484 करोड़ खर्च कर अतिरिक्त 734 करोड़ के लिए ठोका दावा, विकास के रथ पर सवार उत्तराखंड
उत्तराखंड सरकार ने विकास कार्यों के लिए केंद्र सरकार की स्कीम फार स्पेशल असिस्टेंस टू स्टेट्स फार कैपिटल इन्वेस्टमेंट के अंतर्गत स्वीकृत 484 करोड़ की ...और पढ़ें

धामी सरकार ने पूंजीगत व्यय और भूमि सुधारों को लागू करने में दिखाई इच्छाशक्ति। जागरण
राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। पुष्कर सिंह धामी सरकार विकास कार्याें के बजट के उपयोग यानी पूंजीगत व्यय के साथ ही ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में भूमि सुधारों को लागू करने में केंद्र की उम्मीदों पर खरा उतरी है। केंद्र की स्कीम फार स्पेशल असिस्टेंस टू स्टेट्स फार कैपिटल इन्वेस्टमेंट (एसएएससीआइ) के अंतर्गत स्वीकृत कुल 734 करोड़ की पहली किस्त 484 करोड़ का राज्य ने समय पर उपयोग कर लिया।
उपयोगिता प्रमाणपत्र केंद्र को भेजने का तुरंत लाभ यह मिला कि दूसरी किस्त की 250 करोड़ की राशि राज्य की झोली में आ गई। इस पूरी कवायद ने राज्य को केंद्र से प्रोत्साहन के रूप में अतिरिक्त 734 करोड़ पाने का हकदार भी बना दिया है।
केंद्र से मिल रहे वित्तीय प्रोत्साहन का लाभ लेने की ललक उत्तराखंड में बढ़ी है। विकास परियोजनाओं के लिए दी जाने वाली धनराशि का उपयोग करने और केंद्र की ओर से विभिन्न क्षेत्रों में लागू सुधारों को क्रियान्वित करने में धामी सरकार ने इच्छाशक्ति दिखाई है। परिणामस्वरूप राज्य को विकास कार्यों के लिए भी केंद्र से अतिरिक्त धनराशि प्राप्त हो रही है। डबल इंजन का यह दम वित्तीय प्रोत्साहन के रूप में राज्य की विकास की उम्मीदों को नई उड़ान दे रहा है।
43 परियोजनाओं के लिए पहली किस्त 484 करोड़ किए खर्च
चालू वित्तीय वर्ष में केंद्र सरकार ने एसएएससीआइ भाग-एक के अंतर्गत राज्य के लिए 734 करोड़ का परिव्यय निर्धारित किया था। इसमें से पहली किस्त के रूप में राज्य को 484 करोड़ रुपये दिए गए। यह धनराशि 11 विभागों चिकित्सा शिक्षा, सिंचाई, गृह, उद्योग, आवास, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, संस्कृत शिक्षा, परिवहन, ऊर्जा व पेयजल की विभिन्न 43 परियोजनाओं पर खर्च की जानी है।
राज्य ने पहली किस्त का उपयोग तो किया ही, साथ में उपयोगिता प्रमाणपत्र केंद्र को भेजकर दूसरी किस्त की मांग भी कर दी। केंद्र सरकार ने शेष दूसरी किस्त की 250 करोड़ की राशि गत दिवस राज्य को अवमुक्त कर दी।
केंद्र की शर्त पूरी करने पर मिलनी है प्रोत्साहन राशि
वित्त सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि इस राशि को शीघ्र ही संबंधित विभागों को विकास कार्यों के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। केंद्र सरकार ने यह शर्त भी रखी थी कि जो पर्वतीय राज्य एसएएससीआइ भाग-एक के अंतर्गत पहली किस्त का उपयोग करेगा और दूसरी किस्त प्राप्त करेगा, उन्हें पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर शत-प्रतिशत अतिरिक्त 734 करोड़ की राशि आवंटित की जाएगी। अब प्रदेश सरकार ने इस अतिरिक्त आवंटन को केंद्र से पाने के लिए प्रयास प्रारंभ कर दिए हैं।
यह भी पढ़ें- उत्तराखंड में छोटी प्रदेश कार्यकारिणी, कांग्रेस अध्यक्ष के समक्ष बड़ी चुनौती
गांवों व शहरों में भूमि सुधार करने पर मिले 85 करोड़
एसएएससीआइ-2025-26 योजना के भाग-सात के अंतर्गत राज्यों को ग्रामीण क्षेत्रों और भाग-आठ के अंतर्गत शहरी क्षेत्रों में भूमि सुधार लागू करने हैं। इसमें भूमि सुधारों के रूप में राजस्व अभिलेखों का प्रबंधन एवं उन्हें सुव्यवस्थित करना सम्मिलित है।
इन सुधारों के लिए उत्तराखंड को क्रमश: 60 करोड़ एवं 25 करोड़ की प्रोत्साहन राशि केंद्र सरकार ने अनुमोदित की है। इस राशि से होने वाले विकास कार्यों के प्रस्ताव स्वीकृति के लिए केंद्र को भेजने की प्रक्रिया चल रही है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।