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Uttarakhand Board के छात्र-छात्राओं के लिए आई बड़ी खबर, मूल्‍यांकन पैटर्न में हुआ बदलाव, इससे ला सकेंगे ज्यादा नंबर

Uttarakhand Board of Education उत्तराखंड बोर्ड से संबद्ध सभी सरकारी सहायताप्राप्त अशासकीय और निजी विद्यालयों में पाठ्यक्रम तो सीबीएसई के अनुसार बहुत पहले ही लागू किया जा चुका है। अब बोर्ड की 10वीं और 12वीं परीक्षा का मूल्यांकन अब सीबीएसई पैटर्न पर किया जाएगा।

By Nirmala BohraEdited By: Published: Sat, 11 Jun 2022 09:20 AM (IST)Updated: Sat, 11 Jun 2022 09:20 AM (IST)
Uttarakhand Board of Education : 10वीं और 12वीं परीक्षा का मूल्यांकन अब सीबीएसई पैटर्न पर

राज्य ब्यूरो, देहरादून : Uttarakhand Board of Education : प्रदेश सरकार ने उत्तराखंड बोर्ड के छात्र-छात्राओं के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। बोर्ड की 10वीं और 12वीं परीक्षा का मूल्यांकन अब सीबीएसई पैटर्न पर किया जाएगा।

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अब 10वीं में भाषा विषय में 100 अंक की लिखित परीक्षा के स्थान पर 20 अंक का आंतरिक मूल्यांकन होगा। लिखित परीक्षा के 80 अंक रहेंगे। वहीं 12वीं में कला विषयों में आंतरिक मूल्यांकन की व्यवस्था की गई है। इस व्यवस्था से उत्तराखंड बोर्ड के परीक्षार्थी सीबीएसई पैटर्न पर ज्यादा अंक ला सकेंगे।

उत्तराखंड बोर्ड से संबद्ध सभी सरकारी, सहायताप्राप्त अशासकीय और निजी विद्यालयों में पाठ्यक्रम तो सीबीएसई के अनुसार बहुत पहले ही लागू किया जा चुका है। बोर्ड एनसीईआरटी पाठ्यक्रम के अनुसार पढ़ाई करा रहा है। इसके बावजूद बोर्ड की 10वीं और 12वीं परीक्षा के मूल्यांकन का तरीका सीबीएसई के अनुसार लागू नहीं किया गया था। इसे पुराने उत्तर प्रदेश बोर्ड के आधार पर ही क्रियान्वित किया जा रहा था। अब धामी मंत्रिमंडल ने सीबीएसई पैटर्न पर बोर्ड परीक्षाओं का मूल्यांकन कराने को स्वीकृति दी है।

10वीं में भाषा में अब मिल सकेंगे अधिक अंक

सीबीएसई पैटर्न पर मूल्यांकन होने से 10वीं कक्षा में परीक्षार्थियों के लिए भाषा विषय में 20 अंक का आंतरिक मूल्यांकन होगा। विशेष बात यह है कि आंतरिक मूल्यांकन और लिखित परीक्षा, दोनों के प्राप्तांक मिलाकर 33 प्रतिशत होने पर परीक्षार्थी उत्तीर्ण माना जाएगा। उत्तराखंड बोर्ड में इससे पहले भाषा विषय में आंतरिक मूल्यांकन की व्यवस्था नहीं थी। इससे परीक्षार्थी को भाषा अभिव्यक्ति में प्रदर्शन सुधारना होगा, साथ में उसे आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर अधिक अंक प्राप्त करने का अवसर भी मिलेगा।

आंतरिक मूल्यांकन व प्रायोगिक विषय में अलग-अलग होना होगा पास

12वीं की परीक्षा में आंतरिक मूल्यांकन की व्यवस्था कला वर्ग के विषयों इतिहास, राजनीति विज्ञान आदि पर भी लागू होगी। 12वीं में अंतर यह है कि आंतरिक मूल्यांकन एवं प्रायोगिक विषयों में प्रायोगिक परीक्षा और लिखित परीक्षा में अलग-अलग पास होना पड़ेगा।

प्रायोगिक परीक्षा के अंक 30 ही रहेंगे, लेकिन इसमें 15 अंक आंतरिक मूल्यांकन के होंगे। बाह्य प्रायोगिक परीक्षा 15 अंकों की होगी। व्यावसायिक शिक्षा में कौशल विकास के अंक भी मिलेंगे। जिन माध्यमिक विद्यालयों में इसमें मूल्यांकन की वर्तमान व्यवस्था लागू रहेगी।

निजी विद्यालयों को होगी अधिक प्रतिपूर्ति

मंत्रिमंडल ने निश्शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिनियम-2009 की धारा-12 में प्रति छात्र की प्रतिपूर्ति राशि बढ़ाने का निर्णय किया है। दरअसल अभी तक निजी अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों में प्रवेश लेने वाले कमजोर व वंचित वर्गों के छात्रों के लिए प्रति छात्र करीब 1300 रुपये की दर से प्रतिपूर्ति की जाती है। अब निजी विद्यालयों को कंज्यूमर इंडेक्स प्राइस के आधार पर प्रतिपूर्ति की दर बढ़ाई गई है। इससे प्रति छात्र करीब 1600 रुपये की दर से निजी विद्यालयों को प्रतिपूर्ति की जा सकेगी। इससे सरकारी खजाने पर बोझ बढऩा तय है।


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