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CBSE की तर्ज पर अंक देने का फार्मूला तकरीबन तय, समिति दो दिन के अंदर शासन को सौंपेगी रिपोर्ट

Uttarakhand Board सीबीएसई के साथ ही उत्तरप्रदेश और हिमाचल प्रदेश की व्यवस्था को परखने के बाद उत्तराखंड बोर्ड की 10वीं व 12वीं की बोर्ड कक्षाओं के छात्र-छात्राओं के लिए अंक निर्धारण का फार्मूला तकरीबन तय कर लिया गया है।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Tue, 22 Jun 2021 09:15 AM (IST)Updated: Tue, 22 Jun 2021 09:15 AM (IST)
CBSE की तर्ज पर अंक देने का फार्मूला तकरीबन तय, समिति दो दिन के अंदर शासन को सौंपेगी रिपोर्ट
CBSE की तर्ज पर अंक देने का फार्मूला तकरीबन तय।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। Uttarakhand Board सीबीएसई के साथ ही उत्तरप्रदेश और हिमाचल प्रदेश की व्यवस्था को परखने के बाद उत्तराखंड बोर्ड की 10वीं व 12वीं की बोर्ड कक्षाओं के छात्र-छात्राओं के लिए अंक निर्धारण का फार्मूला तकरीबन तय कर लिया गया है। शिक्षा महानिदेशक की अध्यक्षता में गठित समिति की सोमवार को हुई बैठक में यह कसरत हुई। उत्तराखंड में सीबीएसई की तर्ज पर फार्मूला तय करने के संकेत हैं। समिति दो दिन के भीतर शासन को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। सरकार की मुहर लगने के बाद उत्तराखंड बोर्ड के स्तर पर आगे की कार्यवाही की जाएगी।

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उत्तराखंड बोर्ड की 12वीं व 10वीं कक्षा के करीब 2.71 लाख छात्र-छात्राओं के रिजल्ट के लिए अंकों के निर्धारण का फार्मूला जल्द तय करने को गठित समिति को अन्य कई दिक्कतों से भी रूबरू होना पड़ रहा है। प्रधानाचार्य परिषद से लेकर शिक्षकों के संगठन कई स्कूलों में कोरोना संकट की वजह से प्रदेश में प्री बोर्ड या मासिक परीक्षा नहीं कराने का तथ्य सामने ला चुके हैं। ऐसे में प्री-बोर्ड और मासिक परीक्षा कराने से वंचित रहे माध्यमिक स्कूलों और प्रेक्टिकल नहीं दे सके तकरीबन पांच फीसद छात्र-छात्राओं को दोबारा परीक्षा का मौका देने अथवा अन्य विकल्प पर भी समिति ने मंथन किया। इस बारे में आगे एक-दो दिन में फैसला लेने के साथ ही समिति अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपेगी।

शिक्षा महानिदेशक विनय शंकर पांडेय की अध्यक्षता में गठित समिति में माध्यमिक शिक्षा निदेशक आरके कुंवर, अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण निदेशक सीमा जौनसारी, उत्तराखंड बोर्ड की सचिव नीता तिवारी और गढ़वाल व कुमाऊं मंडल के अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक सदस्य हैं। समिति की पहली बैठक में 12वीं की परीक्षा को लेकर मोटे तौर पर फार्मूले पर सहमति बन चुकी है। इसमें 10वीं व 11वीं की परीक्षा में प्राप्त अंकों का 30-30 फीसद और 12वीं कक्षा में हुई मासिक परीक्षा, प्री-बोर्ड परीक्षा, प्रायोगिक परीक्षा व अन्य परीक्षा के अंकों का 40 फीसद 12वीं कक्षा में विभिन्न आंतरिक परीक्षाओं, प्रायोगिक परीक्षाओं के अंकों के निर्धारण में शामिल करने का प्रस्ताव है।

सोमवार को समिति की दूसरी बैठक में कई राज्यों में की जा रही व्यवस्था का अध्ययन भी किया गया। सूत्रों के मुताबिक 10वीं कक्षा में नौवीं के प्राप्तांक के साथ ही 10वीं कक्षा के दौरान विभिन्न परीक्षाओं में मिले अंकों के आधार पर मूल्यांकन होना है। संपर्क करने पर शिक्षा महानिदेशक विनय शंकर पांडेय ने समिति की बैठक की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि एक-दो दिन में समिति अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपेगी। समिति ने विभिन्न पहलुओं पर मंथन कर रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया है।

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