उत्तराखंड में आपदा से निपटने के लिए बनेंगे डिजास्टर प्रूफ 230 नए पुल, बाढ़ नहीं कर पाएगी नुकसान
उत्तराखंड आपदा से सीख लेकर 230 नए पुल बना रहा है। ये पुल बाढ़ भूकंप और भूस्खलन को ध्यान में रखकर डिजाइन किए जा रहे हैं। बी-श्रेणी के पुलों को ए-श्रेणी में बदला जा रहा है जिनमें नवीनतम आपदा-रोधी तकनीक का उपयोग होगा। पुलों की ऊंचाई बढ़ाई जाएगी और उन्हें लचीला बनाने के लिए विशेष तकनीक का प्रयोग किया जाएगा जिससे आपदाओं में नुकसान कम हो।

अश्वनी त्रिपाठी, देहरादून । आपदा की मार झेल चुके उत्तराखंड ने इस बार बड़ा सबक लिया है। नदियों की उफनती धारा और पहाड़ों से गिरते विशालकाय पत्थरों ने जब राज्य में 38 पुलों को नुकसान पहुंचाया तो निर्माण एजेंसियों को यह एहसास हुआ कि आपदारोधी बुनियादी ढांचा अब पहाड़ की जरूरत है। इसलिए लोक निर्माण विभाग ने बाढ़, भूकंप, भूस्खलन को ध्यान में रखकर राज्य में 230 नए पुलों का डिजाइन तैयार किया है। इन नए पुलों को अधिक मज़बूत, सुरक्षित व टिकाऊ बनाया जाएगा।
एडीबी के सहयोग से राज्य में 230 बी-श्रेणी पुलों को ए-श्रेणी में बदलने के प्रोजेेक्ट पर काम चल रहा है। आपदा से मिले जख्मों का असर यह है कि अब परियोजना में नवीनतम आपदारोधी तकनीक का प्रयोग किया जाएगा। लोनिवि के अनुसार नए पुलों के निर्माण में सौ साल के अधिकतम हाई-फ्लड लेवल डिजाइन का प्रयोग कर पुल को पहले की अपेक्षा ऊंचा बनाया जाएगा।
ज्यादा दबाव सह सकते हैं पुल
बाढ़ के दौरान ऊंचे पुल पानी का अधिकतम दबाव सह सकेंगे। फ्लेक्सी-फाउंडेशन तकनीक व सिस्मिक आइसोलेशन बेयरिंग्स पुल को लचीला बनाएगी, ताकि भूकंप-आपदा में पुल के टूटने का खतरा कम हो। वहीं राक एंकरिंग में चट्टानों को स्टील राड व कंक्रीट से बांधकर पुल की नींव को मजबूती दी जाएगी।
फाइबर रिइनफोर्स्ड पालिमर मैटेरियल व हाई-डेंसिटी स्टील पुल की भार वहन क्षमता बढाकर जंग से बचाते हुए उम्र दोगुनी करेगा। पुल के जोड़ों पर विशेष शाक एब्जार्बर लगेंगे, जो भूकंप व तेज़ झटकों से पुल को सुरक्षित रखेंगे। इससे बादल फटने जैसी घटनाओं में भी पुल को नुकसान कम होगा।
अभी क्या है स्थिति?
उत्तराखंड में कुल पुल: 2000
परियोजना लागत: 1640 करोड़
बजट- 80% एडीबी- 20% राज्य सरकार
बी श्रेणी पुल: 50-55 टन भार क्षमता
ए श्रेणी पुल: 70 टन तक भार क्षमता
अन्य राज्यों से प्रेरणा
-गुजरात-नए पुलों में गहरी नींव और प्री-स्ट्रेस्ड कंक्रीट का प्रयोग भूकंप जैसी आपदा में मजबूती दे रहा है।
-बिहार- ऊंचे पिलर-लंबे स्पैन डिज़ाइन का प्रयोग तेज जलप्रवाह को झेलने की क्षमता बढा रहा है।
-केरल- जंगरोधी स्टील व मौसम-रोधी कंक्रीट के प्रयोग से पुलों को बारिश में नुकसान कम हुआ है।
बी ग्रेड पुलों को ए ग्रेड में बदलने की प्रक्रिया में नवीनतम आपदारोधी तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है, हाई-फ्लड लेवल डिजाइन के आधार पर पुल की अधिकतम ऊंचाई तय की जा रही है, आपदारोधी तकनीक पुलों को सुरक्षित कर लंबी उम्र देगी।
- राजेश शर्मा, विभागाध्यक्ष, लोक निर्माण विभाग
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