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    Uttarakhand Cabinet: धामी सरकार ने कैबिनेट मीटिंग में खोला पिटारा- आम जनता से लेकर निवेशकों तक सबको मिलेगा लाभ

    By Vikas gusainEdited By: Shivam Yadav
    Updated: Tue, 12 Sep 2023 09:46 PM (IST)

    उत्तराखंड में सेवा क्षेत्र को नए पंख लगने जा रहे हैं। यह क्षेत्र आने वाले कुछ वर्षों के भीतर राज्य की आर्थिकी को मजबूत करेगा और रोजगार बरसाएगा। राज्य मंत्रिमंडल ने मंगलवार को उत्तराखंड सेवा क्षेत्र नीति-2023 को स्वीकृति दी। नीति के अंतर्गत चिह्नित आठ प्रमुख क्षेत्रों में वर्ष 2030 से पहले 60 हजार करोड़ रुपये पूंजी निवेश और 20 लाख व्यक्तियों को रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है।

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    10 लाख श्रमिकों का कौशल विकास किया जाएगा।

    देहरादून, राज्य ब्यूरो: देवभूमि उत्तराखंड में सेवा क्षेत्र को नए पंख लगने जा रहे हैं। यह क्षेत्र आने वाले कुछ वर्षों के भीतर राज्य की आर्थिकी को मजबूत करेगा, साथ में रोजगार भी बरसाएगा। राज्य मंत्रिमंडल ने मंगलवार को उत्तराखंड सेवा क्षेत्र नीति-2023 को स्वीकृति दी। नीति के अंतर्गत चिह्नित आठ प्रमुख क्षेत्रों में वर्ष 2030 से पहले 60 हजार करोड़ रुपये पूंजी निवेश और 20 लाख व्यक्तियों को रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही 10 लाख श्रमिकों का कौशल विकास किया जाएगा। 

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    वर्ष 2027 से पहले 45 हजार करोड़ के पूंजी निवेश को आमंत्रित करने की तैयारी है। आगामी दिसंबर में प्रस्तावित वैश्विक निवेशक सम्मेलन में सेवा क्षेत्र में ही 15 हजार करोड़ रुपये के निवेश को आकर्षित करने की योजना पर काम किया जा रहा है। नई नीति को इस दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

    सशक्त उत्तराखंड बनाने की दिशा में सेवा क्षेत्र की भूमिका महत्वपूर्ण

    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंगलवार को सचिवालय में मंत्रिमंडल की बैठक में कुछ छह प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई। मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने बताया कि मंत्रिमंडल ने सेवा क्षेत्र नीति-2023 पर मुहर लगा दी है। प्रदेश में सेवा क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है। यह माना गया है कि प्रदेश को सशक्त उत्तराखंड बनाने की दिशा में सेवा क्षेत्र की भूमिका काफी महत्वपूर्ण हो सकती है। निवेशक सम्मेलन में यह एक ऐसा क्षेत्र होगा, जिसकी ओर निवेशक आकर्षित होंगे। इसे देखते हुए सेवा क्षेत्र नीति बनाई गई है। 

    इस नीति में इन आठ प्रमुख क्षेत्रों को शामिल किया गया है-

    • स्वास्थ्य सेवाएं
    • वेलनेस एवं पारंपरिक इलाज 
    • शिक्षा
    • फिल्म, मीडिया और मनोरंजन
    • खेल
    • सूचना प्रौद्योगिकी
    • डेटा सेंटर 
    • कौशल विकास। 

    पर्यटन और आयुष की अलग नीति

    पर्यटन और आयुष की अलग नीति बनने के कारण इन दोनों क्षेत्रों को इसमें शामिल नहीं किया गया है। यह नीति दिसंबर 2010 तक के लिए बनाई गई है। इसमें हर सेवा क्षेत्र में मैदानी व पर्वतीय क्षेत्र में निवेश के लिए न्यूनतम सीमा रखी गई है। इसी आधार पर निवेशकों को प्रोत्साहन के रूप में कैपिटल सब्सिडी दी जाएगी अथवा भू आवंटन किया जाएगा।

    कैपिटल सब्सिडी कुल निवेश का 25 प्रतिशत रखी गई है। यदि कोई भूमि लेता है तो भूमि की कीमत बाजार भाव से तय की जाएगी। यदि निवेश की सीमा भूमि की कीमत से अधिक होती है तो फिर शेष राशि कैपिटल सब्सिडी के रूप में निवेशक को दी जाएगी। यह सब्सिडी तब ही मिलेगी, जब नीति के अंतर्गत तय व्यवस्था के अनुसार प्रदेश के निवासियों को रोजगार दिया जाएगा।

    कैबिनेट के अन्य महत्वपूर्ण निर्णय

    • ऊर्जा पंप स्टोरेज प्लांट नीति को मंजूरी।
    • ऊधम सिंह नगर में गैस आधारित प्लांट को आपूर्ति की जाने वाली सीएनजी गैस पर 20 प्रतिशत वैट नहीं लिया जाएगा, होगा बिजली उत्पादन।
    • औली विकास प्राधिकरण का होगा गठन।
    • बदरीनाथ में विभिन्न कलाकृतियों की स्थापना के लिए पहले से कार्यरत संस्था को ही जिम्मेदारी।

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