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    Uttarakhand Cabinet: उत्तराखंड में दिव्यांग पेंशन योजना हुई आसान, 20 वर्ष आयु सीमा समाप्त

    Updated: Wed, 09 Jul 2025 08:58 PM (IST)

    उत्तराखंड सरकार ने विकलांग पेंशन योजना को सरल बना दिया है। अब 20 वर्ष से अधिक आयु के पुत्र या पौत्र होने पर भी पेंशन जारी रहेगी। कैबिनेट ने समाज कल्याण विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दी। वर्तमान में 85403 विकलांगजन 1500 रुपये मासिक पेंशन प्राप्त कर रहे हैं। बीपीएल श्रेणी के लाभार्थियों के लिए भी आयु सीमा की शर्त हटा दी गई है।

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    कैबिनेट ने दिव्यांग पेंशन योजना को सरलीकृत करने के प्रस्ताव को दी हरी झंडी. File

    राज्य ब्यूरो, जागरण देहरादून। धामी सरकार ने दिव्यांग पेंशन योजना के लाभार्थियों को बड़ी राहत दे दी है। योजना में अब लाभार्थी को उसके पुत्र या पौत्र की आयु 20 वर्ष से अधिक होने पर भी नियमित रूप से पेंशन मिलती रहेगी।

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    कैबिनेट की बुधवार को हुई बैठक में समाज कल्याण विभाग की ओर से रखे इससे संबंधित प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी गई। राज्य में वर्तमान में 85,403 दिव्यांगजन सरकार से प्रतिमाह 1500 रुपये की पेंशन प्राप्त कर रहे हैं।

    वृद्धावस्था और विधवा पेंशन के मामले में भी पूर्व में शर्त थी कि लाभार्थी के पुत्र या पौत्र की आयु 20 वर्ष होने पर उसकी पेंशन रोक दी जाएगी। सरकार ने वर्ष 2021 में सरकार ने इन दोनों मामलों से यह शर्त हटा दी थी, लेकिन दिव्यांग पेंशन योजना में यह चली आ रही थी। वर्ष 2022 में मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि दिव्यांग पेंशन योजना का भी सरलीकरण कर यह शर्त हटाई जाएगी।

    अब कैबिनेट ने इस प्रस्ताव पर मुहर लगाई है। दिव्यांग पेंशन योजना में लाभार्थी की आय चार हजार रुपये मासिक निर्धारित है। अब ये तय किया गया है कि जो लाभार्थी यह पात्रता पूरी करते हैं, उनके पुत्र या पौत्र के 20 वर्ष से अधिक आयु के होने पर भी वे पेंशन के हकदार होंगे। इसके अलावा बीपीएल श्रेणी में आने वाले दिव्यांग लाभार्थियों के मामले में भी पुत्र व पौत्र की आयु सीमा की शर्त हटा दी गई है।