Uttarakhand Chunav 2022: कांग्रेस ने नारायण पाल पर अब तक नहीं चलाया चाबुक, बसपा के टिकट पर लड़ रहे हैं चुनाव
Uttarakhand Vidhan Sabha Chunav 2022 उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 में पूर्व विधायक नारायण पाल ने ऊधमसिंह नगर की सितारगंज सीट से कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर बसपा का दामन थाम लिया। लेकिन कांग्रेस ने उन पर अभी तक कार्रवाई नहीं की।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। कांग्रेस प्रत्याशियों के विरोध में चुनाव लड़ रहे पार्टी नेताओं को अनुशासन का चाबुक चलाकर बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है, लेकिन पार्टी ने अभी तक पूर्व विधायक नारायण पाल के खिलाफ कार्रवाई नहीं की है।
पूर्व विधायक नारायण पाल ने ऊधमसिंहनगर जिले की सितारगंज सीट से कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर बसपा का दामन थाम लिया। बसपा ने उन्हें इस सीट अपना प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस को झटका दे चुके नारायण पाल पर पार्टी ने अभी तक कार्रवाई नहीं की है। हालांकि कांग्रेस प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव लड़ रहे तमाम नेताओं के साथ ही उनके समर्थकों पर गाज गिराई जा रही है। पार्टी के भीतर एक खेमा अनुशासनात्मक कार्रवाई में इसतरह के रवैये पर सवाल उठा रहा है।
अब तक 15 नेताओं पर चला चाबुक
दरअसल अब तक 15 नेताओं को चुनाव में पार्टी विरोधी गतिविधियों का हवाला देते हुए बाहर का रास्ता दिखाया जा चुका है। इनमें पूर्व मंत्री मातबर सिंह कंडारी, पूर्व प्रत्याशी बालकृष्ण, लक्ष्मी राणा, गजेंद्र सिंह पंवार, संध्या डालाकोटी, संजय नेगी, संजय डोभाल, बीपी टम्टा भी शामिल हैं। चुनाव में पार्टी के खिलाफ ताल ठोक रहे नेताओं के साथ ही उनके समर्थकों पर भी गाज गिराई जा रही है।
असंतोष प्रबंधन पर है फोकस
उधर, बागियों को बाहर करने के बावजूद पार्टी जनाधार रखने वाले असंतुष्टों को मनाने की कोशिश भी कर रही है। पार्टी को डर है कि असंतुष्टों को निकाला गया तो चुनाव में पार्टी के प्रत्याशियों पर असर पड़ सकता है। पांच साल तक सत्ता से बाहर रही कांग्रेस अब सत्ता वापसी के लिए पूरी ताकत लगा रही है। प्रत्याशियों को जिताने के लिए विभिन्न राज्यों से कांग्रेस के नेताओं को बतौर पर्यवेक्षक 70 विधानसभा क्षेत्रों में काफी पहले तैनात किया जा चुका है। पार्टी हाईकमान के निर्देश पर काम कर रहे ये पर्यवेक्षक भी असंतुष्टों को मनाने में जुटे हैं।
दायित्व देकर असंतुष्टों को मना रही पार्टी
पार्टी उन्हें संगठन में दायित्व के साथ ही सरकार बनने पर भी दायित्व देने का भरोसा दे रही है। पार्टी के ये प्रयास कुछ हद तक कामयाब भी रहे। पूर्व मंत्री शूरवीर सिंह सजवाण समेत विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों से टिकट नहीं मिलने से नाराज नेताओं को अब मनाया जा चुका है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि पार्टी असंतोष प्रबंधन को प्राथमिकता दे रही है। चुनाव में सहयोग देने के लिए तैयार होने वाले नेताओं का पार्टी आगे भी ध्यान रखेगी। जो नहीं मानेंगे, उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
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