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    उत्तराखंड: निजी विश्वविद्यालयों पर रहेगी सरकार की नजर, नहीं कर सकेंग मनमानी

    By Raksha PanthriEdited By:
    Updated: Wed, 03 Mar 2021 11:05 AM (IST)

    Uttarakhand Cabinet Meet उत्तराखंड में दो और निजी विश्वविद्यालय अस्तित्व में आने जा रहे हैं। मंत्रिमंडल ने देवभूमि उत्तराखंड विश्वविद्यालय विधेयक और सूरजमल विश्वविद्यालय विधेयकों पर मुहर लगा दी। इन दोनों निजी विश्वविद्यालयों पर सरकार की निगरानी रहेगी।

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    उत्तराखंड: निजी विश्वविद्यालयों पर रहेगी सरकार की नजर, नहीं कर सकेंग मनमानी।

    राज्य ब्यूरो, गैरसैंण। उत्तराखंड में दो और निजी विश्वविद्यालय अस्तित्व में आने जा रहे हैं। मंत्रिमंडल ने देवभूमि उत्तराखंड विश्वविद्यालय विधेयक और सूरजमल विश्वविद्यालय विधेयकों पर मुहर लगा दी। इन दोनों निजी विश्वविद्यालयों पर सरकार की निगरानी रहेगी। निजी विश्वविद्यालय मनमानी नहीं कर सकेंगे। राज्यपाल इनके कुलाध्यक्ष होंगे। निजी विश्वविद्यालयों के व्यवस्थापक मंडल में उच्च शिक्षा प्रमुख सचिव या सचिव बतौर सदस्य शामिल रहेंगे। व्यवस्थापक मंडल विश्वविद्यालय की मुख्य नियंत्रक संस्था होगी। 

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    मंत्रिमंडल ने देहरादून में देवभूमि उत्तराखंड विश्वविद्यालय की स्थापना पर मुहर लगाई। यह विश्वविद्यालय आयुष, तकनीकी शिक्षा, प्रबंधकीय, कंप्यूटर, कृषि विज्ञान, आर्किटेक्चर, एप्लायड साइंसेज, नर्सिंग, फार्मेंसी, पत्रकारिता, जनसंचार, खाद्य प्रौद्योगिकी, वाणिज्य, होटल प्रबंधन, इंजीनियङ्क्षरग व टेक्नोलाजी में अपनी सेवाएं देगा। इसके साथ आतिथ्य प्रबंधन शिक्षा व सामान्य विज्ञान के क्षेत्र में शिक्षण, प्रशिक्षण एवं शोध कार्य की सुविधाएं मुहैया कराएगा। इसका संचालन उत्तराखंड उत्थान समिति करेगी। किच्छा में विवि की स्थापनामंत्रिमंडल ने अन्य फैसले में ऊधमसिंहनगर जिले में किच्छा में सूरजमल विश्वविद्यालय को मंजूरी दी। 

    यह विश्वविद्यालय तकनीकी, उच्च, अध्यापक शिक्षा, विज्ञान व प्रौद्योगिकी, सामान्य विज्ञान, प्रबंधकीय क्षेत्र में शिक्षण, प्रशिक्षण, शोध कार्य व प्रसार से संबंधित शिक्षा प्रदान करेगा। विश्वविद्यालय का संचालन सूरजमल लक्ष्मीदेवी सावरथिया एजुकेशनल ट्रस्ट किच्छा करेगा। उक्त दोनों निजी विश्वविद्यालयों के व्यवस्थापक मंडल में कुलाध्यक्ष के रूप में राज्यपाल छह सदस्य नामित कर सकेंगे। महाविद्यालय की जगह इस्तेमाल होगा स्कूल स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय अधिनियम में संशोधन को हरी झंडी दिखाई गई है। 

    विश्वविद्यालय में स्थापित संघटक महाविद्यालयों में हिमालयन स्कूल आफ साइंस एंड टेक्नोलाजी के नाम में स्कूल शब्द का प्रयोग किए जाने और भविष्य में स्थापित होने वाले नवीन संघटक महाविद्यालयों में भी स्कूल शब्द का प्रयोग करने को लेकर संशोधन किया गया है। 

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