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    Uttarakhand Budget 2022-23 : अटल आयुष्मान के बजट में तीन गुना वृद्धि, कक्षा नौ से 12वीं तक के छात्रों को मिलेंगी निशुल्क पुस्तकें

    By Nirmala BohraEdited By:
    Updated: Wed, 15 Jun 2022 02:08 PM (IST)

    उत्तराखंड के समस्त परिवारों को निश्शुल्क एवं कैशलेस उपचार की सुविधा देने के लिए सरकार ने आयुष्मान भारत की तर्ज पर अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना की शुरुआत की है। सरकार ने अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के बजट में इस साल भारी इजाफा किया है।

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    अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के बजट में इस साल भारी इजाफा

    जागरण संवाददाता, देहरादून: जन स्वास्थ्य के मोर्चे पर सरकार की नेक नियत बजट में झलकी है। राज्य सरकार ने अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के बजट में इस साल भारी इजाफा किया है। अटल आयुष्मान योजना के लिए भी गत वर्ष 100 करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया था, जिसे बढ़ाकर अब 310 करोड़ रुपये कर दिया गया है। यानी बजट में तीन गुना वृद्धि की गई है।

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    उत्तराखंड के समस्त परिवारों को निश्शुल्क एवं कैशलेस उपचार की सुविधा देने के लिए सरकार ने आयुष्मान भारत की तर्ज पर अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना की शुरुआत की है। जिसके तहत पांच लाख तक का निशुल्क उपचार मरीजों को मिलता है। इस योजना के तहत 42 लाख 83 हजार व्यक्तियों के आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं। योजना के तहत राज्य में 102 राजकीय व 122 निजी चिकित्सालय सूचीबद्ध हैं। वहीं, इस योजना के तहत चार लाख 54 हजार मरीज अस्पतालों में भर्ती हुए हैं।

    खास बात ये कि अब अटल आयुष्मान के तहत नेशनल पोर्टेबिलिटी की भी सुविधा दी जा रही है। निम्न व निम्न मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए यह योजना किसी वरदान से कम नहीं है। यह उन्हें बुरे दौर में संबल प्रदान कर रही है। सरकार भी इसका महत्व समझती है। पिछले कुछ वक्त से योजना में सूचीबद्ध निजी अस्पतालों का बकाया बढ़ता जा रहा था। कहा जाने लगा था कि इस कारण अब अस्पताल भी योजना में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे। इस मर्ज का इलाज बजट में कर दिया गया है।

    सात पर्वतीय जिलों में डे केयर कैंसर यूनिट

    उत्तराखंड के सदूरवर्ती पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले कैंसर के मरीजों को कीमोथेरेपी के लिए अब बार-बार शहरी क्षेत्रों के अस्पतालों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। स्वास्थ्य विभाग इसके लिए सात जिलों में कैंसर केयर यूनिट खोलने जा रहा है। यहां मरीजों को कीमोथेरेपी के साथ ही विशेषज्ञों से टेली कंसलटेशन भी कराया जाएगा। बता दें, पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले कैंसर रोगियों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है। उनका पैसा और समय दोनों ही अधिक लगता है। इसे देखते हुए राष्ट्रीय स्वाथ्य मिशन (एनएचएम) के तहत उत्तरकाशी, टिहरी, चमोली, पौड़ी, पिथौरागढ़, चंपावत व अल्मोड़ा में डे केयर कैंसर यूनिट शुरू की जा रही हैं।

    सभी छात्र-छात्राओं के लिए निशुल्क पाठ्य पुस्तकें देने का निर्णय

    प्रदेश सरकार ने विद्यालयी शिक्षा के अंतर्गत नौवीं से 12वीं कक्षा तक के अनुसूचित जाति व जनजाति के साथ-साथ सामान्य वर्ग के सभी छात्र-छात्राओं के लिए निशुल्क पाठ्य पुस्तकें देने का निर्णय लिया है। इसके लिए 36.86 करोड़ रुपये बजट का प्राविधान किया गया है। प्रदेश में वर्तमान में 2830 जूनियर हाईस्कूल और 2230 राजकीय इंटर कालेज संचालित किए जा रहे हैं। जिसमें एक लाख दो हजार से अधिक छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं।

    इस बारे शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने संपर्क करने पर कहा कि चालू शिक्षा सत्र में शत प्रतिशत विद्यालयों में निशुल्क पुस्तकें उपलब्ध करने के लिए मुख्य शिक्षा अधिकारी (सीईओ) व जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) को पहले ही निर्देशित किया गया है। एक सप्ताह का अल्टीमेटम देकर सभी छात्र-छात्राओं को घर-घर जाकर पुस्तकें उपलब्ध करने और इसकी रिपोर्ट निदेशालय को देने को लेकर निर्देशित किया गया है। चालू शिक्षा सत्र में आवंटित बजट को शत प्रतिशत उपयोग करने को लेकर निर्देशित किया गया है।

    अटल उत्कृष्ट विद्यालय को 12.28 करोड़

    सरकार ने प्रदेश के चयनित 189 अटल उत्कृष्ट विद्यालयों को सीबीएसई बोर्ड की तर्ज पर संचालित करने के लिए 12.28 करोड़ रुपये बजट का प्राविधान किया है। प्रदेश सरकार ने स्कूली छात्रों को भविष्य में रोजगार से जोडऩे की योजना बनाई ळै। इसके लिए प्रदेश के सभी 95 शिक्षा ब्लाकों में प्रत्येक ब्लाक में दो-दो राजकीय इंटर कालेजों को अलट उत्कृष्ट विद्यालय के रूप में चयन किया है। इस विद्यालयों को सीबीएसई बोर्ड के साथ संबद्ध किया गया है। यहां अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई करने का व्यवस्था की गई है। इसके लिए इन विद्यालयों में अलग से शिक्षकों की भर्ती टेस्ट के बाद की। इन विद्यालयों की मानीटरिंग खुद शिक्षा निदेशक माध्यमिक आरके कुंवर खुद कर रहे हैं। हालांकि इस विद्यालयों का संचालन करने का जिम्मा अलग से किसी एजेंसी के पास नहीं हैं। ऐसे में यहां पहले से ही सेवारत पुराने शिक्षकों का तबादला होने से पढ़ाई प्रभावित हो सकती हैं।