Move to Jagran APP

उत्‍तराखंड के मुख्‍यमंत्री तीरथ सिंह रावत आए चर्चाओं में, कहा- आजकल युवा फटी जींस पहनकर चल रहे...

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत एक बार फिर चर्चाओं में आ गए। इस बार चर्चा का कारण उनका एक बयान बना। उन्‍होंने कहा कि आजकल युवा फटी जीन्स पहनकर चल रहे हैं क्या ये सब सही है...ये कैसे संस्कार हैं।

By Sunil NegiEdited By: Published: Wed, 17 Mar 2021 06:57 PM (IST)Updated: Wed, 17 Mar 2021 08:46 PM (IST)
उत्‍तराखंड के मुख्‍यमंत्री तीरथ सिंह रावत आए चर्चाओं में, कहा- आजकल युवा फटी जींस पहनकर चल रहे...
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत एक बार फिर चर्चाओं में आ गए।

जागरण संववाददाता, देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत एक बार फिर चर्चाओं में आ गए। इस बार चर्चा का कारण उनका एक बयान बना। उन्‍होंने कहा कि आजकल युवा फटी जीन्स पहनकर चल रहे हैं, क्या ये सब सही है...ये कैसे संस्कार हैं। फटे कपड़े पहनना शान बन चुका है। अब फटी जीन्स पहनकर युवक-युवतियां फर्क महसूस करते हैं। फैशन की ओर युवाओं का झुकाव उन्हें अपनी संस्कृति से दूर कर रहा है। संस्कारवान बच्चे कभी नशे के चंगुल में नहीं फंसते और जीवन में कभी असफल भी नहीं होते। पश्चिमी सभ्यता के पीछे भागने की बजाय हमें अपनी संस्कृति को अपनाना चाहिए। इसके लिए अभिभावकों को बच्चों के लिए समय निकालना होगा। 

loksabha election banner

बीते मंगलवार को बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से बच्चों में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति, रोकथाम और पुनर्वास विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। रिस्पना पुल के निकट स्थित एक होटल में हुई कार्यशाला का उद्घाटन मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने किया। उन्होंने कहा कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। नशा समेत तमाम विकृतियों से बच्चों को बचाने के लिए उन्हें संस्कारवान बनाना होगा। नशा मुक्ति को लेकर जमीनी स्तर पर जागरूकता अभियान चलाए जाने चाहिए।

इस दौरान उन्होंने आजकल युवाओं के फैशन के स्टाइल पर भी टिप्पणी की। कहा कि उन्हें आश्चर्य होता है जब युवाओं को फटे हुए कपड़े पहनकर घूमते देखते हैं। उन्होंने संबोधन के दौरान एक किस्सा भी सुनाया। जिसमें उन्होंने कहा कि एक बार वे एक जहाज में यात्रा कर रहे थे। तब उनके पास एक महिला दो बच्चों के साथ बैठी थी। उन्होंने देखा कि उसकी जीन्स जगह-जगह से फटी थी।

महिला ने उन्हें बताया कि वह दिल्ली जा रही है, उसके पति प्रोफेसर हैं और वह एक एनजीओ चलाती हैं। फिर मुझे हैरानी हुई कि पढ़े-लिखे लोग भी अपनी संस्कृति को भूलते जा रहे हैं। उन्होंने इस बीच यह भी ताना मारा कि पहाड़ की युवतियां व युवक बड़े शहरों में कुछ समय बिताने के बाद जब लौटते हैं तो खुद को मुंबई का हीरो-हीरोइन समझने लगते हैं।

उन्होंने कहा कि पश्चिमी देश भारतीय संस्कृति की महानता को समझ चुके हैं, इसलिए अब वह हमारी संस्कृति का अनुसरण कर रहे हैं, लेकिन चिंताजनक बात यह है कि हमारे देश के युवा पश्चिमी संस्कृति से प्रभावित हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि नशा मुक्ति के लिए चलाए जा रहे अभियान में सिर्फ सरकारी प्रयास ही पर्याप्त नहीं हो सकते, इसके लिए सामाजिक संगठनों, संस्थाओं और समाज के गणमान्य व्यक्तियों को भी आगे आना होगा।

यह भी पढ़ें-भगवान राम से पीएम मोदी की तुलना को लेकर सीएम के बयान से गरमाई सियासत, जानिए क्‍या बोले कांग्रेसी नेता

Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.