Independence Day 2025: लाल किले पर बिखरी उत्तराखंड के पारंपरिक परिधानों की छटा, शामिल हुए प्रवासी उत्तराखंडी
79वें स्वतंत्रता दिवस पर दिल्ली के लाल किले में प्रवासी उत्तराखंडियों के 21 सदस्यीय दल ने पारंपरिक वेशभूषा में उत्तराखंड की संस्कृति का प्रदर्शन किया। उत्तराखंड स्थानिक आयुक्त कार्यालय द्वारा आमंत्रित दल ने घाघरा-चोली पिछोड़ा और पगड़ी जैसे परिधानों के माध्यम से राज्य की विरासत को प्रस्तुत किया। सदस्यों ने इस अवसर को अविस्मरणीय और उत्तराखंड की संस्कृति को राष्ट्रीय मंच पर लाने का सुनहरा अवसर बताया।

राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून । 79वें स्वतंत्रता दिवस पर दिल्ली के लाल किला परिसर में आयोजित समारोह में प्रवासी उत्तराखंडियों के 21 सदस्यीय दल ने पहाड़ की पारंपरिक वेशभूषा में यहां की सांस्कृतिक झलक प्रस्तुत की। उत्तराखंड की धरोहर, परिधान और लोक परंपराओं ने देशभर से आए लोगों का मनमोह लिया।
हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस समारोह में विभिन्न राज्यों के प्रवासी निवासियों के दलों को आमंत्रित किया गया था। इसी कड़ी में नई दिल्ली स्थित उत्तराखंड स्थानिक आयुक्त कार्यालय की ओर से दिल्ली में रह रहे प्रवासी उत्तराखंडियों को समारोह में सहभागिता का निमंत्रण मिला।
इस बार 21 सदस्यीय प्रवासी दल ने पारंपरिक वेशभूषा में समारोह में उमंग और उत्साह के साथ भाग लिया। महिलाओं ने घाघरा-चोली, पिछोड़ा और आभूषण धारण किए, वहीं पुरुषों ने पगड़ी और पारंपरिक परिधान पहनकर राज्य की सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन किया। दल के सदस्यों ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस समारोह में उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व करना जीवन का अविस्मरणीय और गौरवपूर्ण क्षण है।
यह अवसर केवल परिधानों के प्रदर्शन तक सीमित नहीं था, बल्कि उत्तराखंड की संस्कृति और पहचान को राष्ट्रीय पटल पर प्रस्तुत करने का एक सुनहरा अवसर भी था। कार्यक्रम में नोडल अधिकारी कुंदन कुमार व शिव गुप्ता, एवं संयोगिता ध्यानी ने दल का नेतृत्व किया

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