उत्तराखंड कैबिनेट का बड़ा फैसला, स्वास्थ्य सेवाओं में होगी आउटसोर्सिंग भर्ती
उत्तराखंड कैबिनेट ने स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग में सीधी भर्ती के पदों पर आउटसोर्सिंग से भर्ती को मंजूरी दी है। इससे वार्ड बॉय से लेकर चिकित्सकों की नियुक्ति हो सकेगी और रेजीडेंट प्रोफेसरों की कमी दूर होगी। अन्य विभागों के मामलों के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है जो आउटसोर्सिंग की आवश्यकता का आकलन करेगी।

राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। कैबिनेट ने स्वास्थ्य विभाग व चिकित्सा शिक्षा विभाग में सीधी भर्ती के पद पर आउटसोर्स से भर्ती करने को मंजूरी प्रदान कर दी है। इससे स्वास्थ्य विभाग में आउटसोर्स के जरिये वार्ड ब्वाय से लेकर चिकित्सकों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। साथ ही चिकित्सा शिक्षा विभाग को रेजीडेंट प्रोफेसर मिलने में आ रही अड़चन भी दूर हो गई है।
प्रदेश सरकार ने कुछ समय पहले प्रदेश के सभी विभागों में सीधी भर्ती के पदों पर आउटसोर्स से नियुक्ति पर प्रतिबंध लगा दिया था। यह कदम इसलिए उठाया गया, क्योंकि सीधी भर्ती के पदों पर कार्यरत आउटसोर्स कर्मियों ने नियमितीकरण को लेकर अदालत का दरवाजा खटखटाना शुरू कर दिया था। इससे सरकार के सामने काफी कठिनाइयां आ रही थीं।
यद्यपि, शासन के इस आदेश का सीधा असर स्वास्थ्य विभाग व चिकित्सा शिक्षा विभाग पर पड़ा। कारण यह कि प्रदेश में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी बनी हुई है। तमाम प्रयासों के बावजूद यह पद भरे नहीं जा सके हैं। ऐसे में विभाग आउटसोर्स के माध्यम से इनकी भर्ती कर रहा है। यही स्थिति चिकित्सा शिक्षा विभाग में है। यहां भी पढ़ाने के लिए योग्य प्रोफेसर नहीं मिल रहे हैं। इनकी भर्ती भी आउटसोर्स के जरिए हो रही थी।
स्वास्थ्य विभाग ने इस परेशानी को शासन व सरकार के समक्ष रखा था। यह विषय बुधवार को कैबिनेट के समक्ष आया। कैबिनेट ने स्वास्थ्य विभाग व चिकित्सा शिक्षा विभाग में आउटसोर्स से भर्ती की अनुमति प्रदान कर दी है। साथ ही अन्य विभागों से इस प्रकार के प्रकरणों के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है। यह समिति देखेगी कि आउटसोर्स पर कार्मिक रखने की विभाग की मांग कितनी उचित है।

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