प्रभाव हो सकता है, ताकि आमजन को समय से सतर्क किया जा सके। 

    सचिव ने शुक्रवार को सचिवालय में राज्य की सभी प्रमुख जल विद्युत परियोजनाओं, सिंचाई विभाग, यू.जे.वी.एन.एल. तथा केन्द्रीय जल आयोग के अधिकारियों के साथ बैठक कर मानसून के दृष्टिगत तैयारियों तथा सुरक्षा हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। 

    उन्होंने बैठक में उपस्थित सभी परियोजनाओं के प्रतिनिधियों को निर्देशित किया कि वे पूर्व चेतावनी तंत्र के अंतर्गत लगे सेंसरों द्वारा प्राप्त नदी जलस्तर और डिस्चार्ज डेटा को एपीआई के माध्यम से रियल टाइम में यूएसडीएमए के साथ साझा करें, जिससे राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के माध्यम से जलस्तर की निगरानी की जा सके।

    बैठक में स्पष्ट रूप से सभी एजेंसियों को निर्देशित किया गया कि वे अपनी-अपनी परियोजनाओं के लिए आपातकालीन कार्य योजना तथा मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) शीघ्र तैयार कर यूएसडीएमए के साथ साझा करें तथा उसे अपनी वेबसाइट पर भी प्रदर्शित करें। 

    बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि अगस्त-सितम्बर, 2025 के मध्य समस्त बांध परियोजनाओं के साथ राज्य स्तरीय मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी, जिसके माध्यम से वास्तविक आपदा स्थिति में विभागीय तैयारियों को परखा जाएगा। 

    इसके साथ ही सिंचाई विभाग को बाढ़ प्रबंधन पर एक समग्र एक्शन प्लान तैयार करने के निर्देश भी दिए गए हैं, जिसमें भारत सरकार द्वारा जारी एस0ओ0पी तथा आपदा प्रबन्धन विभाग द्वारा निर्गत शासनादेशों को सम्मिलित किया जाएगा। 

    साथ ही सभी विभागों/एजेंसियों को एक-एक नोडल अधिकारी नामित करने के निर्देश दिए गए हैं, जो आपदा की स्थिति में सूचनाओं का आदान-प्रदान एवं आपसी समन्वय स्थापित करेंगे। 

    सचिव  ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी तकनीकी प्रणालियां सुचारू रूप से कार्य कर रही हों तथा सूचनाएं समयबद्ध रूप से साझा हों। 

    बैठक में अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनंद स्वरूप, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी, क्रियान्वयन डीआईजी राजकुमार नेगी, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो0 ओबैदुल्लाह अंसारी, डॉ. पूजा राणा, डॉ. वेदिका पन्त, रोहित कुमार, हेमंत बिष्ट के साथ ही सिंचाई विभाग, यू.जे.वी.एन.एल., केन्द्रीय जल आयोग, टिहरी हाइड्रो पावर कॉरपोरेशन, एनटीपीसी जोशीमठ, एनएचपीसी टनकपुर एवं धौलीगंगा, जीवीके अलकनंदा परियोजना, जेपी ग्रुप विष्णुप्रयाग तथा मौसम विज्ञान केन्द्र देहरादून के प्रतिनिधिगण उपस्थित रहे।