Uttarakhand @25 चिंतन शिविर: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा- बदलेंगे एसीआर के मानक
उत्तराखंड को वर्ष 2025 तक देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करने के लिए सरकार प्रदेश के विकास का प्रारूप तैयार कर रही है। इसके लिए मसूरी में चिंतन शिविर की शुरुआत हुई। शिविर में सीएम धामी ने कहा कि हमें बेस्ट प्रेक्टिस करने की आदत डालनी होगी।

राज्य ब्यूरो, देहरादून : उत्तराखंड को वर्ष 2025 तक सशक्त एवं श्रेष्ठ राज्य बनने के प्रदेश सरकार के संकल्प को धरातल पर उतारने को मंगलवार से पहाड़ों की रानी मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय अकादमी में तीन दिनी चिंतन शिविर प्रारंभ हुआ।
छोड़नी होगी जिम्मेदारी एक-दूसरे के सिर डालने की आदत
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वरिष्ठ नौकरशाहों और विभागों को जिम्मेदारी एक-दूसरे के सिर डालने की आदत छोड़नी होगी। कार्यों को सरल बनाकर नागरिकों को राहत दिलाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वार्षिक गोपनीय प्रविष्टि (एसीआर) के मानक बदले जाएंगे। सौंपे गए कामकाज को कैसे और किस तरह पूरा किया गया, उसे ध्यान में रखकर एसीआर अंकित की जाएगी।
जीवनपर्यन्त नए ज्ञान को ग्रहण करने हेतु विद्यार्थी की भांति नोटबुक में लिख चिंतन की आदत डालें।@narendramodi @JPNadda @AmitShah pic.twitter.com/vziQCZbOgv
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) November 22, 2022
नौकरशाहों को सरलीकरण से समाधान का मंत्र दिया
चिंतन शिविर के पहले सत्र को आरंभ करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वरिष्ठ और कनिष्ठ नौकरशाहों को सरलीकरण से समाधान का मंत्र दिया। उन्होंने कहा कि आमतौर पर अलग-अलग स्तर से पत्रावलियां जाती हैं। निचले स्तर से लेकर पत्रावलियां मुख्य सचिव से होते हुए उनके पास पहुंचती हैं। ये देखने में आ रहा है कि सभी अधिकारियों ने पत्रावलियों में एक जैसी राय रख दी है। उन्होंने अपनी राय ही नहीं रखी है। अगर डर लग रहा है तो बचने के लिए भले ही दो मंतव्य दें, लेकिन यह अवश्य करें।
जनता से मिले फीडबैक का हवाला भी दिया
मुख्यमंत्री धामी ने जनता से मिले फीडबैक का हवाला भी दिया। उन्होंने कहा कि वह जहां जाते हैं अथवा सुबह बगैर सुरक्षा के घूमते समय स्थानीय व्यक्तियों से स्थानीय प्रशासन और सरकार के बारे में पूछते हैं। कई बार नागरिकों से जो प्रतिक्रिया मिलती है, वह अच्छी नहीं लगती। उन्होंने कहा कि आइएएस देश की सबसे बड़ी प्रशासनिक सेवा है और वे देश और प्रदेश की नीतियां तय करते हैं। उन्होंने नौकरशाहों से कहा कि उनके बच्चे भी सवाल पूछ सकते हैं कि उन्होंने बड़े पद पर रहकर राज्य के लिए क्या किया है।
10 से पांच वाली संस्कृति से आना होगा बाहर
धामी ने कहा कि 10 से पांच वाली संस्कृति से बाहर आना होगा। आम धारणा है कि योजनाएं देहरादून केंद्रित बन रही हैं। पर्वतीय जिलों को विकास के खाके में सम्मिलित करना होगा। केंद्र सरकार और नीति आयोग प्राथमिकता के साथ उत्तराखंड को सहयोग के लिए राजी हैं। हिमाचल और हमारी जलवायु मिलती-जुलती है, हमें बागवानी को बेहतर बनाने के लिए मंथन करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले दिनों में देहरादून और आसपास के क्षेत्र पहले कहीं अधिक घनी आबादी के हो जाएंगे। स्मार्ट सिटी को लेकर शिकायतें आती हैं, इन्हें ठीक करना होगा।
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