विशेषज्ञों की निगरानी में होगा पुलों का उच्चीकरण, उत्तराखंड कैबिनेट ने दी पीएमयू को मंजूरी
उत्तराखंड सरकार ने पुलों को सुरक्षित और मजबूत बनाने के लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (पीएमयू) के गठन को मंजूरी दी है। पांच साल के लिए गठित इस इकाई में 49 पद होंगे। प्रदेश में लगभग 2000 पुल हैं जिनमें से कई पुराने हैं और भारी वाहनों के लिए सुरक्षित नहीं हैं। एडीबी की सहायता से पुलों का उच्चीकरण किया जाएगा जिससे परिवहन सुगम होगा।
राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। प्रदेश में यातायात, यात्रा एवं भारी व मालवाहक वाहनों की आवाजाही का भूमिका जरिया बने पुलों को सुरक्षित, सुदृढ़ एवं उच्चीकृत करने के लिए सरकार ने अहम कदम उठाया है।
पुलों की भार वहन क्षमता बढ़ाने और उन्हें सुरक्षित बनाने का कार्य विशेषज्ञता के आधार पर कराने के लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (पीएमयू) का गठन किया गया है। पांच साल के लिए गठित इस पीएमयू में कुल 49 पद होंगे। कैबिनेट ने पुलों के उच्चीकरण को पीएमयू गठित करने के लोक निर्माण विभाग के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है।
प्रदेश के ग्रामीण, पर्वतीय व सीमांत क्षेत्रों में सुरक्षित आवागमन के लिए तकरीबन 2000 पुल हैं। इनमें से कई पुल काफी पुराने हैं। इनमें भारी वाहनों का संचालन सुरक्षित नहीं कहा सकता। इस समय प्रदेश में पनबिजली परियोजनाएं, सड़क एवं रेलवे नेटवर्क, रोपवे व टनल की बड़ी एवं महत्वाकांक्षी परियोजनाओं पर काम चल रहा है। इनके निर्माण के लिए भारी मशीनरी व उपकरण का उपयोग होता है।
पुराने पुल इन भारी मशीनों के भार उठाने में सक्षम नहीं है। इसे देखते प्रदेश में बी श्रेणी के तकरीबन 300 से अधिक पुलों को ए श्रेणी में परिवर्तित किया जाना है। इससे न केवल परिवहन व यातायात आसान होगा, इससे छोटे मार्ग आपस में जुड़ेंगे और ईंधन की खपत भी कम होगी।
एशियन डेवलपमेंट बैंक ने 1640 करोड़ की लागत से इस कार्य को करने की सहमति दी है। इस लागत का वहन 80:20 के अनुपात में एडीबी व राज्य सरकार करेंगे। यह पीएमयू बी श्रेणी से ए श्रेणी में उच्चीकृत किए जाने वाले पुलों की डीपीआर बनाने के साथ ही इनके निर्माण को उचित दिशा-निर्देश देगा।
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