उत्तराखंड कैबिनेट की बैठक संपन्न, तीन महत्वपूर्ण प्रस्तावों को दी मंजूरी
Uttarakhand Cabinet Meeting मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। कुंभ मेले में 82 पदों पर नियुक्ति को मंजूरी दी गई शिक्षा विभाग में प्रधानाचार्य की नियमावली में संशोधन होगा और ई-स्टैंप व्यवस्था में भी बदलाव किया गया। इसके अतिरिक्त कार्मिकों के स्थानांतरण और अन्य विभागीय मुद्दों पर भी चर्चा हुई।

राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। प्रदेश में 1180 राजकीय इंटर कालेजों में प्रधानाचार्यों के रिक्त पदों को शीघ्र भरने का रास्ता साफ हो गया।पुष्कर सिंह धामी मंत्रिमंडल ने प्रधानाचार्यों के सीधी भर्ती के लिए सेवा नियमावली में संशोधन को हरी झंडी दिखा दी। इससे प्रधानाचार्य पद पर सीधी भर्ती के लिए परीक्षा को लेकर अड़चन दूर होने की उम्मीद बंधी है।
सचिवालय में बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में शिक्षा विभाग से संबंधित यह महत्वपूर्ण निर्णय किया गया। प्रधानाचार्य पद की संशोधित सेवा नियमावली के अनुसार प्रधानाचार्य विभागीय सीमित परीक्षा के लिए जो पात्रता तय की गई है उसमें अभ्यर्थी की दो वर्ष बतौर प्रधानाध्यापक सेवा पूरी होनी चाहिए। प्रवक्ता का सेवाकाल 10 वर्ष का पूरा होना चाहिए।
प्रवक्ता पद पर पदोन्नति प्राप्त ऐसे शिक्षक जो प्रवक्ता एवं सहायक अध्यापक (एलटी) के पद पर सम्मिलित रूप से 15 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके हों एवं मौलिक रूप से नियुक्त ऐसे सहायक अध्यापक जिसने न्यूनतम 15 वर्ष की संतोषजनक सेवा पूर्ण कर ली है, वह सीमित विभागीय परीक्षा के लिए पात्र होंगे। इसके अलावा नान बीएड प्रवक्ता भी परीक्षा के पात्र रहेंगे। सीमित विभागीय परीक्षा के लिए अभ्यर्थी की आयु 55 वर्ष तय है।
अंतिम दो पात्रता नियम यथावत रखे गए हैं। प्रधानाचार्य की विभागीय सीमित परीक्षा नियमावली पर वित्त विभाग की ओर से एलटी कैडर के शिक्षकों को निचले ग्रेड पे का कार्मिक हाेने पर आपत्ति लगाई थी। इसके बाद कैबिनेट के निर्देश पर एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया। समिति ने हाल ही में वित्त विभाग की आपत्ति खारिज कर नियमावली मंत्रिमंडल के समक्ष प्रस्तुत की।
सरकार ने प्रधानाचार्य के निर्धारित पदों को 50 प्रतिशत विभागीय पदोन्नति और 50 प्रतिशत पद विभागीय परीक्षा से भरने की नियमावली वर्ष 2023 में बनाई थी। जिस पर राजकीय शिक्षक संघ ने कड़ी आपत्ति जताई और प्रधानाचार्य पद शत प्रतिशत पदोन्नति से भरने की मांग की। इस कारण प्रधानाचार्य के 692 पदों पर प्रस्तावित विभागीय परीक्षा स्थगित करनी पड़ी थी। सरकार ने नियमावली में कुछ संशोधन कर एलटी शिक्षकों को भी परीक्षा में शामिल किया। राज्य में 1385 प्रधानाचार्य पदों में से 1180 रिक्त है। केवल 205 प्रधानाचार्य ही कार्यरत हैं।
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